सिरोही में गणगौर मेले में पहली बार दिखा लोक संस्कृति का अनूठा संगम, दिन में लोगों ने उठाया लुत्फ

उदयपुर/सिरोही.

जिले के आबूरोड उपखंड के सियावा गांव का विश्वप्रसिद्ध गणगौर मेला धूमधाम के साथ आयोजित हुआ। मेले में आबूरोड अंचल के अलावा उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा एवं समीपवर्ती गुजरात के विभिन्न स्थानों से आदिवासी समाज के लोग सम्मिलित हुए। मेले में परंपरा और लोक संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिला। सबसे बड़ी बात ये है कि पूर्व में यह मेला रात में शुरू होता था तथा अगले दिनभर चलता था।

कुछ समय पूर्व लौटाणा मेले में पुलिस कांस्टेबल की हत्या के बाद मेले में कोई अनहोनी घटना न हो इसके लिए यहां पहली बार दिन में आयोजन किया गया है। हर साल आयोजित होने वाले इस मेले में आबूरोड अंचल के अलावा उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और समीपवर्ती गुजरात के विभिन्न स्थानों से आदिवासी समाज के लोग सम्मिलित हुए हैं। पारंपरिक परिधानों से सजे धजे आदिवासी समाज को महिला पुरुषों द्वारा अपनी लोक संस्कृति के प्रचलित गीत गान और नृत्य का प्रदर्शन किया गया। तेज गर्मी के बावजूद मेलार्थियों का उत्साह देखते ही बन रहा है। मेलार्थियों ने यहां लगी खानपान की स्टालों के साथ जमकर खरीददारी की। स्थानीय मेला कमेटी, ग्राम पंचायत प्रशासन, आदिवासी विकास सेवा समिति एवं भाखर बाबा मानव सेवा ट्रस्ट डेरी ने अलग-अलग व्यवस्थाएं संभाली।

हत्या के मद्देनजर दिन में आयोजन –
सिरोही जिले में ही कुछ समय पूर्व ही लौटाणा मेले में रात में असामाजिक तत्वों ने एक पुलिस कांस्टेबल की हत्या कर दी थी। इस घटना के चलते किसी प्रकार की अनहोनी न हो इसके लिए मेला कमेटी ने पहली बार इस मेले का दिन में आयोजन किया है।

India Edge News Desk

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