अमृत फल ‘आम’ के लिए जितना कहा जाय, थोड़ा ही रहेगा

राधे गोपाल स्वरुप
अमृत फल ‘आम’ का नाम आते ही मुंह में पानी आने लगता है चाहे वह कच्चा हो या पका हुआ। यूं तो कच्चा आम खट्टा ही होता है परन्तु स्वाद में चटकारा आना तो लाज़मी है। यदि पका मीठा आम हो तो क्या कहना? इसके लिए जो भी कहा जाये या जितना कहा जाय, थोड़ा ही रहेगा।
आम की जड़ से लेकर तने तक का हर भाग हमारे लिए बहुत ही जीवन उपयोगी है। भारत के हर कोने में सरलता से सुलभ ‘आम्रफल’ (आम) का वृक्ष हर मौसम में हरा ही रहता है।
चिकित्सा जगत में आयुर्वेद ने अपनी पद्धति में आम को अधिक स्वीकारा है। उसे बलवर्धक, वीर्यवर्धक, स्निग्ध व कसैल रसयुक्त और अग्निवर्धक बतलाया है। आयुर्वेद ने इसके सम्बंध में तो यहाँ तक बड़े दावे के साथ कहा है कि शरीर में यदि कोई घाव न भरता हो तो आम के नियमित सेवन से घाव भरने के साथ-साथ शरीर में रक्त की वृद्धि होती है और चुस्ती की क्षमता भी बढ़ जाती है। शरीर में तुरन्त शक्ति के लिए आम खाकर ऊपर से दूध पीना अत्यंत लाभकारी होता है।
यदि आम और जामुन के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर कुछ दिनों तक मधुमेह रोगी को दिया जाय तो मधुमेह (शुगर) का रोग ठीक हो जाता है। पके आम को गर्म राख में दबाकर भून लें और ठंडा होने पर चूसने से सूखी खांसी ठीक हो जाती है।
यहाँ कुछ विशेष रोगों के विशेष उपाय सुझाये जा रहे हैं जो घरेलू उपयोग में आम से उपचार किये जाते हैं जिसकी मान्यता आयुर्वेद भी देता है। इसका उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है।
आम का रसः-वायु रोग के लिए 10 चम्मच मीठे आम के रस में 2 चम्मच शहद (मधु) मिलाकर पीने से वायु रोग से छुटकारा मिलता है।
70 ग्राम पके हुए मीठे आम के रस में 2 ग्राम सोंठ को पीसकर मिलायें और सुबह-सुबह इस मिश्रण का सेवन करें। इससे हाजमे की कमजोरी गायब हो जाती है।
आम का पत्ताः-मसूड़ों के लिए आम का ताजा पत्ता खूब चबायें और थूक को थूकते जायें। कुछ ही दिनों में देखेगें कि हिलते दांत मजबूत हो जाते हैं। मसूड़ों से खून रूक जाता है और मसूड़ों के ढीलेपन की कमजोरी दूर हो जाती है।
कच्चा आमः-गर्मी में लू से बचने के लिए कच्चे आम को भूनकर कुछ घंटों के लिए सूखे स्थान पर पड़ा रहने दें। बाद में भूने आमों को सादे ठण्डे पानी में मसलकर अच्छी तरह से आम का गूदा निकाल लें और उसमें एक चुटकी भुना जीरा, एक चुटकी नमक व एक चुटकी काली मिर्च डालकर तैयार घोल को पियें। इससे लू के बचाव के साथ-साथ प्यास भी कम लगती है।
आदिफल आम हर नजरिये से सेहत के लिए फायदेमंद है। आम खायें, सेहत बनायें, यह वाक्य यूं ही नहीं लिखा गया है। बहुत ही शोधन के बाद इसे लिखा गया है। आम शरीर के वजन को बढ़ाता है तथा मन-मस्तिष्क की पुष्टता को बरकरार रखता है।
खाने में आम कभी भी ज्यादा हो जाये तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। 2-3 जामुन खा लेने से आम आसानी से पच जाता है। कुदरत ने मौसमी फलों में एक विशेष गुण भर दिया है। एक ही ऋतु में पैदा होने वाले एक फल दूसरे फल को सरलता से पचा सकता हैं, जैसे-जामुन अधिक खा लिया जाय तो एक आम ऊपर से खा लेने पर जामुन आसानी से पच जाता है। ये दोनों फल एक ही मौसम गर्मी में अधिक पाये जाते हैं।