मुख्यमंत्री ने बेंगलुरु इन्वेस्ट में निवेशकों को मप्र के लिए किया आमंत्रित

भोपाल

प्रदेश को इंडस्ट्री हब बनाने के दिशा में लगातार काम कर रही मध्य प्रदेश सरकार के बेंगलुरु में दो दिवसीय 'इंवेस्ट-मध्य प्रदेश' के आयोजन में प्रदेश के लिए 3200 करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए हैं। इससे सात हजार रोजगार सृजित होंगे। गूगल क्लाउड ने कुशल कार्य बल बढ़ाने के लिए प्रदेश में स्टार्टअप हब और सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना का प्रस्ताव दिया है।

तेजस विमान के निर्माता हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने प्रदेश में रक्षा संबंधी उद्योग स्थापित करने में रुचि दिखाई है। एन वीडिया ने प्रदेश को 'भारत की इंटेलिजेंस राजधानी' के रूप में विकसित करने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने का सुझाव दिया है। गुरुवार को बेंगलुरु में हुए 'इन्वेस्ट-मध्य प्रदेश' के इंटरेक्टिव सत्र के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश और कर्नाटक का भाई-भाई का संबंध है, दोनों राज्यों में एक सा वातावरण है।

कर्नाटक में व्यापार, व्यवसाय और उद्योग संचालकों को अपनी गतिविधियों के विस्तार के लिए और स्थान मिले, इसी उद्देश्य से इन्वेस्ट मध्य प्रदेश कार्यक्रम कर्नाटक में आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बेंगलुरु में इस आयोजन के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। बताया कि यहां प्राप्त निवेश प्रस्तावों के सकारात्मक परिणाम्र 28 अगस्त को ग्वालियर में होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव में दिखेंगे।

    कर्नाटक की यात्रा अद्भुत रही। इन्टरेक्टिव सेशन में निवेशकों से चर्चा में अच्छा रिस्पॉन्स मिला। उधर पेरिस ओलंपिक में भारत ने पुनः पदक जीता है, जिसकी सभी देशवासियों को बधाई।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में निवेश आमंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां के उद्यमियों और उद्योगपतियों से चर्चा की योजना बनाई थी। इस दिशा में ठोस परिणाम सामने आ रहे हैं। प्रदेश में निवेश के लिए राज्य सरकार के विभागों ने प्रस्तुतीकरण दिया। वहीं राउंड टेबल मीटिंग के साथ अनुभवों का आदान-प्रदान भी हुआ।

कार्यक्रम में मनिपाल ग्रुप के मोहनदास पाई, लैप इंडिया के चीफ ऑपरेशन ऑफिसर शिव वेंकटरामानी और इंफोबींस के एमडी सिद्धार्थ सेठी ने अपने अनुभव साझा किए। मोहनदास पाई ने कहा कि मध्य प्रदेश में पर्याप्त लैंड-बैंक, उद्योग मित्र नीतियां, उपयुक्त अधो संरचना और प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध हैं। निश्चित ही मध्य प्रदेश देश में औद्योगिक गतिविधियों का केंद्र होगा।

एमपीआइडीसी और इंडिया इलेक्ट्रानिक्स सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आइईएसए), टाई ग्लोबल, इलेक्ट्रानिक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आफ इंडिया (ईएलसीआइएनए) और एसोसिएशन आफजियो स्पेशियल इंडस्ट्रीज (एजीआइ) के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर भी हुए। इन्वेस्ट मप्र में कर्नाटक सहित अन्य राज्यों के 500 से अधिक प्रतिभागियों ने भागीदारी की। वहीं ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, आस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड सहित कई देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

ये 11 कंपनियां मप्र में करेंगी 3200 करोड़ का निवेश कंपनी

सेक्टर– उद्योग– स्थान– निवेश राशि (करोड़ में)–अनुमानित रोजगार लैप इंडिया– इलेक्ट्रिकल– वायर्स एंड केबल्स– पीलुखेडी, राजगढ़– 175- 300 एजीआइ– मैन्यूफैक्चरिंग– ग्लास कंटेनर– ग्वालियर– 1000– 2000 कोकाकोला– फूड प्रोसेसिंग– बैवरेज– पीलुखेडी, राजगढ़– 350– 700 पूर्वाषा ग्रुप– फूड प्रोसेसिंग– विक्रम उद्योगपुरी, उज्जैन– 400– 800 मेटेक्नो– मेटल सेक्टर– इंसुलेटेड पैनल्स– विक्रम उद्योगपुरी, उज्जैन– 150– 300 थियागाराजन मिल्स– टेक्सटाइल्स–शून्य–शून्य– 250- 600 प्रिंट पाइंट फार्म पैकेजिंग– पैकेजिंग– पैकेजिंग– पीथमपुर, धार– 25– 250 फीदरलाइट इंडिया– मैन्युफैक्चरिंग– फर्नीचर– पीथमपुर, धार– 100– 500 एसआरवी निट टेक प्रा. लि.– टेक्सटाइल– निटवेयर– भोपाल– 25– 500 केनेस टेक्नोलाजी– आईटी– एंड टू एंड और आइओटी सोल्यूशंस इनेबल्ड इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रानिक्स– मप्र– 500– 500 एसकेजी मिल्स– टेक्सटाइल– टेक्सटाइल– मप्र– 200– 450

India Edge News Desk

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