शिकागो टॉवर ऑडिट केस में पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप मुश्किल में फंसे, हारने पर देना होगा 10 करोड़ डॉलर का टैक्स

शिकागो.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, शिकागो टॉवर पर भारी नुकसान के दावों की आंतरिक राजस्व सेवा (आईआरएस) जांच वर्षों से चल रही है। इसी को लेकर एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर जांच में ट्रंप दोषी पाए जाते हैं तो उन पर 10 करोड़ डॉलर का टैक्स लग सकता है।

अमेरिकी मीडिया ने आंतरिक राजस्व सेवा की जांच का हवाला देते हुए बताया कि ट्रंप ने अपने संकटग्रस्त शिकागो टॉवर से अनुचित टैक्स छूट का दावा करने के लिए गलत कदम उठाया। उन्होंने हिसाब देने के लिए कागजों में बदलाव किया। शिकागो नदी के पास 92 मंजिला, कांच की बनी गगनचुंबी इमारत सबसे ऊंची और ट्रंप द्वारा बनाई गई आखिरी बड़ी निर्माण परियोजना है। कहा जाता है कि ट्रंप को जब घाटा हुआ तो उन्होंने उससे उभरने के लिए टैक्स लाभ लेने की कोशिश की। इतना ही नहीं आईआरएस का तर्क है कि ट्रंप ने हद तब पार कर दी, जब एक ही नुकसान को दो बार दिखाया। मामला सबसे पहले साल 2008 में सामने आया, जब टैक्स रिटर्न पर ट्रंप का बयान आया। उन्होंने अनुमानों से काफी पीछे ब्रिकी होने के कारण दावा किया कि कॉन्डो-होटल टॉवर में उनका निवेश बेकार रहा।

एक साल में 65.1 करोड़ डॉलर का नुकसान
रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप के इस कदम से एक साल में 65.1 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ। हालांकि, साल 2010 में,ट्रंप और उनके टैक्स सलाहकारों ने शिकागो परियोजना से और अधिक लाभ प्राप्त करने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने एक चाल को अंजाम दिया। मामला सामने आने के बाद आईआरएस को वर्षों तक पूछताछ करनी पड़ी।
सबसे पहले उन्होंने टॉवर के स्वामित्व वाली कंपनी को एक नई साझेदारी में स्थानांतरित कर दिया। फिर, उन्होंने इस बदलाव को अगले दशक में 168 मिलियन डॉलर के अतिरिक्त घाटे की घोषणा करने के औचित्य के रूप में इस्तेमाल किया।

एक मिसाल हो सकती है कायम
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप के टैक्स रिकॉर्ड 2016 के राष्ट्रपति अभियान के बाद से गहन अटकलों का विषय रहे हैं, जब उन्होंने दशकों की मिसाल को खारिज कर दिया था और लंबे समय से चल रहे ऑडिट का हवाला देते हुए अपने रिटर्न जारी करने से इनकार कर दिया था। अगर अब ट्रंप को टैक्स जमा करने की सजा मिलती है तो यह कानूनों से टैक्स लाभ चाहने वाले धनी लोगों के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है।

India Edge News Desk

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