अनुसुइया उइके जब तक छत्तीसगढ़ की राज्यपाल हैं, तब तक आरक्षण संशोधन विधेयकों को रोक सकती हैं : बघेल

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को कहा कि राज्यपाल अनुसुइया उइके जब तक छत्तीसगढ़ की राज्यपाल हैं, तब तक आरक्षण संशोधन विधेयकों को रोक सकती हैं।

बेमेतरा विधान सभा क्षेत्र में अपने भेंट मुलाक़ात कार्यक्रम के लिए रवाना होने से पहले राजधानी के पुलिस लाइन हेलीपैड पर मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए बघेल ने कहा कि राज्यपाल आरक्षण संशोधन बिल पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहती हैं।
राज्यपाल के पास तीन विकल्प हैं- अपनी सहमति वापस लेना, बिल वापस करना और राष्ट्रपति के विचार के लिए बिल को सुरक्षित रखना। राज्य सरकार ने राज्यपाल द्वारा उठाए गए सभी सवालों का जवाब पहले ही दे दिया था। बघेल ने कहा कि इसके बाद भी राज्यपाल ने अब तक आरक्षण संशोधन विधेयकों पर अपनी सहमति नहीं दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर राज्यपाल फिर से आरक्षण संशोधन विधेयकों के संबंध में कोई प्रश्न उठाते हैं, तो राज्य सरकार सभी प्रश्नों का उत्तर देने के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भाजपा जनता के बीच खलनायक नहीं बनना चाहती है। लेकिन भाजपा पिछले दरवाजे से राजभवन के माध्यम से आरक्षण संशोधन विधेयकों को रोक रही है। भाजपा कभी भी राज्य में आदिवासियों, किसानों, बच्चों, महिलाओं और मजदूरों की प्रगति नहीं चाहती थी। सार्वजनिक क्षेत्र के उन सभी उपक्रमों को बेचा जा रहा है जहाँ आरक्षण का लाभ पात्र लोगों तक पहुँच सकता था। लेकिन इसके बजाय रेलवे सहित हर चीज का निजीकरण करने का ठोस प्रयास किया जा रहा है।

बघेल ने आरोप लगाया कि भाजपा आरक्षण खत्म करने का खेल खेल रही है। बघेल ने कहा कि भाजपा स्पष्ट करे कि ओबीसी को आरक्षण दिया जाना चाहिए या नहीं।

बघेल ने अपने पहले के बयान को दोहराया कि राज्यपाल के कानूनी सलाहकार भाजपा के पार्टी कार्यालय एकात्म परिसर में बैठते हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुए और सभी राजनीतिक दलों ने विधेयकों का समर्थन किया। आरक्षण संशोधन विधेयकों को लेकर यदि कोई समस्या कोर्ट में आती है तो राज्य सरकार उससे लड़ने को तैयार है। उन्होंने कहा कि मात्रात्मक डेटा आयोग का गठन किया गया था और उसके आधार पर आरक्षण लागू करने के लिए आरक्षण संशोधन विधेयक तैयार किए गए थे। बघेल ने कहा कि उनके भेंट मुलाक़ात कार्यक्रम के दौरान एक लड़की ने कॉलेज में प्रवेश में देरी के बारे में पूछा था, तो उन्होंने जवाब दिया कि राज्य सरकार ने आरक्षण संशोधन विधेयक पारित किया है। उन्होंने कहा कि आरक्षण विधेयकों को लागू करने में देरी के कारण युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है। बघेल ने कहा कि सर्व आदिवासी समाज ने आरक्षण विधेयकों को लागू करने में हो रही देरी का विरोध किया था। आदिवासी राज्यपाल से मिलने गए थे लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। बघेल ने कहा कि राज्यपाल खुद को आदिवासी समुदाय की हितैषी बताती हैं, लेकिन वह उस आदिवासी से नहीं मिलीं, जो उनसे मिलने गए थे। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा व्यापारियों और अधिकारियों से बदसलूकी के संबंध में राज्य सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखा था। अगर भ्रष्टाचार है, ईडी के पास सबूत है तो ईडी के अधिकारी लोगों को क्यों परेशान कर रहे हैं। किसी का पैर फ्रैक्चर हो गया तो किसी का सुनाई देना बंद हो गया। यह सब उन लोगों के खिलाफ बयान लेने के लिए किया जा रहा है, जिन्हें वे निशाना बना रहे हैं। अगर सबूत है तो राज्य सरकार सहयोग करे और बल उपलब्ध कराये।

India Edge News Desk

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