पहलगाम हमले का चीनी कनेक्शन, चाइनीज सैटेलाइट फोन का हुआ इस्तेमाल, आतंकियों को पाताल से भी खोज निकालने में जुटी NIA

श्रीनगर
 जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच अब NIA कर रही है। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक सहित 26 लोगों की जान चली गई थी। जांच एजेंसियों को एक अहम सुराग मिला है। हमले के समय पहलगाम इलाके में एक प्रतिबंधित हुवावे (Huawei) सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल हुआ था। हुवावे एक चीनी कंपनी है। इस पर भारत में रोक है। शक है कि यह फोन पाकिस्तान या किसी दूसरे देश से तस्करी करके लाया गया था।

चीनी टेलीकॉम कंपनी पर है रोक
दरअसल भारत में चीनी टेलीकॉम कंपनियां हुवावे और ZTE (झोंगक्सिंग टेलीकम्युनिकेशन इक्विपमेंट) को 5G नेटवर्क के लिए उपकरण बेचने की अनुमति नहीं है। हालांकि इन पर कोई सीधा प्रतिबंध नहीं है। लेकिन भारतीय टेलीकॉम कंपनियों ने हुवावे और ZTE को 5G रोलआउट से बाहर कर दिया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये कंपनियां भारत सरकार की ओर से तय किए गए 'विश्वसनीय स्रोत' की शर्त को पूरा नहीं करती हैं। सुरक्षा कारणों से भारतीय टेलीकॉम कंपनियां यूरोपीय उपकरण इस्तेमाल करने के लिए ज्यादा पैसे देने को भी तैयार हैं।

अमेरिका और यूरोप में चीनी हुवावे पर प्रतिबंध
अमेरिका और यूरोप में चीनी हुवावे पर प्रतिबंध लगा है। जुलाई 2022 में अमेरिका और ब्रिटेन की सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन के खिलाफ चेतावनी जारी की थी। FBI और MI5 के प्रमुखों ने आरोप लगाया था कि चीन आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। चीन ने इन आरोपों को निराधार बताया था। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड, जो कनाडा के साथ फाइव आइज़ इंटेलिजेंस-शेयरिंग गठबंधन के सदस्य हैं, उन्होंने भी हुवावे को अपने 5G नेटवर्क से प्रतिबंधित कर दिया है।

पहलगाम अटैक की एनआईए कर रही हर एंगल से जांच
पहलगाम हमला हाल के समय में कश्मीर में हुए सबसे घातक हमलों में से एक है। इसमें बेकसूर पर्यटकों को निशाना बनाया गया था। एनआईए फॉरेंसिक एक्सपर्ट और टेक्निकल इंटेलिजेंस की मदद से कई पहलुओं पर जांच कर रही है। इसमें सैटेलाइट फोन को ट्रैक करना भी शामिल है। इसके लिए पश्चिमी एजेंसियों से मदद ली जा रही है। पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।

टीआरएफ ने क्या दी है चेतावनी?
TRF ने कहा है कि 85,000 से ज्यादा डोमिसाइल गैर-स्थानीय लोगों को जारी किए गए हैं। इससे भारतीय कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (IOJK) में जनसांख्यिकीय परिवर्तन का रास्ता खुल गया है। ये गैर-स्थानीय लोग पर्यटक बनकर आते हैं। डोमिसाइल प्राप्त करते हैं और फिर ऐसे व्यवहार करते हैं जैसे वे जमीन के मालिक हों। नतीजतन हिंसा उन लोगों के खिलाफ निर्देशित की जाएगी जो अवैध रूप से बसने की कोशिश कर रहे हैं। TRF का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में बाहर के लोगों को बसाया जा रहा है, इसलिए वे हिंसा करेंगे।

तीन संदिग्धों के स्केच जारी
चश्मदीदों ने बताया है कि हमले में पांच से ज्यादा हमलावर शामिल थे। NIA इन बयानों की जांच कर रही है ताकि घटनाओं का क्रम पता चल सके। NIA की टीमें एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर सुराग ढूंढ रही हैं। जम्मू-कश्मीर में ओवरग्राउंड वर्कर्स भी जांच के दायरे में हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहले तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए थे और प्रत्येक पर 20 लाख रुपये का इनाम रखा था। NIA ने कहा है कि वह आतंकी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। फॉरेंसिक टीमें हमले की जगह पर सबूत ढूंढ रही हैं।

दोषियों को न्याय के कटघरे में लाएगी एनआईए
NIA ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद एनआईए ने औपचारिक रूप से पहलगाम आतंकी हमले के मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। एजेंसी ने कहा कि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। एनआईए इस मामले की तह तक जाएगी और दोषियों को सजा दिलाएगी।

India Edge News Desk

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