रातापानी अभयारण्य को केंद्र सरकार की हरी झंडी, मप्र में बढ़ेगा एक और राष्ट्रीय उद्यान

भोपाल
 मध्य प्रदेश में एक और राष्ट्रीय उद्यान बढ़ने जा रहा है। मध्य प्रदेश के इस आठवें टाइगर रिजर्व को केंद्र सरकार के राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। अब जल्द ही राजधानी भोपाल से सटे रातापानी और सिंघौरी अभयारण्य को मिलाकर नया टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आएगा। केवल औपचारिकताएं शेष हैं।

जल्‍द ही की जा सकती है घोषणा

समझा जा रहा है कि राज्य सरकार जल्द ही रातापानी को नया टाइगर रिजर्व बनाने की घोषणा कर सकती है। रातापानी टाइगर रिजर्व के लिए केंद्र सरकार 60 प्रतिशत बजट उपलब्ध कराएगी और 40 प्रतिशत राज्य का अंश होगा। टाइगर रिजर्व के लिए अभयारण्य की सीमा के अंदर स्थित 823.065 वर्ग किमी वन क्षेत्र को रातापानी टाइगर रिजर्व घोषित किया जाएगा।

  •     बता दें कि मध्‍य प्रदेश में आठवें टाइगर रिजर्व को बनाने का प्रस्ताव वर्ष 2008 से लंबित चल रहा है।
  •     केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव भी रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार से आग्रह कर चुके हैं।
  •     जानकारों के अनुसार रातापानी अभयारण्य के टाइगर रिजर्व बनने से मध्‍य प्रदेश में पर्यटन बढ़ेगा।
  •     यहां से सटे क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। भोपाल तक फ्लाइट कनेक्टिविटी होने से पर्यटकों और स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिलेगा। स्थानीय लोगों के लिए रोजगार संभावनाएं बढ़ेगी।
  •     इसके नुकसान भी होंगे, जैसे कि अभयारण्य क्षेत्र में लघु वनोपज का संग्रहण नहीं किया जा सकेगा।
  •     इस अभयारण्य में वर्ष 2022 की गणना के अनुसार कुल तीन हजार 123 वन्यप्राणी हैं। इनमें 56 बाघ, 70 तेंदुए, आठ भेडिया, 321 चिंकारा, 1433 नीलगाय, 568 सांभर और 667 चीतल हैं।
  • रातापानी मध्य प्रदेश का 8वां वाइल्ड लाइफ सेंचुरी टाइगर रिजर्व बनेगा

    रातापानी टाइगर रिजर्व के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता वाली राज्य वन्य प्राणी बोर्ड से मंजूरी मिल गई है. अब ये प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को टाइगर रिजर्व बनने के बाद मध्य प्रदेश में 8 टाइगर रिजर्व हो जाएंगे. बता दें कि रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव 16 साल लंबित था.

    रातापानी टाइगर रिजर्व बनने से भोपाल को मिलेगी नई पहचान

    अधिकारियों के मुताबिक, नया टाइगर रिजर्व बनने से भोपाल को एक नई पहचान मिलेगी. भोपाल और औबेदुल्लागंज को आर्थिक रूप से फायदा होगा, क्योंकि यहां टूरिस्ट की संख्या बढ़ जाएगी. इसके अलावा रातापानी रिजर्व के लिए केंद्र सरकार 60 फीसदी और राज्य सरकार 40 फीसदी अलग से बजट देगी.

    रातापानी सेंचुरी के टाइगर रिजर्व बनने से भोपालवासियों को मिलेंगे ये फायदे

    1. रातापानी सेंचुरी बनने से भोपाल की सांस्कृतिक धरोहर से दुनिया रूबरू होगा.

    2. रातापानी टाइगर रिजर्व बनने से भोपाल की अंतरराष्ट्रीय नक्शे पर पहचान बनेगी.

    3. भोपाल की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी.

    4. भोपाल के युवाओं और रहवासियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे.

    5. होटल, रिसोर्ट और होम स्टे से लोगों को आर्थिक लाभ मिलेगा.

    यहां जानें मध्य प्रदेश में स्थित टाइगर रिजर्व के बारे में

    मध्य प्रदेश में अब तक 7 वाइल्ड लाइफ सेंचुरी टाइगर रिजर्व है, जो कान्हा टाइगर रिजर्व (मंडला), पेंच टाइगर रिजर्व (छिंदवाड़ा, सिवनी), पन्ना टाइगर रिजर्व (पन्ना), सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (नर्मदापुरम), संजय दुबरी टाइगर रिजर्व (सीधी), बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (उमरिया), रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व (सागर, नरसिंहपुर, दमोह) है. वहीं रातापानी टाइगर रिजर्व भोपाल बनने के बाद प्रदेश में 8 टाइगर रिजर्व हो जएंगे.

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button