कोविड से हुई मौतों के लिए मुआवज़ा कोई इनाम नहीं; लापरवाही से नहीं निपटाए जा सकते मामले: अदालत

मुंबई
 बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने कहा है कि कोविड-19 योद्धाओं की मौत के लिए मुआवजा कोई इनाम नहीं है और अनुग्रह राशि मांगने वाले मामलों को लापरवाही से नहीं निपटाया जा सकता। कोर्ट ने यह टिप्पणी एक महिला की याचिका को खारिज करते हुए की। दरअसल हैंडपंप सहायक के रूप में काम करने वाले महिला के पति की कोरोना महामारी के दौरान मौत हो गई थी। जस्टिस रवींद्र घुगे और जस्टिस आर एम जोशी की बेंच ने कहा कि 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग करने वाली महिला की अर्जी खारिज करने के महाराष्ट्र सरकार के आदेश में कुछ भी गलत नहीं है।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिया आदेश
बीते 28 मार्च को पारित फैसले की प्रति  उपलब्ध कराई गई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह आदेश नांदेड़ जिले की कंचन हामशेट्टे की ओर से दायर याचिका पर पारित किया, जिन्होंने यह कहते हुए सरकार से 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मांगी थी कि उनके पति को सरकार की ओर से तैनात किया गया था जिनकी कोविड-19 से मौत हो गई। दरअसल महामारी के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने उन कर्मचारियों के लिए 50 लाख रुपये की व्यापक व्यक्तिगत दुर्घटना राशि योजना पेश की थी जो सर्वेक्षण, रोगियों का पता लगाने, परीक्षण, रोकथाम और उपचार और राहत गतिविधियों से संबंधित सक्रिय ड्यूटी पर थे।

याचिका में क्या कहा गया?
कंचन हामशेट्टे ने अपनी याचिका में कहा कि अप्रैल 2021 में जान गंवाने वाले उनके पति ऐसा कार्य कर रहे थे जो आवश्यक सेवाओं की श्रेणी में आता है। उन्होंने हाईकोर्ट से नवंबर 2023 में उनका आवेदन खारिज किए जाने के राज्य सरकार के निर्णय को रद्द करने का आग्रह किया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस बात पर कोई बहस नहीं हो सकती कि ऐसे मामलों को संवेदनशीलता और सावधानी से निपटाया जाना चाहिए।

तरह की राशि कोई इनाम नहीं
कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों की गहन पड़ताल की जानी चाहिए, लेकिन यह ध्यान में रखना होगा कि जो मामले अनुग्रह राशि के रूप में 50 लाख रुपये के भुगतान के योग्य नहीं हैं उन पर विचार नहीं किया जा सकता क्योंकि इस तरह की राशि कोई इनाम नहीं है।

ऐसे मामलों को लापरवाही से निपटाया जाता
अदालत ने कहा कि अगर ऐसे मामलों को लापरवाही से निपटाया जाता है और मुआवजा राशि दी जाती है, तो ऐसे मुआवजे के लिए अयोग्य लोगों को करदाताओं के पैसे से 50 लाख रुपये मिलेंगे। हाईकोर्ट ने सरकार की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि याचिकाकर्ता का पति एक हैंडपंप सहायक था और उसे किसी भी सक्षम प्राधिकारी की ओर से कोविड-19 ड्यूटी पर तैनात नहीं किया गया था।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button