छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मेंटल हॉस्पिटल की बदहाली पर राज्य सरकार से कड़ी जवाबदेही मांगी

बिलासपुर
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सेंदरी मानसिक चिकित्सालय की अव्यवस्थाओं को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से कड़ी जवाबदेही मांगी है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि डॉक्टरों की अब तक हुई नियुक्तियों के आंकड़े, नाम और तिथि सहित शपथपत्र के माध्यम से पूरी जानकारी दो सप्ताह में प्रस्तुत करें। छत्तीसगढ़ में मानसिक रोगियों के इलाज के लिए सेंदरी में स्थित यह एकमात्र सरकारी अस्पताल है। यहां मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम के तहत निर्धारित प्रावधानों और सुविधाओं का अभाव होने पर विशाल कोहली द्वारा अधिवक्ता हिमांशु पाण्डेय के माध्यम से जनहित याचिका दायर की गई थी।

मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने जताई नाराजगी
इस गंभीर मामले में हाई कोर्ट ने स्वयं भी स्वत: संज्ञान लिया है और दोनों मामलों की एक साथ सुनवाई चल रही है। याचिका में बताया गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों के अनुसार, हर 10 हजार लोगों पर एक मनोचिकित्सक होना चाहिए, जबकि छत्तीसगढ़ में आठ लाख लोगों पर औसतन एक ही मनोचिकित्सक उपलब्ध है। इसके अलावा, प्रावधान के अनुसार हर जिले में एक मानसिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना भी अनिवार्य है, जो अब तक पूरी नहीं हो सकी है। पिछली सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने कड़ी नाराजगी जताई थी।

समाचार रिपोर्ट का हाई कोर्ट ने दिया हवाला
कोर्ट ने कहा कि 22 अगस्त 2024, 18 सितंबर 2024, 5 नवंबर 2024 और 14 नवंबर 2024 तक बार-बार समय देने के बावजूद भर्ती प्रक्रिया की ताजा अनुपालन रिपोर्ट आज तक अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई है। हाई कोर्ट ने हाल ही में बिलासपुर में प्रकाशित एक समाचार रिपोर्ट का हवाला भी दिया, जिसमें बताया गया था कि सेंदरी मानसिक चिकित्सालय में 180 मरीजों की देखरेख के लिए मात्र दो वार्ड बाय ही कार्यरत हैं। यह रिपोर्ट अस्पताल की दुर्दशा और राज्य सरकार की लापरवाही को उजागर करती है। अब कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि रिक्त पदों पर भर्ती और व्यवस्थाओं की स्थिति से जुड़ी संपूर्ण जानकारी शपथपत्र में प्रस्तुत की जाए, ताकि जरूरी सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।
 
शशांक गोयल की जमानत याचिका खारिज
वहीं, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) घोटाले में आरोपित शशांक गोयल को एक बार फिर राहत नहीं मिली। मंगलवार को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति बीडी गुरु की एकल पीठ ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी। इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत भी उसकी जमानत याचिका खारिज कर चुकी है। सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से अधिवक्ता बी. गोपाकुमार ने घोटाले में शशांक की संलिप्तता और जांच पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button