झारखंड पुलिस की जागृति चुनाव की हार को देखते हुए उठाया गया कदम है : डॉ. रमन सिंह

झारखंड पुलिस की कार्यवाही, मुख्यमंत्री द्वारा ईडी पर लगाए गए आरोप एवं जीएसटी के विषय पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की प्रेस कांफ्रेंस…
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
झारखंड पुलिस यहां आ रही है। इस पर आप क्या कहेंगे?
– मुझे लगता है कि यह प्रकरण 2019 का है और आज 2022 है। मुझे लगता है कि पास्को एक्ट में 24 घंटे में कार्यवाही होती है। तीन साल तक झारखंड की पुलिस इंतजार करती रही। और पहले एफआईआर में जिस व्यक्ति का नाम नहीं था, बाद में उसे जोड़ने का प्रयास किया गया। तो इसमें षडयंत्र की बू आती है। जब ब्रह्मानंद नेताम चुनाव की तैयारी करने लगे, फॉर्म भरने लगे और इस पर कांग्रेस की हालत पूरे चुनाव में सबसे खराब दिख रही थी तो भूपेश बघेल के पास कोई भी विकल्प नहीं रहा। उन्होंने पुराने प्रकरण को पुनर्जिवित करने का प्रयास किया। तीन साल बाद अचानक पुलिस जागृत हुई। यह चुनाव की हार को देखते हुए सोची-समझी राजनीति के तहत चुनाव के मौके पर लिया गया कदम है।
आपके प्रत्याशी को गिरफ्तार करने के लिए झारखंड की पुलिस आई है, तो आप षडयंत्र का आरोप कैसे लगा रहे हैं?
– षडयंत्र का आरोप हम इसलिए लगा रहे हैं, क्योंकि जो घटनाक्रम हम देख रहे हैं, तीन साल तक झारखंड की पुलिस सोई रहती है। और तीन साल बाद अचानक जागकर पुलिस आ थबकती है। कोई नोटिस नहीं, कोई सूचना नहीं, कोई समन जारी नहीं हुआ इसका मतलब यह हुआ कि इन्हें चुनाव का फॉर्म भरने के बाद अचानक जागृति आई है। यह सरासर गलत है। और गलत बातों का विरोध भारतीय जनता पार्टी प्रजातांत्रिक तरीके से करेगी।
इस घटना के बाद आपकी क्या स्ट्रैटेजी रहेगी?
– जिस हिसाब से उस पूरे क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी की तरफ वातावरण निर्मिति हुई है, ब्रह्मानंद नेताम के पक्ष में भानुप्रताप पुर में माहौल बना है, तो उसे नष्ट करने के लिए इस प्रकार का षडयंत्र हो रहा है। हमारे आदिवासी प्रत्याशी पहले दिन से ही कह रहे हैं कि उनका इस घटना से कोई भी संबंध नहीं है उसे षडयंत्रपूर्वक फंसाया जा रहा है। उस षडयंत्र का असर उस क्षेत्र में पड़ेगा।
उधर ईडी भी तो कार्यवाही कर रही है…?
– छत्तीसगढ़ की पुलिस इतनी स्मार्ट है कि उत्तर प्रदेश में जब गिरफ्तारी करने जाते हैं, तो उत्तर प्रदेश पुलिस से बात नहीं करते। सीधा जाकर पत्रकार की गिरफ्तारी करने का प्रयास करते हैं। दूसरी तरफ देखिए ईडी ने इतने बड़े घोटाले यहां सामने लाए। दस्तावेजों के साथ प्रमाणित किए। और हमारे भूपेशजी उस घटना पर एक साथ छह-छह ट्विट करते हैं। इतनी बेचैनी, इतनी घबराहट आपने कभी देखी है। और ईडी जब कार्यवाही करती है या गिरफ्तारी करती है तो इसकी शिकायत हो सकती है, लेकिन आज तक एक भी शिकायत दर्ज नहीं हुई। हां, दर्ज हुई वह सीधे मुख्यमंत्री के पास।
केंद्र ने छत्तीसगढ़ को 500 करोड़ ही दिया और बाकी राज्यों को ज्यादा दिया है। इस पर आप क्या कहेंगे?
– देखिए, राज्य के लिए फायनांस सेक्रेटरी के माध्यम से या वित्तीय प्रक्रिया के माध्यम से पर्याप्त राशि मिलती है। और पहले से ज्यादा राशि मिलती है।