यूपी पुलिस 112 का नेटवर्क हुआ और भी मजबूत, काफिले में मिले 1778 नए वाहन

लखनऊ

यूपी 112 के काफिले में अब 6278 वाहन हो गए हैं। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1778 नए वाहनों को हरी झंडी दिखाई। इससे यूपी 112 का रिस्पांस टाइम कम होगा और जरूरतमंदों तक तेजी से मदद भेजी जा सकेगी। योगी ने कहा कि हमने यूपी-112 के रिस्पांस टाइम को कम करने और पीआरवी-112 की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया है। चौपहिया के साथ दोपहिया वाहनों को भी 112 के बेड़े में शामिल किया है, ताकि गली-मोहल्लों तक आमजन की मदद की जा सके। कोरोना काल में लॉकडाउन के समय यूपी 112 सुर्खियों में बना रहा। लोगों ने पुलिस बल के सेवाभाव को देखा था। जिन गली-मोहल्लों में फोर व्हीलर नहीं जा सकती, वहां टू व्हीलर पहुंचे। उन्होने कानपुर ट्रैफिक पुलिस की ओर से कर्मचारी कल्याण के लिए एसी हेलमेट प्रदान करने की अभिनव पहल की सराहना भी की।

हैदराबाद की कंपनी ने बनाया हेलमेट
एसी हेलमेट का निर्माण हैदराबाद की कंपनी ने किया है। वहीं कानपुर मेट्रो में कार्यरत एफकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर ने सीएसआर से सहयोग दिया है। सीएम ने कार्यक्रम में कानपुर ट्रैफिक पुलिस के आरक्षी सुगौरव तिवारी को हेलमेट पहनाने के बाद कहा कि इस बार गर्मी के नया रिकॉर्ड बनाया है। अंतिम चरण के चुनाव में एक ही दिन में दर्जनों चुनाव कर्मियों की मौत हो गयी थी, जो हमारे लिए चिंता का सबब था। तब तापमान बहुत अधिक था। ट्रैफिक जवान गर्मी में ड्यूटी करने के दौरान बेहोश हो जाते हैं या कोई अप्रिय घटना हो जाती है। एसी हेलमेट कुछ हद तक मदद कर सकता है।

जनता का मिला भरपूर सहयोग
सीएम ने कहा कि कानपुर के पुलिस कमिश्नर जब गोरखपुर के एडीजी थे तो उन्होंने सेफ सिटी का प्रयास प्रारंभ किया था। सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय व राज्यों को महिला सुरक्षा के बारे में संवेदनशील बनने को कहा था। इसे ध्यान में रखते हुए 2016 में सेफ सिटी के लिए गोरखपुर से ऑपरेशन त्रिनेत्र की शुरुआत की। इसमें नागरिकों का भी सहयोग मिला। उसके परिणाम हमें देखने को मिलते हैं। अब घटना होने के चंद घंटों के अंदर अपराधी पुलिस की भेंट चढ़ जाता है।

24 एजेंसियों से हुआ एकीकरण
बता दें कि यूपी-112 के द्वितीय चरण में नई तकनीक के साथ संसाधनों को भी बढ़ाया गया है। साथ ही, 15 नई एजेंसियों के साथ एकीकरण किया गया है। कॉलटेकर्स की संख्या 673 से बढ़ाकर 825 की गयी है। अब प्रतिदिन औसतन 28 हजार काॅल सुनी जा सकेंगी। पीआरवी को ट्रेक भी किया जा सकेगा।

सटीक लोकेशन मिलेगी
कॉलर की सटीक लोकेशन पता करने के लिए 112 ने ईएलएस तकनीक का उपयोग किया है, जो पहली बार देश के किसी पुलिस बल ने प्रयोग की है। पीआरवी कर्मियों को बॉडी वार्न कैमरे भी दिए गए हैं, जिससे घटनास्थल की फोटो और वीडियो रिकार्ड की जा सकेगी। साथ ही, पीआरवी पर पीटीजेड कैमरे लगाए गए हैं। इससे संवेदनशील घटनाओं की रियल टाइम मॉनिटरिंग जिला मुख्यालयों और यूपी-112 द्वारा की जा सकेगी।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button