चीन की अमेरिका के खिलाफ बड़ी साजिश का हुआ पर्दाफाश, US में महामारी की तबाही लेकर घुसे 2 चीनी शोधकर्ता गिरफ्तार

वाशिंगटन 
चीन की अमेरिका के खिलाफ बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। अमेरिका में दो चीनी नागरिकों को एक खतरनाक जैविक फफूंदी (पैथोजन) को अवैध रूप से अमेरिका में लाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस फफूंदी को वैज्ञानिक और सुरक्षा विशेषज्ञों ने एक संभावित जैविक आतंकवाद के हथियार के रूप में वर्गीकृत किया है, क्योंकि यह कृषि को भारी नुकसान पहुंचा सकती है।

फंगस  का नाम और खतरा 
यह खतरनाक फफूंदी Fusarium graminearum है। यह फसल में “हेड ब्लाइट” नामक बीमारी फैलाती है, जिससे गेहूं, जौ जैसी फसलों को भारी नुकसान होता है। इस बीमारी के कारण हर साल खेती को अरबों डॉलर का नुकसान होता है। इसके अलावा, इस फफूंदी से निकलने वाले टॉक्सिन इंसान और जानवरों के लिए भी हानिकारक होते हैं। ये टॉक्सिन उल्टी, यकृत (लिवर) को नुकसान, और प्रजनन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
 
गिरफ्तार आरोपी कौन?
जुनयोंग लियू नाम के 34 साल के एक चीनी शोधकर्ता पर आरोप है कि उन्होंने जुलाई 2024 में यह फफूंदी अमेरिका में अपने साथ लाकर मिशिगन यूनिवर्सिटी की एक लैब में रिसर्च करने की कोशिश की। उनकी गर्लफ्रेंड, 33 साल की युनकिंग जियान भी इस लैब में काम करती हैं। दोनों ने एक साथ इस जैविक फफूंदी को अमेरिका में लाने की साजिश रची।
 
FBI ने किया खुलासा
अमेरिकी एफबीआई (FBI) और कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) की संयुक्त जांच में पाया गया कि ये दोनों लोग फफूंदी को छुपाकर अमेरिका लाए। इनके खिलाफ साजिश रचना, गलत बयान देना, और वीजा धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं। जांच में यह भी पता चला कि जियान को चीन सरकार से इस फफूंदी पर काम करने के लिए फंडिंग मिली हुई थी। उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं।

खाद्य सुरक्षा के लिए  बड़ा खतरा
FBI के डेट्रॉइट क्षेत्रीय कार्यालय की स्पेशल एजेंट चेवोरिया गिब्सन ने बताया कि यह दोनों आरोपी अमेरिका की जनता और खाद्य सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा थे। अमेरिकी न्याय विभाग के अटॉर्नी जेरोम एफ. गॉर्गन जूनियर ने कहा कि यह मामले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। उन्होंने बताया कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी इस तरह के ऑपरेटिव और शोधकर्ताओं के जरिए अमेरिका की संस्थाओं में घुसपैठ कर खाद्य आपूर्ति को निशाना बना रही है।

सुरक्षा कड़ी करने की तैयारी 
यह मामला अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही बढ़े हुए तनाव के बीच सामने आया है। हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने घोषणा की थी कि वे चीन के छात्रों और शोधकर्ताओं के वीजा रद्द करने में कड़ी कार्रवाई करेंगे, खासकर उन लोगों के लिए जो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े हैं या संवेदनशील क्षेत्रों में पढ़ाई कर रहे हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि भविष्य में चीन और हांगकांग के सभी वीजा आवेदन पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। 

India Edge News Desk

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