IFMS 3.0: राजस्थान में अफसरों की गलती की गाज कर्मचारियों पर, रिकवरी होने तक वेतन पर लगी रोक

जयपुर.

सरकार में पेमेंट सिस्टम सेंट्रलाइज करने और IFMS 3.0 सिस्टम की गड़बड़ी के चलते हजारों कर्मचारियों के खातों में दोहरा वेतन चला गया है। यह राशि कई करोड़ रुपयों में है, जिसका नुकसान न सिर्फ सरकार को हुआ है बल्कि कर्मचारियों की टैक्स कटौती भी इसके कारण बढ़ गई। इतना ही नहीं, कर्मचारियों को बिना गलती किए इसके और भी नुकसान उठाने पड़ेंगे। वित्त विभाग स्तर पर निकाले गए एक इंटरनल आदेश के अनुसार जब तक दोहरे वेतन की रिकवरी कर इसका चालान कोषालय में जमा नहीं करवाया जाएगा तब तक कर्मचारियों के आगामी वेतन पर रोक रहेगी।

IFMS 3.0 में घोटाले की बू जिस IFMS 3.0 सिस्टम से यह सारी गड़बड़ी हो रही है, उसमें भारी-भरकम घोटाले की आशंका भी है। सीएजी ने भी इस प्रोजेक्ट को अपनी राडार पर ले लिया है। दरअसल IFMS 3.0 शुरू से ही विवादों में रहा है। सबसे पहले इस प्रोजेक्ट को सरकारी कंपनी NIC के हाथों से लेकर प्राइवेट कंपनी को दिया गया और इसके सारे सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर तक बदल दिए गए। यह काम वित्त विभाग और DOIT ने मिलकर किया। यह वही DOIT महकमा है, जिसके अफसर ईडी और एसीबी के जांच के दायरे में भी हैं। एसीबी ने यहां कई अफसरों के खिलाफ जांच की अनुमति भी सरकार से मांग हुई है। सीएजी ने अपनी वार्षिक ऑडिट में इसी प्रोजेक्ट को शामिल किया था। सिस्टम की गड़बड़ी का दोष डीडीओ के माथे अफसर अब दोहरे वेतन की अदायगी का ठीकरा डीडीओ के सिर डालने की तैयारी में हैं, जबकि वित्त विभाग में पूरा पेमेंट सिस्टम सेंट्रलाइज है। एक व्यक्ति के पास ही भुगतान के अधिकार हैं। डीडीओ सिर्फ वेतन के बिल प्रेषित करते हैं।

वहीं IFMS 3.0 सिस्टम को हड़बड़ी में नहीं लागू करने के लिए कर्मचारी संगठनों ने कई बार सरकार से अपील भी की थी लेकिन प्राइवेट कंपनी को ठेका देकर कमीशन की मोटी कमाई के चक्कर में अफसरों ने सारी आपत्तियों को दरकिनार कर दिया और बिना ट्रेनिंग के ही नया सिस्टम प्रदेश में लागू कर दिया।

India Edge News Desk

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