Beti Bazar : कहीं मां, कहीं चाचा, कहीं भाई बेटियों की सौदेबाजी पर बड़ा खुलासा,जानिए पूरी खबर……
इंडिया न्यूज़ : राजस्थान और मध्य प्रदेश में बेटियों की सौदेबाजी पर बड़ा खुलासा हुआ है.राजस्थान और मध्य प्रदेश में रोजाना नाबालिग बच्चियों को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेला जा रहा है.राजस्थान के इन गांवों में बेटियों की बोलियां लगाई जा रही हैं. इनकी सौदेबाजी हो रही है. बेटियों के इस बाजार में बिचौलियों की भरमार है. देश में एक तरफ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा दिया जाता है लेकिन देश के एक हिस्से में बेटियों को अंधाधुंध सौदा किया जा रहा है. बेटियों की सरेआम बोलियां लगाई जा रही हैं.
राजस्थान के बूंदी जिले :
राजस्थान के बूंदी का एक गांव रामनगर, जहां हर तरफ गरीबी है. यहां चंद रुपयों की खातिर लोग अपनी बेटियों को बेच रहे हैं.इस गांव में लाखन नाम का बिचौलिया है.
यह बिचौलिया लाखन इन नाबालिग लड़कियों की सौदेबाजी करता है. वह कहता है कि वह बहुत आसानी से ये सब करवा देगा. कॉन्ट्रैक्ट के नाम पर खानापूर्ति करनी होगी. ये बताया जाएगा कि लड़कियों को होटल में नाच-गाने के लिए भेजा गया है.
बिचौलिए लड़कियों से वेश्यावृत्ति कराने के लिए आंखों में धूल झोंकते हैं. बकायदा बेटियों को बेचने के लिए मां-बाप कॉन्ट्रैक्ट करते हैं.
नाबालिग भतीजी को बेच रहा चाचा :
गांव में जितेंद्र नाम का एक शख्स दो नाबालिग लड़कियां दिखाता है. रिश्ते में यह शख्स इन लड़कियों का चाचा है. यह शख्स एक नाबालिग लड़की की कीमत छह से सात लाख रुपये बताता है और एक साल कॉन्ट्रैक्ट की बात करता है.
मकान बनवाने के लिए मां बेच रही बेटी :
राजस्थान के सवाई माधोपुर का अदलवाड़ा गांव है. यहां बेटियों को बिचौलिए या रिश्तेदार नहीं बल्कि उनके मां-बाप की उनकी बोलियां लगाते हैं. अपनी दो बेटियों बेचने का जुगाड़ कर रही तनो एक बेटी के एवज में तीन लाख रुपये मांगती है.
मध्य प्रदेश में भी बेटियों की इसी तरह सौदेबाजी की जा रही है :
मध्य प्रदेश के बोरखेड़ी गांव में विजय नाम का एक शख्स अपनी ही बहन की सौदेबाजी करता है. विजय एक महीने के लिए अपनी 16 साल की बहन का सौदा तीन लाख रुपये लेता है.
गुजरात और एमपी बॉर्डर में ये ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले आते हैं :
राज्यसभा एमपी और सीनियर भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा ने कहा सरकार की तरफ से कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही. मैं पहले भी बच्चियों को लेकर कलेक्टर के पास गया था. पहले भी यह मुद्दा था पर पिछले चार साल में मामले बढ़ गए हैं.