छत्तीसगढ़ के 5 जिलों में पटाखे जलाने पर बैन! जानें दिवाली-क्रिसमस पर कितने घंटे की मिली मंजूरी
छत्तीसगढ़ में बढ़ते प्रदूषण के चलते सरकार ने पटाखे जलाने के लिए समय निर्धारित किया है. वहीं 5 जिलों में पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है
रायपुर : छत्तीसगढ़ में त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है. राज्य में दिवाली और छठ जैसे त्योहारों को धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन बढ़ते प्रदूषण के चलते सरकार ने पटाखे जलाने के लिए समय निर्धारित किया है. इसके अनुसार केवल 2 घंटे जी पटाखे जला सकते हैं. इसके अलावा 5 जिलों के नगरीय क्षेत्र में 2 महीने के लिए पूरी तरह से पटाखे जलाने पर बैन लगाया गया है. इसको कड़ाई से पालन करवाने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।
पटाखे जलाने पर सरकार की गाइडलाइन
दरअसल दीपावली, छठ, गुरू पर्व, नए साल, क्रिसमस के अवसर पर पटाखों को फोड़ने के लिए दो घंटे की अवधि निर्धारित की गई है. हाई कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की गाइडलाइन के मुताबिक पटाखों के उपयोग के संबंध में निर्देशों का कड़ाई से पालन करने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया है. राज्य में केवल हरित पटाखों का उपयोग और विक्रय हो सकेगा।
दीपावली, छठ पूजा, गुरु पर्व, नए साल, क्रिसमस के मौके पर दो घंटे की अवधि पटाखे फोड़ने के लिए निर्धारित की गई है. दीपावली के लिए रात 8 बजे से रात 10 बजे तक, छठ पूजा के लिए सुबह 6 बजे से सुबह 8 बजे तक, गुरु पर्व के लिए रात 8 बजे से रात 10 बजे तक समय निर्धारित किया गया है. क्रिसमस, नए साल के लिए रात 11 बजकर 55 मिनट से रात 12 बजकर 30 मिनट का समय निर्धारित किया गया है।
छत्तीसगढ़ के इन 5 जिलों में पटाखे जलाने पर प्रतिबंध
सीरीज पटाखे और लड़ियों की बिक्री पर बैन लगाया गया
बिलासपुर हाई कोर्ट ने 23 नवंबर 2018 को पारित आदेश के मुताबिक पटाखों के उपयोग के संबंध में कुछ अन्य निर्देश भी दिए गए हैं. इनमें कम प्रदूषण करने वाले इम्प्रूव्ड और ग्रीन पटाखों की बिक्री केवल लाइसेंस्ड ट्रेडर द्वारा किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही केवल उन्हीं पटाखों को उपयोग के लिए बाजार में बेचा जा सकेगा, जिनसे पैदा होने वाली आवाज का स्तर निर्धारित सीमा के भीतर हो. सीरीज पटाखे और लड़ियों की बिक्री, उपयोग और निर्माण प्रतिबंधित किया गया है. पटाखों के ऐसे निर्माताओं का लाइसेंस भी रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनके द्वारा पटाखों में लीथियम, आर्सेनिक, एन्टिमनी, लेड और मर्करी का उपयोग किया गया है. इसके अलावा ऑनलाइन पर भी बिक्री प्रतिबंधित रहेगी।