MPACS से जुड़े 13 लाख सदस्यों का डाटा 2 साल में कलेक्ट करना बड़ी चुनौती पूर्ण कार्य था : धामी

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समाज में जो लोग पीछे रह गए हैं व छूटे हुए हैं, उन्हें सहकारिता विभाग आगे बढ़ाएगा, ऐसा उनका पूर्ण विश्वास है। पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री जनता दर्शन हॉल में सहकारिता विभाग की 108 एम पैक्स के कंप्यूटरीकरण ऑनलाइन कार्यक्रम व छरबा में टीएमआर प्लांट भवन के शिलान्यास के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सहकारिता विभाग ने बहुत अच्छा काम किया है। अन्य प्रदेशों के लिए उत्तराखंड सहकारिता की योजनाएं प्रेरणा का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश के हर विभाग की समीक्षा 3 महीने में करते हैं। सहकारिता का नंबर भी इस बार आ जाएगा। उन्होंने सहकारिता विभाग के अफसरों से कहा कि वह 2025 का रोडमैप तैयार करें, आने वाले समय में सहकारिता क्रांतिकारी परिवर्तन करेगा। मुख्यमंत्री ने सहकारिता मंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने और उनकी टीम ने गांव और न्याय पंचायत स्तर पर सहकारी समितियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म में लाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वरोजगार ऋण देने में जो मानक अपनाए जा रहे हैं, उन्हें और सरलीकरण किया जाए। अफसरों को दूरदराज से आए ग्रामीणों के काम करने की नियत से काम करना चाहिए। उत्तराखंड के सहकारिता विभाग के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि देश में सबसे पहले उत्तराखंड की जमीन पर गांव और न्याय पंचायत स्तर पर बहुद्देशीय सहकारी समितियों का डिजिटलीकरण का सपना देखा था, वह सपना आज पूरा हो रहा है। 13 लाख सदस्यों का डाटा 2 साल में कलेक्ट करना बड़ी चुनौती पूर्ण कार्य था, जिसे समय पर पूरा किया गया। डॉ. रावत ने बताया कि, 670 समितियों के कंप्यूटराइजेशन करने के लिए बीते 6 साल में 100 से अधिक समीक्षा बैठक ली गई और तमाम तकनीकी विशेषज्ञों से सार्थक बात की। इसमें नाबार्ड को शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि समय समय पर एमपैक्स का भ्रमण, गांव स्तर पर डिजिटल प्लेटफार्म की समीक्षा, उनकी कड़ी मेहनत, लग्न, लक्ष्य का ही नतीजा है कि देश में पहले राज्य उत्तराखंड में ग्रामीणों को कंप्यूटराइजेशन की सौगात मिलने जा रही है। उत्तराखंड राज्य के सहकारिता विभाग के एमपैक्स समिति सदस्यों की संख्या लगभग 13 लाख है। आज 108 एम पैक्स का कम्प्यूटरीकरण होने से करीब 2 लाख से अधिक लोगों के खातें डिजिटल प्लेटफार्म पर आ गए हैं। इसके फलस्वरूप राज्य के 5 लाख से अधिक ग्रामीण जन लाभान्वित हो सकेंगे।
(जी.एन.एस)