छत्तीसगढ़: बीजापुर में माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़, मारे गए कई नक्सली

बीजापुर
 छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों की सीमा पर स्थित जंगल में उस समय शुरू हुई जब सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम गंगालूर थाना क्षेत्र (बीजापुर) में नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी।

अधिकारी ने बताया कि दोनों ओर से रुक-रुक कर गोलीबारी जारी है। पुलिस के अनुसार मुठभेड़ अभी भी जारी है और क्षेत्र में सर्चिंग आपरेशन तेज कर दिया गया है। पुलिस ने बताया कि विस्तृत जानकारी का इंतजार है।

सूत्रों के मुताबिक, इस मुठभेड़ में कई नक्सली मारे गए हैं, हालांकि उनकी संख्या की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। सुरक्षा बलों को इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। जवानों ने चारों तरफ से घेराबंदी कर नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया।

इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है, और अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं, ताकि छिपे हुए नक्सलियों को पकड़कर इलाके को सुरक्षित किया जा सके। अधिकारियों के अनुसार, ऑपरेशन खत्म होने के बाद ही मारे गए नक्सलियों की सही संख्या और उनके संगठन से जुड़ी जानकारी सामने आ पाएगी।

नक्सलियों के खिलाफ एक्शन
इससे पहले बीजापुर और नारायणपुर से लगी महाराष्ट्र की सीमा पर सुरक्षाबल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई थी। इसमें 31 नक्सलियों की मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ सकती है। साथ ही मुठभेड़ की जगह से ऑटोमैटिक हथियार भी बरामद किए गए हैं।

बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने बीजापुर दंतेवाड़ा बॉर्डर पर गंगालूर थाना क्षेत्र में मुठभेड़ होने की पुष्टि की है. गंगालूर के एएंड्री जंगलों में जवानों की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान के लिए निकली थी. इसी दौरान मुठभेड़ शुरू हो गई. इलाके में जवानों का सर्चिंग अभियान भी चल रहा है.

टीसीओसी क्या है ?: TCOC यानी टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन ( Tactical Counter Offensive Campaign) हैं. गर्मी के दिनों में बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में माओवादी TCOC कैंपेन चलाते हैं. मार्च से शुरू होकर टीसीओसी जून तक चलता है. इस दौरान माओवादी संगठन सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं. इस दौरान सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही सड़क निर्माण में लगी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश नक्सली करते हैं.

नक्सलियों के टीसीओसी के दौरान बस्तर में बीते सालों में कई बड़ी नक्सली घटनाएं हुई. जिनमें जवानों को काफी नुकसान हुआ.

    3 अप्रैल 2021 को सुकमा बीजापुर बॉर्डर पर टेकलगुड़ा में नक्सली घटना में 22 जवान शहीद
    21 मार्च 2020 में सुकमा के मीनपा में नक्सली घटना में 17 जवान शहीद
    अप्रैल 2017 में सुकमा जिले के बुर्कापाल में नक्सली घटना में 25 जवान शहीद

लेकिन टीसीओसी के दौरान साल 2023 और साल 2024 में जवानों की कड़ी सुरक्षा के कारण नक्सली किसी भी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे सके, बल्कि इस दौरान नक्सल संगठन को बड़ा नुकसान पहुंचा है.

साल 2024 में सुरक्षाबलों के ऑपरेशन से नक्सलियों को बड़ा नुकसान हुआ है. 2024 में सुरक्षाबलों ने 217 माओवादियों को मार गिराया.

15 अप्रैल 2024 में जवानों ने कांकेर जिले के छोटे बेठिया में एक एनकाउंटर को अंजाम दिया. इस एनकाउंटर में 29 माओवादी मारे गए.

4 अक्टूबर 2024 को नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले के थुलथुली में एनकाउंटर में 38 माओवादियों को जवानों ने मार गिराया.

साल 2023 में नक्सलियों को नुकसान: टीसीओसी के दौरान साल 2023 में 22 मुठभेड़ हुए जिसमें जवानों ने चार हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया. इस साल 150 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, 78 नक्सलियों ने सरेंडर किया.

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button