3 करोड़ रुपये के एरियर घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई, आरोपी बाबू टीकाराम निलंबित
तीन करोड़ रुपए के बकाया घोटाले में शामिल रायगढ़ जिले के लैलूंगा बीईओ कार्यालय में पदस्थ बाबू टीकाराम पटेल को निलंबित कर दिया गया है। ये मामला पिछले फरवरी-मार्च का है.
रायगढ़: तीन करोड़ रुपए के बकाया घोटाले में शामिल रायगढ़ जिले के लैलूंगा बीईओ कार्यालय में पदस्थ बाबू टीकाराम पटेल को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई डीईओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर संयुक्त संचालक बिलासपुर ने की है। इस पूरे मामले की जांच धरमजयगढ़ ब्लॉक के विजयनगर हायर सेकेंडरी और कापू हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्यों के साथ शिक्षा विभाग के योजना शाखा अधिकारी ने की। जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद पूरी रिपोर्ट संयुक्त संचालक बिलासपुर को भेजी जाएगी थी. वहां से 13 अक्टूबर को बाबू टीकाराम पटेल को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया है. शासकीय राशि का दुरुपयोग कर संबंधितों को आर्थिक लाभ पहुंचाने और वित्तीय अनियमितता का आरोप है |
फरवरी-मार्च का है मामला
यह मामला पिछले फरवरी-मार्च का है। जब रायगढ़ जिले के स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों के बकाया एरियर भुगतान के लिए शासन द्वारा राशि आवंटित की गई थी। इस दौरान राशि जिला पंचायत में आ गई थी, वहां से डीईओ के खाते में जमा कर दी गई। शिक्षकों की बकाया राशि डीईओ कार्यालय द्वारा सभी बीईओ के खाते में जारी कर दी गई है। लैलूंगा बीईओ को करीब तीन करोड़ रुपये दिये गये थे.इस दौरान बीईओ की जानकारी में बाबू टीकाराम पटेल व अन्य ने ऐसे शिक्षकों को राशि जारी कर दी जो इसके पात्र नहीं थे। शिक्षकों द्वारा जमा की गई गणना पत्रक की जांच भी नहीं की गई। ऐसे में किसी को 15 तो किसी को 18 लाख रुपये तक बकाया राशि मिली. एक ही स्कूल के शिक्षकों को करीब 54 लाख रुपये का भुगतान किया गया |
इस पूरे मामले की शिकायत
जब शिक्षकों ने की तो संयुक्त संचालक बिलासपुर को ही तीन अधिकारियों की जांच टीम बनाकर जांच करने के निर्देश दिए गए। जांच कराई गई तो बकाया राशि में गड़बड़ी की पुष्टि हुई। इस रिपोर्ट के आधार पर लैलूंगा बीईओ कार्यालय में पदस्थ टीकाराम पटेल को निलंबित कर दिया गया है।
पात्रता से अधिक दी गई राशि
इस पूरे मामले में जो बात सामने आ रही है, उसके आधार पर जिन शिक्षकों को यह राशि जारी की गई, उनमें से अधिकांश को उनकी पात्रता से अधिक राशि दी गई है। किस शिक्षक को मिलना चाहिए और किसे नहीं, इसकी कोई जांच नहीं की गई। बताया गया कि करीब 54 शिक्षकों के बीच तीन करोड़ रुपये बांटे गये. जबकि लैलूंगा ब्लॉक में करीब एक हजार शिक्षक हैं।
कोर्ट के आदेश की अवहेलना
एक शिक्षक ने एरियर राशि का भुगतान नहीं करने पर हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिले में सैकड़ों ऐसे मामले थे, जिन्होंने कोर्ट में केस दायर किया था. हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों को बकाया राशि भुगतान करने का आदेश दिया था. अन्य ब्लॉकों में उन शिक्षकों को पहला भुगतान किया गया, जिन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन, लैलूंगा में याचिका दायर करने वाले शिक्षक अब भी एरियर राशि से वंचित हैं |
बीईओ को नोटिस
अपात्र लोगों को बकाया राशि जारी करने के मामले में लैलूंगा बीईओ एन लकड़ा को भी नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में उनसे 6 बिंदुओं पर जवाब मांगा गया है. इसमें फर्जी तरीके से भुगतान करने का जिक्र है। इस पर एक सप्ताह के अंदर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया है. जवाब से संतुष्ट नहीं होने और कोई समाधान नहीं निकलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च कार्यालय को रिपोर्ट भेजने की बात कही गयी है |