भोपाल के समीप स्थित समरधा में भोज-नर्मदा द्वार का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया भूमिपूजन

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजधानी भोपाल के समीप स्थित समरधा में "भोज-नर्मदा द्वार" का भूमिपूजन कर प्रदेश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को साकार रूप देने की दिशा में एक और पहल की। इस अवसर पर उन्होंने भोपाल नगर निगम द्वारा नीमच में स्थापित 10 मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजना का वर्चुअल लोकार्पण भी किया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजधानी भोपाल के ग्यारह मील स्थित समरधामें भोज-नर्मदा द्वार का भूमिपूजन किया और भोपाल नगर निगम द्वारा नीमच में स्थापित 10 मेगावॉट के सोलर परियोजना का भी वर्चुअल लोकार्पण किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2000 लागू होने के बाद हमारे गौरवशाली इतिहास से जुड़ी कई घटनाएं और प्रसंगों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। आने वाले समय में राजा भोज, मां नर्मदा सहित अवंतिका और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पाठ्यपुस्तकों में जोड़ी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका उद्देश्य आने वाली पीढिय़ों को अपने इतिहास से रू-ब-रू कराना है। इसीलिए नई शिक्षा नीति के बाद जो पुस्तकों में बदलाव हुआ है उसमें देश और प्रदेश से जुड़े प्रसंगों को शामिल किया जा रहा है। पत्थर शिल्प के जरिए हमारा इतिहास आनेवाली पीढ़ी तक पहुंचे, इसलिए इस तरह के द्वारों का निर्माण कराया जा रहा है। राजधानी भोपाल में 9 द्वारों का निर्माण किया जाएगा।

इतिहास गौरवान्वित होना चाहिए
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि राजा भोज की नगरी में उनसे जुड़ा इतिहास और मां नर्मदा के प्रवाह और उद्गम सहित अन्य इतिहास से जुड़ी घटनाओं और कथाओं को पत्थर शिल्प के जरिए उकेरा जाएगा, ताकि आनेवाली पीढिय़ों को इसकी जानकारी हो सके। पत्थरों के द्वार से भी इतिहास गौरान्वित होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर के बीच का द्वार उज्जैन में बनाया है जो इन ज्योर्तिलिंग से जुड़े शहरों के इतिहास को पत्थर शिल्प के माध्यम से बताता है, इसलिए इसका नाम मृत्युंजय नाम दिया।  मुख्यमंत्री ने राजा भोज के पराक्रम और उनके पिता सिंधुराज और बड़े भाई मुंज से जुड़ी कथा सुनाई और मुंज द्वारा राजा भोज को मारने की साजिश और उसके बाद होनेवाले पश्चाताप से जुड़ा प्रसंग सुनाया।
 
उज्जैन, अयोध्या बनारस मोक्ष देनेवाली नगरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि मृत्यु के बाद मोक्ष देनेवाली नगरी अयोध्या, बनारस और उज्जयनी है। उज्जैन का 5 हजार साल पुराना इतिहास है। पत्थरों पर उज्जैन का इतिहास बताया। मैं प्रयास कर रहा हूं पूरे भोपाल का इतिहास पत्थरों के माध्यम से इतिहास आना चाहिए। एक-एक द्वार मां नर्मदा का उद्गम, राजा भोज का गौरवशाली पृष्ट क्या है। पत्थर शिल्प क्या है। उन्होंने कहा कि भारत की सेना ने पाकिस्तान को जो पटकनी दी है, वह काबिले तारीफ है। पहली बार बहन सोफिया और व्योमिका ने संसार के सामने रखा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इसके लिए धन्यवाद। हमारे दुश्मनों की क्या कमर तोड़ी है।  

नीमच में स्थापित उर्जा संयत्र का लोकार्पण
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाग नगर निगम द्वारा नीमच में स्थापित सौर ऊर्जा संयत्र का लोकार्पण किया। इस संयत्र के जरिए 10 मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस मौके पर कहा कि आनेवाले समय में नगर निगम भोपाल 200 मेगावॉट तक बिजली का उत्पादन करेगा। इस दौरान मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवानदास सबनानी, महापौर मालती राय, निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, जिला अध्यक्ष रविन्द्र यति मौजूर रहे।

India Edge News Desk

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