पश्चिम बंगाल चुनाव के नतीजे क्या संकेत दे रहे हैं? बीजेपी के लिए अच्छी खबर क्यों?जानिए पूरी खबर...
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में भले ही टीएमसी को बड़ी जीत मिली है, लेकिन हार के बाद भी बीजेपी खुश नजर आ रही है.
कोलकाता: त्रिस्तरीय पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में राज्य की सत्तारूढ़ टीएमसी का दबदबा कायम रहा। जहां ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद में तृणमूल नंबर वन रही, वहीं बीजेपी ने भी 2018 के मुकाबले इस बार शानदार प्रदर्शन किया और दूसरे नंबर पर रही. कांग्रेस और सीपीएम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. इन सबके बीच सवाल उठ रहा है कि 2024 चुनाव से पहले बंगाल पंचायत चुनाव इस राज्य के बारे में क्या संकेत दे रहे हैं?
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में भले ही टीएमसी को बड़ी जीत मिली है, लेकिन हार के बाद भी बीजेपी खुश नजर आ रही है. बीजेपी ने भले ही टीएमसी से कम सीटें जीती हों, लेकिन आंकड़ों पर नजर डालें तो 2018 के मुकाबले बीजेपी की सीटें बढ़ी हैं. इतना ही नहीं बीजेपी का वोट बैंक भी इस बार बढ़ा है. 2018 के पंचायत चुनाव में बीजेपी ने ग्राम पंचायतों में 5779 सीटों पर जीत हासिल की थी. इस बार के ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो पार्टी अब 9790 सीटों पर आगे है. यानी आंकड़ों के मुताबिक इस बार बंगाल पंचायत चुनाव में बीजेपी दोगुनी सीटें जीत रही है |
2018 पंचायत चुनाव परिणाम
बंगाल पंचायत चुनाव 2018 के आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्राम पंचायत में टीएमसी ने 38118 सीटें और बीजेपी ने 5779 सीटें जीतीं. पंचायत समितियों की 8062 सीटों पर टीएमसी का कब्जा था. जबकि बीजेपी के पास 769 पंचायत समिति सीटें थीं. पांच साल पहले हुए चुनाव में बीजेपी के पास सिर्फ 22 जिला परिषद सीटें थीं और टीएमसी के पास 793 जिला परिषद सीटें थीं |
इस बार नतीजों से बीजेपी क्यों खुश है?
राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) के अनुसार, बुधवार सुबह 8 बजे तक, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने 63,229 ग्राम पंचायत सीटों में से 34,359 सीटें जीत ली हैं, जबकि उसके उम्मीदवार अन्य 752 सीटों पर आगे हैं। एसईसी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने 9,545 सीटें जीती हैं और उसके उम्मीदवार 180 पर आगे हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने 2,885 सीटें जीती हैं और 96 ग्राम पंचायत सीटों पर आगे चल रही है। कांग्रेस ने 2,498 ग्राम पंचायत सीटें जीत ली हैं और 72 अन्य पर आगे है।टीएमसी ने अब तक 928 जिला परिषद सीटों में से 764 पर बढ़त बना ली है. जबकि बीजेपी को 25, सीपीएम को 4, कांग्रेस को 12 और अन्य को एक जिला परिषद सीट पर बढ़त मिली है. पंचायत समिति की 6420 सीटों पर टीएमसी आगे है. बीजेपी को 999, लेफ्ट को 189, कांग्रेस को 260 और अन्य को 133 सीटों का फायदा हुआ है. अब तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद तीनों में बीजेपी की सीटें बढ़ी हैं. सीपीएम को भी 2018 की तुलना में ग्राम पंचायतों में दोगुनी सीटें मिल रही हैं। सीपीएम को ग्राम पंचायत में 1483 सीटें मिली हैं।इस बार इसका आंकड़ा 3143 तक पहुंच गया है. इस बार सीपीएम को पंचायत समिति में 110 के मुकाबले 189 और जिला परिषद में शून्य के मुकाबले 3 सीटें मिल रही हैं. 2018 के चुनाव में जहां कांग्रेस को 1066 ग्राम पंचायत, 133 पंचायत समिति और 6 जिला परिषद सीटें मिली थीं, वहीं इस बार उसे 2586 ग्राम पंचायत सीटें, 264 पंचायत समिति सीटें और 12 जिला परिषद सीटें मिलती दिख रही हैं।
कई गढ़ों में लड़ेगी टीएमसी
नतीजों के बाद गदगद टीएमसी कई दावे कर रही है. हालांकि, उत्तर से दक्षिण तक टीएमसी की बंपर जीत के बाद भी उसे अपने ही कई गढ़ों में बीजेपी से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा. नंदीग्राम में जहां टीएमसी का कब्जा था, इस बार नंदीग्राम पंचायत पर बीजेपी का कब्जा हो गया है. यहां से सुवेंदु अधिकारी विधायक हैं. खास बात यह है कि 2021 विधानसभा चुनाव से पहले नंदीग्राम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का गढ़ हुआ करता था.जहां सुवेंदु ने इसे ममता बनर्जी से हथिया लिया वहीं अब पंचायत सीटें भी टीएमसी से छीन ली हैं।
पंचायत चुनाव परिणाम में दिखा अलग रुझान
नतीजों और रुझानों से यह भी पता चला कि पंचायत चुनाव दो साल पहले हुए 2021 विधानसभा चुनाव से कैसे अलग थे। बंगाल के ग्रामीण मतदाताओं ने इस बार कई क्षेत्रों में, खासकर दक्षिण और मध्य बंगाल में टीएमसी और बीजेपी के बजाय कांग्रेस और सीपीएम उम्मीदवारों को चुना। वहीं 2021 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने 294 में से 213 सीटें और बीजेपी ने 77 सीटें जीतीं |