नपेंगी एडल्‍ट कंटेंट और वीडियो परोसने वाली कई वेबसाइटें !

नई दिल्ली

एडल्‍ट कंटेंट और वीडियो परोसने वाली कई वेबसाइटें यूरोपियन यूनियन के श‍िकंजे में आ गई हैं। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईयू ने पोर्नहब, स्‍ट्र‍िपचै, XNXX और एक्‍सवीडियोज जैसे प्‍लेटफॉर्म्‍स की जांच शुरू की है। इन वेबसाइटों पर आरोप है कि ये बच्‍चों को एडल्‍ट कंटेंट से दूर नहीं रख पाईं। जो जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए थे, वो नहीं उठाए गए। इन वेबसाइटों ने उन नियमों को भी तोड़ा, जो बच्‍चों की उम्र की पुष्टि करने वाले टूल्‍स से जुड़े थे। रिपोर्ट के अनुसार, जांच में दोषी पाए जाने पर इन वेबसाइटों को उनके सालाना टर्नओवर का 6 फीसदी तक जुर्माना देना पड़ सकता है। यानी बच्‍चों को एडल्‍ट कंटेंट से सुरक्षित करने में विफल ये वेबसाइटें नप सकती हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, EU की तकनीकी प्रमुख हेन्ना विर्ककुनेन ने कहा कि ऑनलाइन स्‍पेस बच्‍चों के लिए सुरक्ष‍ित होना चाहिए। उन्‍हें गलत चीजें देखने को नहीं मिलनी चाहिए। ईयू की प्राथमिकता नाबालिगों को इंटरनेट पर सेफ माहौल देना है। उन्‍हें ऐसी चीजें नेविगेट करने को देना है जो ऑनलाइन सेफ हों और बच्‍चों पर गलत असर ना पड़े।

खूब देखी जाती हैं एडल्‍ट वेबसाइटें
दुनियाभर में एडल्‍ट वेबसाइटों की रीच बहुत अधिक है। इनकी दर्शक संख्‍या के कारण ही साल 2023 में यूरोप में ड‍िजिटल सर्विस एक्‍ट के तहत इन्‍हें एक बड़ा ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म माना गया है। एक्‍ट में शामिल होने के बाद इन प्‍लेटफॉर्म्‍स की जिम्‍मेदारी बन गई है कि ये गैरकानूनी और हानिकारक कंटेंट से निपटने में अधिक काम करें। हालांकि ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है।

कौन सी एडल्‍ट वेबसाइट कहां से है
रॉयटर्स की रिपोर्ट बताती है कि पोर्नहब का ताल्‍लुक साइप्रस के समूह आयलो फ्रीसाइट्स लिमिटेड से है। यह उसका हिस्‍सा है। XNXX पर चेक कंपनी एनकेएल असोसिएट्स का अधिकार है। इसी तरह से स्ट्रिपचैट, साइप्रस की एक कंपनी टेक्‍न‍ियस लिमिटेड की सहायक कंपनी है। एक्‍सवीडियोज, चेक रिपब्लिक के वेबग्रुप का हिस्सा है।

यूरोपियन यूनियन के देशों ने छोटे एडल्‍ट प्‍लेटफॉर्म्‍स के खिलाफ तो सीधी कार्रवाई का मन बनाया हुआ है, लेकिन बड़े प्‍लेटफॉर्म्‍स के खिलाफ उसे जांच पूरी करनी पड़ सकती है। कहा जाता है कि आने वाले दिनों में बड़े एडल्‍ट प्‍लेटफॉर्म्‍स को डीएस के दायरे से बाहर किया जा सकता है। इसका मतलब है कि वेबसाइट को भले ही बहुत अधिक लोग देखते हों, लेकिन उसे छोटे प्‍लेटफॉर्म के रूप में गिना जाएगा। ऐसा करने से वेबसाइट पर एक्‍शन लेना आसान हो जाएगा। यूरोपियन यूनियन के इरादों से लगता है कि वह बच्‍चों को एडल्‍ट कंटेंट से बचाने के लिए सख्‍त से सख्‍त कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। अगर इन वेबसाइटों ने नियमों का पालन नहीं किया तो भारी जुर्माना भी ईयू की तरफ से लगाया जा सकता है।

India Edge News Desk

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