आशा कार्यकर्ताओं को सीएम शिवराज का बड़ा तोहफा, मानदेय बढ़ाकर 6000 रुपए किया गया, बिना किसी गंभीर कारण के नहीं जाएगी नौकरी
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव से पहले आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय 2000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये करने का ऐलान किया था, साथ ही सेवानिवृत्ति की उम्र 62 साल कर दी है.

भोपाल: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव से पहले आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय 2000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये करने की घोषणा की, सेवानिवृत्ति की आयु 62 साल कर दी और बिना किसी उचित कारण के सेवा से हटाने पर भी रोक लगा दी |
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज आशा कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी घोषणा की
उन्होंने न सिर्फ आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने के निर्देश दिए, बल्कि उन्हें सेवा से पृथक करने के नियम में बदलाव की भी घोषणा की.आशा, उषा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे कुपोषण दूर करना हो या स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी कोई समस्या हो या सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन, उनका प्रचार-प्रसार, सभी आशा और उषा कार्यकर्ता इसमें शामिल हैं, ये बहनें कोविड के समय में मेरी ज़िंदगी जोखिम में डालकर सेवा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी बहना आपको एक प्रोत्साहन राशि मिलती है और दूसरा हमने जो सम्मान राशि शुरू की है वह 2000 रुपये है। 2000 रुपये का मानदेय बहुत कम है. मैं इसे बढ़ाकर 6 हजार करने का निर्देश देता हूं. सीएम ने कहा कि आशा डायरी के आधार पर आशाओं का वेतन भुगतान और सहयोगिनियों का सत्यापन ब्लॉक स्तर पर तुरंत कराया जाए. इसके लिए कुछ समय सीमा तय की जानी चाहिए |
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई आशा बहनों को नियमित
कार्य में कोई कमी नहीं होने पर भी सेवा से अलग कर दिया जाता है. इसलिए मैं निर्देश दे रहा हूं कि इन बहनों को बिना किसी गंभीर कारण के सेवा से अलग नहीं किया जाएगा. उन्होंने आशा बहनों और पर्यवेक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने की भी घोषणा की ताकि वे स्वस्थ रह सकें और बेहतर काम कर सकें।बेहतर काम कर सके। सीएम ने कहा कि आशा और आशा पर्यवेक्षक बहनों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।