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किसानों को कांग्रेस से भी बड़ा ऑफर देगी बीजेपी!

अरुण साव ने कहा- कांग्रेस ने एक हाथ से दिया, दोनों हाथ से लूटा, हम दोनों हाथ से देंगे

 रायपुर : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कर्जमाफी की योजना छलावा है। कांग्रेस ने किसानों को एक हाथ से दिया, तो दोनों हाथों से लूटा है। हम दोनों हाथों से देने का काम करेंगे। कांग्रेस से कई गुना ज्यादा देने की योजना है। अरुण साव से इंटरव्यू के दौरन बात चिट हुई :-

कांग्रेस ने खेला अपना कार्ड…किसान, कर्जमाफी, धान. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर किसानों की कर्जमाफी का ऐलान किया. इसे लेकर प्रदेश में चर्चा है. क्या है बीजेपी का रुख?

अरुण साव ने कहा आजादी के बाद से अब तक देखें, तो कांग्रेस की प्राथमिकता में कभी भी गांव, गरीब और किसान नहीं रहा। 1990 से पहले गांव, गरीब और किसान के लिए कांग्रेस पार्टी ने कोई काम नहीं किया, जबकि देश और प्रदेश में ज्यादातर उनकी सरकार रही। गांव, गरीब और किसान की चिंता भारतीय जनता पार्टी ने की।
मध्यप्रदेश में जब सुंदरलाल पटवा जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, तब गांव, गरीब और किसान की चिंता हुई। देश में जब अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार बनीं, तब गांव, गरीब, किसान केंद्र में आए। चाहे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हो, किसान क्रेडिट कार्ड हो। कांग्रेस इन्हें सिर्फ वोट बैंक समझती रही। कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया, लेकिन गरीब के लिए एक भी योजना नहीं बनाई।
2003 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने से पहले किसानों के क्या हालात थे? कांग्रेस की सरकार थी। किसानों के धान को पानी में डुबा डुबाकर रिजेक्ट करने वाली कांग्रेस की सरकार रही। धान किसी तरह बिक भी गया, तो उसका चेक पाने के लिए,उसकी राशि पानी के लिए किसानों की हालत खराब हो जाती थी। चप्पल जूते घिस जाते थे। आज भी यही हो रहा है। थोड़े से पैसे देकर उनके बच्चों के सपने तोड़ रही है।
उन्हें तोड़ने का काम कर रही है। पंप का कनेक्शन नहीं दिया, किसानों की जमीन का रकबा काटा। वर्मी कंपोज खरीदने को मजबूर किया। गांव को विकास से कोसों दूर कर दिया। किसानों को प्रधानमंत्री आवास से वंचित कर दिया। जल जीवन मिशन की स्थिति खराब कर दी। न गांव में स्कूल बनवाए, न अस्पताल, न सड़क, न पुल, न पुलिया। विकास के सारे काम ठप हैं। क्या ये किसानों, गरीबों के साथ अन्याय नहीं है। शहर का विकास अवरुद्ध है। आज नशे का गढ़ बना दिया है छत्तीसगढ़ को। क्या इससे किसान प्रभावित नहीं हो रहे हैं। किसानों की तरक्की और बेहतरी का काम कोई कर सकती है, तो वो भारतीय जनता पार्टी कर सकती है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते आपने जो आरोप लगाए, वो बिल्कुल लाजिमी है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के पास क्या रोड मैप है कि वो कांग्रेस के इन वादों का, घोषणाओं का काट निकाल सके?

अरुण साव ने कहा मैंने पहले ही कहा कि किसान प्रदेश का अन्नदाता है और गांव, गरीब और किसान की उन्नति के बिना प्रदेश का विकास संभव नहीं है। विकास को अवरुद्ध करके रखा है कांग्रेस की सरकार ने। 15 साल जब हमारी सरकार थी, हमने छत्तीसगढ़ को सजाने-संवारने का काम किया।
आम लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने का काम किया। कोई भूखा न सोए, कोई हाथ बिना काम के न रहे, इसकी चिंता की। किसानों की बेहतरी और तरक्की के लिए हमने काम किया। हमारी सरकार बनेगी तो हम कांग्रेस से कई गुना ज्यादा देंगे। कांग्रेस किसानों का शोषण कर रही है। एक हाथ से दे रही है, दूसरे हाथ से लूट रही है। हम दोनों हाथों से देंगे। बहुत अच्छी योजनाएं हैं।

प्रदेश में हमेशा ये कहा जाता है कि सत्ता की चाबी बस्तर और सरगुजा से होकर आती है। इस वक्त बस्तर की सभी 12 सीटें और सरगुजा की सभी 14 सीटें कांग्रेस के पास है। पहले चरण की 20 सीटें जिनमें चुनाव होने हैं, उनमें से 19 कांग्रेस के पास है । किन मुद्दों के साथ वापसी करने की सोच रहे हैं?

अरुण साव ने कहा बस्तर के साथ पांच साल में खूब अन्याय हुआ है। सरगुजा के साथ खूब अन्याय हुआ है। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में 40 हजार नवजात शिशुओं की मौत हुई है। कुपोषण से मुक्त नहीं करा सके। बस्तर और सरगुजा के जो हालात हैं, आदिवासी त्रस्त हैं। उन पर अत्याचार किए जा रहे हैं। आदिवासी माताओं, बहनों के साथ, बच्चों के साथ अन्याय हो रहा है। कानून व्यवस्था के हालात बहुत खराब हैं। आम बस्तरिया और सरगुजिया सभी परेशान हैं इस सरकार से। 15 साल के कार्यकाल में भाजपा ने जो विकास किया था, वो पूरी तरह से ठप है। बस्तर और सरगुजा के लोग कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठे हैं।

लेकिन कांग्रेस का दावा तो ये है कि उन्होंने बस्तर में किसानों की जमीन वापस दिलवाई? पेसा कानून में संशोधन किया?

अरुण साव ने कहा मैं पूछता हूं बस्तर के विकास के लिए उन्होंने क्या किया? सरगुजा के विकास के लिए क्या किया? सिर्फ एक काम बता दें कि इन पांच सालों में हमने ये काम किया। बस्तर और सरगुजा के आदिवासियों के लिए हमने ये काम किया। सिर्फ एक काम बता दें। बस्तर और सरगुजा में रहने वाले ओबीसी के लिए क्या किया? कोई उपलब्धि नहीं है। सिवाय शोषण, अत्याचार और अन्याय के । अस्पताल, सड़क, रोजगार, आरक्षण के नाम पर धोखा… यही सच्चाई है। कांग्रेस के सारे दावे होर्डिंग और विज्ञापन में दिखाई देते हैं। धरातल में कहीं नहीं है। सारे दावे हवा में है।

आपने आरक्षण की बात की। कांग्रेस का तो दावा है कि उन्होंने जातिगत सामाजिक समीकरणों के तहत 76 प्रतिशत तक आरक्षण को लागू करना चाहा, लेकिन भाजपा ने होने नहीं दिया? जातिगत जनगणना कराई, डेटा सार्वजनिक नहीं किया। क्या कहेंगे?

अरुण साव ने कहा ये इतना बड़ा छल और धोखा है छत्तीसगढ़ की जनता के साथ जो भूपेश बघेल कह रहे हैं। चाहे क्वांटिफाइबल डेटा का मामला हो या जातिगत जनगणना का मामला हो, पूरे देश में जो इनका जो इतिहास रहा है, वो बताता है कि केवल चुनाव में फायदा लेने के लिए ये काम करते हैं। इनकी नीयत में खोट है। ये करना नहीं चाहते।

 क्या भाजपा सरकार में आएगी, तो इन्हें लागू करेगी?

अरुण साव ने कहा मैं ये कहता हूं कि कांग्रेस दावा कर रहे हैं। ये वादा करते हैं, लेकिन पूरा नहीं करते। ये दावे खोखले और झूठे हैं। कांग्रेस का इतिहास राजनीतिक हत्याओं का रहा है। वादे करके मुकरने का इतिहास रहा है। शराबबंदी का वादा करके मुकर गए। कहां है फूड प्रोसेसिंग यूनिट, कहां है 10 लाख बेरोजगारों का बेरोजगारी भत्ता, कहां है महिला स्वसहायता समूह के कर्जे माफ करने वाली बात, एक भी वादा पूरा नहीं किया। 2018 के वादे पूरे नहीं हुए हैं, फिर नए वादे लेकर चले आए हैं।

लोकतंत्र में, राजनीति में इससे घटिया राजनीति, इससे गंदी राजनीति नहीं हुई । छत्तीसगढ़ की जनता को क्या समझा है आपने कि जो भी कहेंगे मान लेंगे। क्या छत्तीसगढ़ की जनता कुछ जानती नहीं है। 2018 के वादों का हिसाब देने के बजाय नए वादों का पिटारा लेकर चले आए हैं। राजनीति में ये नहीं होता। इनके नीयत, इनकी नीति में खोट है। केवल एक नीति है कि किसी तरह से सत्ता में आओ, सत्ता में आकर छत्तीसगढ़ की गरीब जनता को लूटो । उन्हें प्रधानमंत्री आवास से वंचित करो, उनके अधिकारों से वंचित करो, उन्हें जल, बिजली से वंचित करो, उन्हें सड़कों से वंचित करो, उनकी नौकरियों को बेचकर खा जाओ।

आपने राजनीतिक हत्याओं का जिक्र किया। क्या छत्तीसगढ़ में राजनीतिक हत्याएं हो रही हैं? यदि हां, तो झीरम घाटी हत्याकांड को आप क्या कहते हैं?

अरुण साव ने कहा मैं कहता हूं कि झीरम के मामले आज के मुख्यमंत्री कहा करते थे कि झीरम का सच मेरी जेब में है। 5 साल आपकी सरकार चली गई। क्या निकाला आपने? झूठ बोलना। कहां है झीरम का सच। मोहला मानपुर में बिरजू तालम की हत्या हुई है। क्या कसूर था उसका। उसका सिर्फ इतना दोष था कि वो भारतीय जनता पार्टी का प्रमुख कार्यकर्ता था। आप हार से डर रहे हैं। कांग्रेस का इतिहास रहा है राजनीतिक आधार पर हत्या की षड्यंत्र करके। आज भी वही कर रहे हैं। डरे हुए हैं, घबराए हुए हैं। सत्ता के लिए किसी की मौत, ये कांग्रेस के लिए बड़ी बात नहीं है। आज भी वही कर रहे हैं।

एक आरोप कांग्रेस लगातार लगा रही है कि भारतीय जनता पार्टी सांप्रदायिक रंग देकर चुनाव जीतना चाहती है। कवर्धा में विजय शर्मा और साजा में ईश्वर साहू को टिकट देकर भाजपा फायदा देख रही है। बस्तर में धर्मांतरण के विषय पर अग्रेसिव है भाजपा । क्या कहेंगे?

अरुण साव ने कहा  मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि कवर्धा में भगवा ध्वज का अपमान किसने किया? बिरनपुर में भुवनेश्वर साहू की हत्या क्यों हुई ? धर्मांतरण का विरोध करने वालों पर झूठा मुकदमा किसने बनाया? मलकीत सिंह की भिलाई में हत्या किसने की? आपकी सरकार है। सांप्रदायिकता के आधार पर काम तो आप कर रहे हैं।

बिरनपुर मामले में कोर्ट का जो फैसला आया, उसमें कहा कि बिना आधार के हिन्दू समाज के 8 बच्चों के खिलाफ मामला बनाया गया। भुवनेश्वर साहू के हत्यारों को आप नहीं पकड़ रहे हैं। सांप्रदायिकता किसे कहते हैं? केसरिया ध्वज का अपमान करने वाले सांप्रदायिकता कहते हैं। कृत्य को

भुवनेश्वर साहू की हत्या इसलिए हुई क्योंकि लव जेहाद के मामले का उसने विरोध किया था। क्या धर्मांतरण का विरोध करना सांप्रदायिकता है? सांप्रदायिक कांग्रेस है, तुष्टिकरण की राजनीति कांग्रेस करती रही है। बहुसंख्यक हिन्दू समाज के खिलाफ षडयंत्र कांग्रेस ने किया है। उनके खिलाफ झूठे मुकदमे आप बना रहे हैं।

भाजपा हिन्दुत्व की बात करती है, महिलाओं को आगे लाने की बात करती है, लेकिन जब प्रत्याशी उतारने की बात आई, तो कांग्रेस ने भाजपा से ज्यादा महिलाएं मैदान में उतारे, कांग्रेस ने भाजपा से ज्यादा ब्राम्हण प्रत्याशी दिए । कांग्रेस कहती है कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है। क्या कहेंगे?

अरुण साव ने कहा बिल्कुल नहीं। भाजपा जो कहती है, वो करती है। आप कांग्रेस की टिकट का हिसाब लगा लें। जिस एंगल से नाप लें। कथनी और करनी में अंतर कांग्रेस करती है।

सामाजिक समीकरणों की बात आ रही है। कई समाज की भाजपा से अपेक्षा थी कि उसे टिकट देगी। सिंधी समाज, गुजराती समाज, पंजाबी समाज..इनमें से किसी भी समाज को कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला। क्यों?

अरुण साव ने कहा टिकट वितरण के बहुत से आधार होते हैं। सभी समाजों को लगातार महत्व दिया है। बड़ी जिम्मेदारियां दी हैं। इन समाज के लोगों को साथ लेकर चल रहे हैं। भरपूर साथ मिल रहा है। सहयोग मिल रहा है। आगे भी इन समाजों की विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

इस बार आप, सर्वदलीय आदिवासी समाज और जोगी कांग्रेस तीन-तीन पार्टियां मैदान में होंगी। भाजपा के लिए ये अवसर है या चुनौती ?

अरुण साव ने कहा भाजपा अपनी रणनीति पर विश्वास करती है। सभी पार्टियों और व्यक्तियों को लोकतंत्र में चुनाव लड़ने का अधिकार है। हम अपने कार्यकर्ताओं के दम पर, संगठन के दम पर और जनता के आशीर्वाद से मैदान में जा रहे हैं। इस कारण पूरे प्रदेश में वातावरण भाजपा के पक्ष में है। जनता परिवर्तन चाहती है।

एक चर्चा हमेशा रही कि भाजपा अजीत जोगी के सहयोग से सरकार बनाती रही। अब गलियारों में चर्चा ये भी है अमित जोगी पर्दे के पीछे भाजपा का काम आसान कर रहे हैं?

अरुण साव ने कहासब राजनीतिक दल स्वतंत्र दल है। सबके संगठनात्मक आधार है। हम अपने कार्यकर्ताओं के बल पर चुनाव लड़ रहे हैं।

India Edge News Desk

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