मनेन्द्रगढ़ में बहरूपिया प्रतियोगिता 2024 का आयोजन प्रतिभागी बहरूपिया बनकर करेंगे आम जनता का मनोरंजन

मनेन्द्रगढ़/एमसीबी

31 दिसंबर 2024 को मनेन्द्रगढ़ के सांस्कृतिक माहौल में एक और महत्वपूर्ण आयोजन होने जा रहा है। मनेन्द्रगढ़ सांस्कृतिक मंच ने इस साल भी बहरूपिया प्रतियोगिता का आयोजन करने की घोषणा की है। यह आयोजन हर साल की तरह इस बार भी नगरवासियों और आसपास के क्षेत्रीय कलाकारों के लिए एक शानदार सांस्कृतिक उत्सव साबित होने जा रहा है।

बहरूपिया प्रतियोगिता मनेन्द्रगढ़ में हर साल 31 दिसंबर को आयोजित होती है और इसका मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना, स्थानीय कला को बढ़ावा देना और नगरवासियों को एक बेहतरीन सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करना है। इस आयोजन के दौरान विभिन्न जिलों से युवा कलाकारों की टोली बहरूपिया की वेशभूषा में सजे-धजे हुए नगर के विभिन्न चौकों में घूमते हैं। ये कलाकार ना केवल अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं बल्कि विभिन्न पात्रों, मजेदार रूपों और भिन्न-भिन्न समाजिक संदेशों के माध्यम से जनता का मनोरंजन भी करते हैं
प्रतियोगिता के लिये निर्धारित है दो वर्ग इस आयोजन की खास बात यह है कि बहरूपिया प्रतियोगिता को दो अलग-अलग वर्गों में आयोजित किया जाता है वयस्क वर्ग- इस वर्ग में वयस्क कलाकार भाग लेते हैं जो बहरूपिया की परंपरा और सांस्कृतिक धारा को संरक्षित रखते हुए अपनी प्रस्तुति से नगरवासियों को प्रभावित , करते हैं।

इस बार की बहरूपिया प्रतियोगिता में 100 से अधिक कलाकार भाग लेंगे जो विभिन्न प्रकार की रंग-बिरंगी और आकर्षक वेशभूषाओं में सजकर नगर भर में घूमते हुए आम जन को मनोरंजन और हंसी-खुशी का अनुभव कराएंगे। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले कलाकार विभिन्न प्रकार के पात्रों के रूप में सजते हैं-कुछ ऐतिहासिक, कुछ सामाजिक संदेश देने वाले, तो कुछ परंपरागत भारतीय देवी-देवताओं के रूप में। कलाकारों के द्वारा किए गए विभिन्न प्रस्तुतियों में हंसी-ठिठोली, नृत्य, गाने, नाटक और अन्य प्रकार की मनोरंजन की विधाओं का मिश्रण होता है, इस प्रतियोगिता का सबसे अनूठा पहलू यह है कि कलाकारों को नगद पुरस्कार की बजाय उनके प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए मनेन्द्रगढ़ के सैकड़ों व्यापारी, जनप्रतिनिधि अपनी दुकानों से विभिन्न प्रकार के उपहार और वस्त्र प्रदान करते हैं। इन उपहारों को सभी भागीदारों के बीच वितरित किया जाता है। इस अनूठे तरीके से कलाकारों को प्रोत्साहन मिलता है और स्थानीय व्यापारियों का भी इस आयोजन में योगदान रहता है जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी एक सकारात्मक बढ़ावा मिलता है।

मनेन्द्रगढ़ की बहरूपिया प्रतियोगिता सिर्फ एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं है बल्कि यह समाज में एकता और सहयोग का संदेश देने का भी एक महत्वपूर्ण साधन बन गई है। इस प्रतियोगिता के दौरान, विभिन्न क्षेत्रीय कलाकारों की एकजुटता से यह प्रमाणित होता है कि भिन्न-भिन्न समुदाय और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोग एक साथ आकर किसी भी आयोजन को सफल बना सकते हैं। यह आयोजन ना केवल सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का एक प्रयास है बल्कि यह एक सामाजिक समरसता और भाईचारे का प्रतीक भी बन चुका है।

India Edge News Desk

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