कुणाल कामरा विवाद के बाद BMC का एक्शन, हैबिटेट स्टूडियो पर चला हथौड़ा

मुंबई

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के बयान से सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इस बीच बीएमसी के अधिकारियों की टीम ने मुंबई के हैबिटेट स्टूडियो के एक हिस्से को ढहा दिया है. इसी स्टूडियो में कामरा ने वह विवादित शो किया था, जिसमें शिंदे पर टिप्पणी की गई थी.

इस विवाद के बाद हैबिटेट स्टूडियो ने बयान जारी करते हुए अस्थायी रूप से स्टूडियो को बंद किए जाने की बात कही थी. हैबिटेट स्टूडियो ने बयान जारी कर कहा था कि कलाकार अपने विचारों और रचनात्मक विकल्पों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं और हम कभी भी उनके द्वारा पेश किए गए कंटेंट में शामिल नहीं रहे हैं. लेकिन हाल की घटनाओं ने हमें इस बारे में फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे हमें हर बार दोषी ठहराया जाता है और निशाना बनाया जाता है, जैसे कि हम कलाकार के प्रतिनिधि हों. स्टूडियो को तब तक बंद किया जा रहा है जब तक हम खुद को और अपनी संपत्ति को खतरे में डाले बिना मुक्त अभिव्यक्ति के लिए एक मंच प्रदान करने का सबसे अच्छा तरीका नहीं खोज लेते.

स्टूडियो के फ्लोर को BMC ने किया सील

कॉमेडियन कुणाल कामरा विवाद में BMC ने अपनी कार्रवाई को लेकर कहा कि स्टूडियो के छत को लेकर तोड़क कार्यवाही की गई है. ⁠स्टूडियो के फ्लोर को खार पुलिस ने सील कर रखा है इसलिए वहां तोड़क कार्यवाही नहीं हुई.

 कुणाल कामरा पर क्या बोलीं शाइना एनसी?

कुणाल कामरा पर शिवसेना नेत्री शाइना एनसी ने कहा कि यह कॉमेडी नहीं अश्लीलता है जो कि आपके लिए ट्रेजेडी बनने जा रही है.

स्टूडियो को BMC ने शुरू किया तोड़ना

कुणाल कामरा का शो जहां शूट हुआ, उस स्टूडियो को बीएमसी ने तोड़ना शुरू कर दिया है. बीएमसी अधिकारियों के स्टूडियो में जाने का भी वीडियो सामने आया था.

 आदित्य ठाकरे ने क्या कहा?

आदित्य ठाकरे ने कहा कि मिर्ची क्यों लगी? नाम तो किसी का लिया ही नहीं.  क्या कारण था की तोड़फोड़ की गई. कल तो पीएम के लिए भी कुणाल ने बोला. वो कुछ न कुछ किसी को बोलते रहते हैं. मुझे भी बोलता रहता है. लेकिन कल उनको इतनी मिर्ची क्यों लगी. क्या दाढ़ी वाले भ्रष्टाचारी आप ही है?

 कुणाल कामरा विवाद पर मंत्री प्रताप सरनाईक का बड़ा बयान

कुणाल कामरा विवाद पर मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि जिस स्टूडियो में उन्होंने शिवसेना पर टिप्पणी की, वो स्टूडियो अवैध है और उसपर बुलडोजर एक्शन होना चाहिए. इसके लिए BMC कमिश्नर से बात की.

अपनी टिप्पणियों और हाजिरजवाबी से लोगों को हंसाने वाले कुणाल कामरा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया था. उन्होंने बॉलीवुड की फिल्म 'दिल तो पागल है' के गीत पर पैरोडी सॉन्ग बनाया था. इसके जरिये उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर तीखे कमेंट किए थे. यही कमेंट शिवसेना (शिंदे गुट) के नेताओं को नागवार गुजरा.

इस वीडियो के वायरल होते ही शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता उग्र हो गए हैं. वीडियो सामने आते ही शिवसैनिक नाराज हो गए और उन्होंने मुंबई के खार इलाके में स्थित स्टूडियो और होटल यूनिकॉन्टिनेंटल में तोड़फोड़ की. शिवसैनिकों द्वारा दावा किया जा रहा है कि यहीं पर वीडियो शूट हुआ था. इस बीच कुणाल कामरा के खिलाफ MIDC पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है. शिंदे सेना विधायक मुराजी पटेल ने शिकायत दर्ज कराई है.

संविधान के तहत क्या बोलने की नहीं है आजादी

कुणाल कामरा ने संविधान की तस्वीर पोस्ट कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि संविधान हमें बोलने की आजादी देता है. और उनकी अभिव्यक्ति संवैधानिक प्रावधानों के अनुकूल ही है. लेकिन देश का संविधान ही राजकाज चलाने में सहूलियत लाने के लिए नागरिकों के 'कुछ भी बोलने पर' रोक भी लगाता है.

आइए जानते हैं कि किन धाराओं के तहत हम क्या क्या नहीं बोल सकते हैं.

आजादी के बाद जब संविधान बना, तो संविधान निर्माताओं ने नागरिकों को मौलिक अधिकार दिए. ये अधिकार अनुच्छेद 12 से अनुच्छेद 35 तक वर्णित हैं. इन्हें भारतीय संविधान का आधार माना जाता है. ये अधिकार नागरिकों को अलग-अलग स्वतंत्रताएं एवं सुरक्षा प्रदान करते हैं.  

अनुच्छेद 19 के तहत भारतीय नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी यानी कि बोलने की स्वतंत्रता दी गई है.  

वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब है कि एक भारतीय नागरिक लिखकर, बोलकर, छापकर, इशारे सा या किसी भी तरीके से अपने विचारों को व्यक्त कर सकता है.

लेकिन, अनुच्छेद 19 (2) में उन परिस्थितियों के बारे में भी बताया गया है जब बोलने की आजादी को प्रतिबंधित किया गया है.

ये परिस्थितियां हैं.

वैसे बयान जब भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरा हो.

जब राज्य की सुरक्षा को खतरा हो.

जब किसी के बयान से विदेशी राज्यों से मैत्रीपूर्ण संबंध बिगड़ने का खतरा हो.

जब किसी के बयान से सार्वजनिक व्यवस्था के खराब होने का खतरा हो.

जब सार्वजनिक शालीनता या नैतिकता खराब हो.

जब किसी के बयान से अदालत की अवमानना हो.

जब किसी की मानहानि हो.

जब किसी के बयान से अपराध को बढ़ावा मिलता हो.

संविधान का यह हिस्सा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को संतुलित करता है ताकि व्यक्तिगत अधिकारों का दुरुपयोग न हो और समाज व राष्ट्र के हितों की रक्षा हो सके. इसका अर्थ यह भी है कि कोई भी कानून मनमाना नहीं हो सकता और उसे न्यायिक समीक्षा के दायरे में रखा जा सकता है.

इसलिए, अनुच्छेद 19(2) यह सुनिश्चित करता है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पूर्ण नहीं है और इसे कुछ निर्धारित आधारों पर सीमित किया जा सकता है.

अगर आपकी किसी बात से या शब्द से या इशारे से इन सभी परिस्थितियों में से किसी एक का भी खतरा होता है तो बोलने की आजादी को प्रतिबंधित किया जा सकता है.

वहीं कुणाल कामरा का वीडियो सार्वजनिक होने के बाद शिवसेना विधायक मुर्जी पटेल ने कुणाल कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है.
एक अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर एमआईडीसी पुलिस ने सोमवार तड़के कामरा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें धारा 353(1)(बी) (Statements conducing to public mischief) और 356(2) (Defamation) शामिल है.

बता दें कि कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने शो में बॉलीवुड की फिल्म 'दिल तो पागल है' के गीत पर पैरोडी बनाया है. इस गीत के जरिये उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर तीखे कमेंट किए हैं. यही कमेंट शिवसेना (शिंदे गुट) के नेताओं को नागवार गुजरी है.

कामरा के इस वीडियो के बोल हैं- ठाणे की रिक्शा, चेहरे पर दाढ़ी… इस वीडियो क्लिप में गुवाहाटी, गद्दार जैसे शब्दों का जिक्र है. ये वीडियो अभी भी कुणाल कामरा के एक्स पर दिख रहा है.

 

India Edge News Desk

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