इंदौर में रेडिमेड कपड़ों के कारोबारियों ने ग्राहकों से UPI से भुगतान नहीं लेने का फैसला किया

इंदौर

इंदौर में रेडिमेड कपड़ों के कारोबारियों के एक संगठन ने साइबर ठगी के मामलों में बेकसूर दुकानदारों के बैंक खाते फ्रीज किए जाने पर विरोध जताते हुए ग्राहकों से UPI के माध्यम से भुगतान नहीं लेने का फैसला किया है। संगठन के एक पदाधिकारी ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी। उधर पुलिस ने कारोबारियों के इस निर्णय को सरासर गलत बताते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

शहर के राजबाड़ा क्षेत्र में कपड़ों की कुछ दुकानों में लगाए गए बोर्ड में कहा गया है, ‘साइबर फ्रॉड की आशंकाओं के चलते ऑनलाइन-यूपीआई का पेमेंट नहीं ले पाएंगे।’

ध्यान खींचने के लिए पोस्टर लगाए

इस बारे में इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय जैन ने कहा कि ये पोस्टर साइबर ठगी की बढ़ती घटनाओं से कारोबारियों को होने वाले नुकसान की ओर सरकार का ध्यान खींचने के लिए लगाए गए हैं।

'हो रहा नुकसान, नाम भी खराब हो रहा'

जैन ने कहा कि अपराधियों द्वारा साइबर ठगी के धन से दुकानदारों को UPI भुगतान किए जाने पर बेकसूर दुकानदारों के बैंक खाते फ्रीज किए जा रहे हैं, नतीजतन व्यापार चौपट हो रहा है और बाजार में कारोबारियों की साख बिगड़ रही है।
'चेक बाउंस होने पर खाते फ्रीज होने का पता चलता है'

उन्होंने बताया, 'मुझे कई कारोबारियों ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि साइबर ठगी के मामलों के कारण उनका बैंक खाता फ्रीज किए जाने का पता उन्हें तब चला, जब उनके द्वारा किसी व्यक्ति को दिया गया चेक बाउंस हो गया।'

जैन ने कहा कि इन हालात में उनके संगठन ने तय किया है कि UPI के बजाय नकदी और क्रेडिट कार्ड के जरिए भुगतान लेने को तब तक प्राथमिकता दी जाएगी, जब तक सरकार कारोबारियों की इस समस्या का समाधान नहीं करती।

उदाहरण देकर समझाया, उपाय भी बताया

उन्होंने कहा, 'मान लीजिए कि किसी अपराधी ने साइबर ठगी से मिले पैसों से खरीदी करते हुए 1,000 रुपए UPI के जरिये किसी दुकानदार के बैंक खाते में पहुंचाए हैं, तो ठगी की जांच पूरी होने तक इस खाते में केवल 1,000 रुपए की रकम को फ्रीज किया जाना चाहिए, लेकिन हो यह रहा है कि पूरे खाते को फ्रीज कर दिया जा रहा है।'

पुलिस बोली- शिकायत मिली तो कार्रवाई करेंगे

साइबर ठगी के कई मामलों की जांच कर रही अपराध निरोधक शाखा के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने कहा, किसी भी दुकानदार द्वारा नकद लेन-देन को बढ़ावा देकर यूपीआई से भुगतान नहीं लेने की घोषणा करना सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि अगर कोई ग्राहक इस सिलसिले में पुलिस को शिकायत करेगा, तो उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे।

पुलिस ने व्यापारियों को बताया उपाय

वहीं दुकानदारों के खाते फ्रीज करने की शिकायत के बारे में दंडोतिया ने कहा, ‘साइबर ठगी के धन से भुगतान का पता चलने पर कई बार उस बैंक खाते को फ्रीज करा दिया जाता है जिसमें यह रकम जाती है। लेकिन खाताधारक उचित दस्तावेज दिखाता है, तो खाते के जरिए लेन-देन बहाल कर दिया जाता है।’

India Edge News Desk

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