CG Lok sabha Election 2024 :छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में एक सीट महासमुंद लोकसभा, रूप कुमारी चौधरी Vs ताम्रध्वज साहू..! जनता के लिए कौन है बेहतर?
लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपने-अपने इलाकों में चुनाव प्रचार तेज कर दिया है.इस बार बीजेपी से रूप कुमारी चौधरी उम्मीदवार हैं, जबकि कांग्रेस से पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू को मैदान में उतारा गया है.

महासमुंद,CG Lok sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपने-अपने इलाकों में चुनाव प्रचार तेज कर दिया है. दूसरी ओर, वे मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। इस चुनावी साल में सांसदों के प्रदर्शन और क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों पर भी बात करना जरूरी है. इसलिए हम चुनावी चौपाल कार्यक्रम के जरिये आपके बीच आ रहे हैं. आज हम पहुंचे हैं छत्तीसगढ़ के रायपुर संभाग के महासमुंद जिले में.
महासमुंद लोकसभा सीट भी छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से एक है
यह सीट छत्तीसगढ़ की सबसे पुरानी लोकसभा सीट मानी जाती है. लोकसभा चुनाव के लिहाज से इस क्षेत्र में कांग्रेस की अच्छी पैठ है. हालांकि, पिछले तीन लोकसभा चुनावों के नतीजों में बीजेपी ने लगातार यहां अपनी ताकत साबित की है. इस बार बीजेपी से रूप कुमारी चौधरी उम्मीदवार हैं, जबकि कांग्रेस से पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू को मैदान में उतारा गया है. दिग्गज नेता को उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही है.
महासमुंद लोकसभा सीट आठ विधानसभाओं को मिलकर बनाई गई है
इसमें महासमुंद, खल्लारी, बसना, सरायपाली, बिंद्रा नवागढ़, राजिम, कुरूद और धमतरी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। यहां जातिगत समीकरणों के लिहाज से सभी अपने वर्गों और समुदाय के लोगों को अधिक संख्या में होने का दावा करते हैं। इन्हीं दावों के आधार पर राजनीतिक पार्टियों भी टिकट देती हैं। महासमुंद लोकसभा ऐसी सीट है, जहां पर स्थानीयता और जातिवाद का मुद्दा हमेशा ही बना रहता है और यह चुनाव के वक्त हावी भी हो जाता है।
महासमुंद का राजनीतिक समीकरण
अब तक महासमुंद लोकसभा सीट में 18 बार चुनाव हो चुके हैं। इसमें से 12 बार चुनाव कांग्रेस ने जीता है। पांच बार बीजेपी का दबदबा इस लोकसभा सीट पर बना रहा है। इन 18 चुनाव के बीच में एक बार 1989 के चुनाव में विद्या चरण शुक्ल जनता पार्टी से चुनाव जीते थे। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी भी इस सीट से प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और कहा जाता है इस चुनाव में चुनावी पोस्टर में अजीत जोगी की बेड में रहते हुए फोटो लगी थी।
माना जाता है कि जिसके कारण वह चुनाव जीत गए थे। वही 2014 लोकसभा चुनाव में इसी सीट से 11 उम्मीदवार एक ही नाम के थे। यह उस समय देश भर में चर्चा का विषय बना रहा। ऐसा माना जाता है कि भाजपा प्रत्याशी का वोट काटने के लिए हम नाम प्रत्याशी मैदान में उतारे गए थे जिसके कारण 11 उम्मीदवार एक जैसे नाम के हो गए थे। इन सब के बावजूद भी चंदूलाल साहू लगातार दूसरी बार विजयी रहे हैं।