ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में भोपाल की लगी लॉटरी, सबसे अधिक संभाग में आए निवेश के प्रस्ताव

भोपाल
 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) में मध्य प्रदेश को ₹26.61 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले। यह समिट दो दिन चला। भोपाल को सबसे ज़्यादा ₹5.8 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले। इंदौर और उज्जैन को लगभग ₹4.7 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले। अडानी ग्रुप, टोरेंट पावर, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और अवाडा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियों ने निवेश का वादा किया। ये निवेश रिन्यूएबल एनर्जी, हॉस्पिटैलिटी, माइनिंग, फ़ूड प्रोसेसिंग, IT, डेटा सेंटर और अर्बन डेवलपमेंट जैसे कई क्षेत्रों में होंगे।

भोपाल संभाग में सबसे अधिक दिलचस्पी

भोपाल और आसपास के इलाकों में ग्रीन एनर्जी, एविएशन, हॉस्पिटैलिटी प्रोजेक्ट्स, हेल्थकेयर, एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस और अर्बन डेवलपमेंट में निवेश की खास रुचि दिखाई गई। NHAI ने इंदौर-भोपाल-जबलपुर ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर बनाने की योजना का ऐलान किया। इस प्रोजेक्ट में ₹1.3 लाख करोड़ का निवेश होगा। इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार के साथ MoU साइन हुआ है। यह MoU जमीन अधिग्रहण और स्थानीय सहायता के लिए है।

केन्स टेक्नोलॉजी ने भोपाल के IT पार्क में SMT मैन्युफैक्चरिंग के लिए ₹352 करोड़ निवेश करने का वादा किया है। इससे करीब 1,650 नौकरियां पैदा होंगी। InAvia Aviation Consultants GmbH और MP सिविल एविएशन के बीच ₹500 करोड़ के निवेश से भोपाल में मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहाल यूनिट बनाने के लिए MoU साइन हुआ। प्रधान एयर के साथ एक और MoU हुआ। इसके तहत ₹150 करोड़ के निवेश से मध्य प्रदेश में उज्जैन एयर नाम की एक छोटी इंट्रा-स्टेट एयरलाइन शुरू होगी।

नीतियां कर रहीं आकर्षित

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च भोपाल में अपनी एक सुविधा स्थापित करेगा। इससे क्षेत्र के शैक्षणिक और अनुसंधान परिदृश्य को और समृद्ध करेगा। MPIDC के मैनेजिंग डायरेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि हर सेक्टर पर केंद्रित नई नीतियों से प्रमुख निवेश प्रस्तावों को आकर्षित करने में मदद मिली है। आकर्षक नीतियों और राज्य में भूमि की उपलब्धता के कारण लगभग हर क्षेत्र ने शिखर सम्मेलन में निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं। इंदौर क्षेत्र में बहुत सारी पूछताछ हुई थी। शिखर सम्मेलन के दौरान विनिर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा, खनन और शहरी विकास ने अधिकतम निवेश के इरादे हासिल किए हैं।

यानी हर सेक्टर के लिए नई नीतियां बनाई गई हैं। इससे निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिली है। राज्य में अच्छी नीतियां और ज़मीन उपलब्ध होने के कारण लगभग हर क्षेत्र को निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इंदौर क्षेत्र में निवेशकों ने काफी पूछताछ की। सबसे ज़्यादा निवेश मैन्युफैक्चरिंग, रिन्यूएबल एनर्जी, माइनिंग और अर्बन डेवलपमेंट में आए हैं।

इंदौर में भी दिलचस्पी

इंदौर क्षेत्र ने ₹4.76 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव आकर्षित किए। इंदौर में टोरेंट पावर और अक्षत ग्रीनटेक प्राइवेट लिमिटेड ने बड़े निवेश का वादा किया है। हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में, इंडो यूरोपियन रिसर्च एंड हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, रुसान फार्मा लिमिटेड, अल्फा लैबोरेटरीज लिमिटेड और मयंक वेलफेयर सोसाइटी इंडेक्स सिटी हॉस्पिटल ने निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। यह समिट मध्य प्रदेश के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। सरकार को उम्मीद है कि इन प्रस्तावों से लाखों नौकरियां पैदा होंगी। यह समिट राज्य के विकास के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकता है

संभाग- निवेश की प्रस्तावित राशि

    भोपाल – 5 लाख 82 हजार 93 करोड़
    उज्जैन- 4 लाख 77 हजार 506 करोड़
    शहडोल – 1 लाख 58 हजार 402 करोड़
    जबलपुर – 1 लाख 6 हजार 970 करोड़
    रीवा – 68 हजार 475 करोड़
    इंदौर– 4 लाख 76 हजार 245 करोड़
    नर्मदापुरम– 2 लाख 93 हजार 522 करोड़
    सागर – 53 हजार 657 करोड़
    चंबल – 52 हजार 92 करोड़
    ग्वालियर – 27 हजार 363 करोड़
    कुल- 22 लाख 96 हजार 325 करोड़ रुपए

गौरतलब है कि एमपी में निवेशकों को लुभाने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले रीजनल समिट आयोजित किए गए थे। रीजनल समिट के जरिए सरकार की कोशिश की थी कि हर क्षेत्र में विकास हो। उसका भी प्रभाव देखने को मिला है।

India Edge News Desk

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