वयोवृद्ध पत्रकारों को पेंशन देने की घोषणा करने की नीति एक छलावा है!

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

कुशीनगर | प्रदेश शासन द्वारा वयोवृद्ध पत्रकारों को पेंशन देने की घोषणा करने की नीति एक छलावा है! इसमें जो मानक रखा गया है उसमें कोई पत्रकार भी उस मानक के अनुसार नहीं आयेगा! क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के 60 वर्ष से अधिक उम्र के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को पेंशन देने हेतु पात्रता के संबंध में मांगी गई सूचनाओं में आवेदनकर्ता को उत्तर प्रदेश में 15 वर्ष तक निरन्तर राज्य अथवा जनपद स्तरीय मान्यता प्राप्त होना चाहिए अथवा 10 वर्ष तक श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम 1955 के प्रावधानों के अन्तर्गत श्रमजीवी पत्रकार रहना होगा| वही पेंशन के पात्र होंगे! इस संबंध में कुशीनगर पत्रकार विकास मंच के अध्यक्ष बी पी तिवारी ने कहा कि यह पत्रकारों को वेबकूफ बनाने की नियत झलकती है! कारण कि इस मानक के अनुसार कई जिलों में इस मानक को कोई पत्रकार नहीं पूरा कर पायेंगे! जो शासन से निर्धारित आवेदन फार्म जारी किये गए हैं उसमें जनपद व राज्य स्तर के मान्यता प्राप्त करने का निरंतर समय पांच वर्ष दर्शाया गया है! जबकि संशोधित पत्र में जिला व राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त में अनुभव निरंतर 15 वर्ष तथा श्रमजीवी पत्रकारों के लिए 10 वर्ष निर्धारित की गई है! तिवारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से फार्म के अनुसार पात्रता निर्धारित करने की मांग की है|
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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