बसपा की दूसरी सूची जारी, महिला प्रत्याशी को दिया गया टिकट
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए मायावती की पार्टी अब तक 26 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. पिछले चुनाव में पार्टी को दो सीटों पर जीत मिली थी.

दिल्ली: मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अगले महीने होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए 17 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची जारी की है। पार्टी के एक पदाधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में होंगे।
बसपा नेताओं ने बताया कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के निर्देश पर 17 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की गई है. सूची में एक महिला प्रत्याशी भी शामिल हैं. बसपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत पोयाम ने कहा कि पार्टी ने अब तक 26 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. बसपा ने जिन 17 सीटों के लिए नामों की घोषणा की है, उनमें से नौ अनुसूचित जनजाति (एसटी) और तीन अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं।
सूची के अनुसार पार्टी ने नरेंद्र साहू (भटगांव सीट), इन्नोसेंट कुजूर (पत्थलगांव- एसटी), नारायण रत्नाकर (सारंगढ़ – एससी), सत्यवती राठिया (धरमजयगढ़-एसटी), जगतराम राठिया (रामपुर- एसटी), जयनारायण किशोर ( सरायपाली – एससी), सुफल साहू (खल्लारी), लालचंद पटेल (कुरुद), चैतराम राज (पंडरिया), बहादुर कुर्रे (डोंगरगढ़-एससी), जालम सिंह जुर्री (भानुप्रतापपुर-एसटी), दिनेश कुमार मरकाम (केशकाल-एसटी), गिरधर नेताम (कोंडागांव-एसटी), रामधर बघेल (बस्तर-एसटी), संपत कश्यप (जगदलपुर), अजय कुड़ियाम (बीजापुर-एसटी) और मसा मड़कामी (कोंटा) को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है.
बसपा का जीजीपी से गठबंधन
बसपा ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। सीट बंटवारे के समझौते के अनुसार, बसपा और जीजीपी 90 सदस्यीय विधानसभा में 53 और 37 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।
पिछले चुनाव में बसपा को 3.87 फीसदी वोट मिले थे
पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। पिछले चुनाव में बसपा ने अकेले ही 3.87 फीसदी वोट पाकर दो सीटें जैजैपुर और पामगढ़ जीती थीं, जबकि उसकी गठबंधन सहयोगी जेसीसी (जे) को 7.6 फीसदी वोट मिले थे और उसने पांच सीटें जीती थीं |
क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ?
जीजीपी ने 2018 में 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था और असफल रही थी. यहां तक कि 36 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई. पिछले चुनाव में जीजीपी को 1.73 फीसदी वोट मिले थे. मध्य छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति की आबादी के बीच बसपा का काफी प्रभाव है। जीजीपी को बिलासपुर और सरगुजा क्षेत्र के कुछ आदिवासी बहुल हिस्सों में समर्थन प्राप्त है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक बीएसपी और जीजीपी सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकती हैं |