अब मेट्रो के अंडर ग्राउंड हिस्से का काम शुरू होगा, 16 मीटर गहरी सुरंग बनेगी, रीगल होगा स्‍टेशन

इंदौर
गांधी नगर से रेडिसन चौराहे तक अक्टूबर तक मेट्रो चलाने का लक्ष्य है। इसके साथ ही मेट्रो के अंडर ग्राउंड हिस्से का काम शुरू होगा। भविष्य के इंदौर की लाइफ लाइन मेट्रो होगी। जमीन के नीचे 16 मीटर की गहरी सुरंग में कान्ह नदी के नीचे मेट्रो गुजरेगी और इससे जमीन तल पर बनी इमारों पर कोई असर नहीं होगा। दिल्ली में 1997 में मेट्रो का निर्माण शुरू हुआ था। आज भी वहां की जरुरत के मुताबिक अलग-अलग रुट पर मेट्रो चल रही है। इंदौर में भी अभी मेट्रो शुरू हुई। भविष्य इंदौर शहर के विस्तार व जरूरत के मुताबिक नए रूट पर मेट्रो का निर्माण किया जाएगा। इस तरह अब आगामी वर्षो में इंदौर में मेट्रो का विस्तार जारी रहेगा।

एयरपोर्ट से अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन को सबवे से कनेक्टिविटी मिलेगी। दिल्ली के राजीव चौक की तर्ज पर रीगल का अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन तैयार किया जाएगा।
यह ऐसा स्टेशन होगा जिससे भविष्य में शहर में एक छोर से दूसरे हिस्से तक बनने वाली नई मेट्रो लाइन भी कनेक्ट हो सकेगी। ये बातें नईदुनिया के विमर्श कार्यक्रम में इंदौर मेट्रो के अधिकारियों ने कही।
 
इंदौर देश की पहली मेट्रो जहां सबसे पहले रिंग मॉडल तैयार हुआ
    गांधी नगर क्षेत्र खाली जमीन आसानी से उपलब्ध होने के कारण वहां पर मेट्रो डिपो बनाया गया।
    यही वजह है कि सुपर कारिडोर पहले वायडक्ट बना। इस वजह से उस क्षेत्र में सबसे पहले मेट्रो चलाई गई।
    दिल्ली मुंबई में ट्रेफिक के दबाव का पीछा करते हुए मेट्रो का निर्माण किया गया।
    ये बातें मेट्रो के कंसल्टेंट एसएन झा ने कही।
    उन्होंने बताया कि इंदौर मेट्रो निर्माण में चीन के बीजिंग, शंघाई शहरों का माडल अपनाया गया।
    इसके तहत इंदौर में ट्रैफिक का दबाव को ध्यान में रखने के साथ उस क्षेत्र में मेट्रो चलाई गई जहां भविष्य में बसाहट होगी।

मेट्रो के जीएम (एलिवेटेड) रणवीर सिंह राजपूत ने बताया कि शहर में मेट्रो चलाने का उद्देश्य यह है कि दो पहिया व बसों के अलावा कारों से चलने वाले भी इसमें सफर कर सके। इसमें उन्हें लग्जरी के अनुभव के साथ सुरक्षा व कम समय में पहुंचने की सुविधा मिल सकेगी। मेट्रो के जीएम (अंडरग्राउंड) अजय कुमार ने बताया कि मेट्रो के एलिवेटेड हिस्से के मुकाबले अंडरग्राउंड हिस्से के निर्माण में 25 फीसद ज्यादा समय लगता है। इंदौर में कान्ह नदी के नीचे से मेट्रो की अंडर ग्राउंड सुरंग जाएगी। पुणे के अलावा कोलकाता की हुगली नदी के नीचे से भी अंडर ग्राउंड मेट्रो निकाली गई है। इंदौर में जमीन तल से 16 से 17 मीटर नीचे मेट्रो की सुरंग बनाई जाएगी। दिल्ली के हौज खास में अंडर ग्राउंड मेट्रो की दो लाइने क्रास कर रही है। ऐसे में वहां पर जमीन तल से 32 मीटर नीचे से मेट्रो जा रही है। मेट्रो के एलिवेटेड हिस्से को बनाने के मुकाबे अंडर ग्राउंड हिस्सा बनाने में ज्यादा समय व खर्च लगता है।
   

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button