बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी डिजिटल मार्कशीट और डिग्री देने वाला देश का पहला संस्थान बना, सीएम ने कहा ऐतिहासिक पहल

भोपाल

बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी भोपाल के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने डिजिटल मार्कशीट और डिग्री वितरण प्रणाली का शुभारंभ किया। इस समारोह में स्वर्ण पदक विजेताओं और उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। विश्वविद्यालय देश का पहला संस्थान बन गया है, जो छात्रों को नि:शुल्क डिजिटल मार्कशीट और डिग्री उपलब्ध कराएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की गई डिजिटल मार्कशीट और डिग्री वितरण प्रणाली की सराहना करते हुए इसे एक ऐतिहासिक पहल बताया। इस अवसर पर कुछ विद्यार्थियों को डिजिटल डिग्री प्रदान की गई, जिसमें पीएचडी की उपाधि सुश्री अनुपमा कुजूर को दी गई।

माता-पिता और गुरूजनों का करें सम्मान
दीक्षांत समारोह में संबोधित करते हुए राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने विद्यार्थियों को सत्य का पालन और माता-पिता एवं गुरूजनों के सम्मान का महत्व समझाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताया, जिससे उनकी प्रतिभाओं का विकास हो सकेगा।

डिग्री और स्वर्ण पदक विजेताओं का सम्मान
दीक्षांत समारोह में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी के छात्रों को उपाधियां प्रदान की गईं। साथ ही विभिन्न संकायों में उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में 310 पीएचडी, 28 को गोल्ड मेडल, स्नातक 18892 और स्नातकोत्तर 65569 अवॉर्ड और डिग्री दी गई। राज्यपाल ने शिक्षकों से कहा कि उन्हें नवीनतम तकनीक और ज्ञान से अपडेट रहना चाहिए, ताकि वे विद्यार्थियों का सही मार्गदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करना चाहिए।

100 करोड़ रुपये से यूनिवर्सिटी को उन्नयन
यूनिवर्सिटी को पीएम-ऊषा योजना के तहत 100 करोड़ रुपये की राशि शोध, अधोसंरचना विकास और तकनीकी उन्नयन के लिए प्रदान की गई है। राज्यपाल ने इस राशि का सदुपयोग कर नवीनतम शोध सुविधाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया। समारोह में विद्यार्थियों को तैतरेय उपनिषद के 11वें अनुच्छेद से लिए गए अंश पर आधारित शपथ दिलाई गई, जिसमें सत्य के मार्ग पर चलने और जीवन में उच्च आदर्शों को अपनाने की बात कही गई।

हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया
समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि हमें गलत पढाया गया कि वास्कोडिगामा ने भारत की खोज की। उन्होंने कहा कि पढाया यह जाना चाहिए था कि भारत ने अमेरिका की खोज की थी। 8 हजार साल पहले से हमारे पूर्वजों ने सूर्य को स्थिर माना और पृथ्वी को परिक्रमा लगाना बता दिया था। भारत का ज्ञान परंपरा के आधार पर है। मंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वज पहले से खेलों से परिचित थे। खुदाई में खेलों के मैदान मिले हैं। 

India Edge News Desk

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