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कोरबा मे बेबी एलीफैंट की मौत

तालाब किनारे मिला शव, आसपास हाथियों का दल मौजूद; अलर्ट पर वन अमला

कोरबा : कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल में एक बेबी एलीफैंट की मौत हो गई है। तालाब किनारे शनिवार को हाथी के बच्चे का शव देखकर ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। इधर बच्चे की मौत के बाद काफी संख्या में हाथी आसपास ही घूम रहे हैं। मृत हाथी के बच्चे की उम्र करीब 5 महीने बताई जा रही है।

बच्चे की मौत के बाद हाथियों का दल आक्रामक न हो जाए, इसके लिए वन विभाग इनके मूवमेंट पर नजर बनाए हुए है। जानकारी के मुताबिक, जटगा वन परिक्षेत्र के ग्राम सलियाभाटा में तालाब के पास शनिवार को कुछ ग्रामीण सुबह-सुबह पहुंचे। यहां उन्होंने कीचड़ में फंसा हुआ एक बेबी एलीफैंट का शव देखा।

कीचड़ में फंसकर बेबी एलीफैंट की मौत :

सूचना मिलने पर मिलने पर कटघोरा DFO कुमार निशांत तत्काल वनकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि बेबी एलीफैंट की मौत कीचड़ में फंसकर होने की आशंका जताई जा रही है। उन्होंने कहा कि घटना तड़के 3 बजे की है।

DFO ने कहा कि शव के आसपास हाथियों का दल घूम रहा है। आशंका है कि दल से अलग होकर बेबी एलीफैंट कीचड़ में फंसा होगा और उसकी मौत हो गई। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। अभी भी बेबी ऐलीफैंट की मौत का कारण स्पष्ट नहीं है।

इलाके में 41 हाथियों का दल मौजूद :

कटघोरा वनमंडल में पिछले कई दिनों से 41 हाथियों का दल मौजूद है। अलग-अलग हाथियों के दल में 41 हाथी है, जिनकी मॉनिटरिंग थर्मल ड्रोन से की जा रही है।

गांव में देर रात दंतैल हाथी की भी धमक :

इधर कटघोरा वन मंडल के केंदई वन परिक्षेत्र के कोरबी सर्किल में शुक्रवार रात लगभग 1 बजे लोनर (समूह से अलग हुआ) चेतक नामक हाथी भी घुस आया। उसकी चिंघाड़ सुनकर लोग दहशत में आ गए और सारी रात जगते रहे। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची।

वन विभाग ने करवाई मुनादी :

वन विभाग ने सावधानी के लिए लोगों  को घर से बाहर नहीं निकलने के लिए मुनादी करवाई। विभाग ने तत्काल कोरबी-चिरमिरी मुख्य सड़क को बंद कराया। लोनर दंतैल हाथी पुलिस चौकी के सामने स्थित खेत में धान की फसल चट कर गया। उसे देखने ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। ग्रामीण अपनी फसल को बचाने के लिए पटाखे जलाकर और टॉर्च से रोशनी करके हाथी को खदेड़ने का प्रयास करते रहे।

वनकर्मियों ने दंतैल हाथी को खदेड़ा :

वनकर्मी ग्रामीणों को हाथी के पास जाने से मना करते रहे, लेकिन लोग नहीं माने। घंटों की मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने हाथी को जंगल की ओर खदेड़ा, तब जाकर सबने राहत की सांस ली।

कोरबा में रात में भी हाथियों की ट्रैकिंग :

छत्तीसगढ़ के कई जिलों में हाथियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। कोरबा में भी कुछ दिनों से हाथियों का लगातार उत्पात जारी है। कटघोरा क्षेत्र में ही हाथी हाल ही में 3 लोगों की जान ले चुके हैं। इसे देखते हुए प्रदेश में पहली बार थर्मल ड्रोन से हाथियों की निगरानी शुरू की गई है। इसके लिए रायपुर से एक टीम को बुलाया गया है, जो कि रात में भी हाथियों को ट्रैक कर रही है।

कटघोरा डीएफओ कुमार निशांत ने बताया वनमंडल में लोगों को हाथियों के हमलों से बचाने के लिए काम किया जा रहा था। ऐसे में अब थर्मल ड्रोन से निगरानी की तकनीक को शामिल किया गया है। इसके चलते अब हमारे काम में और भी बेहतरी आ सकेगी। इस ट्रैकिंग से वन मंडल के हाथी मित्र दल को काम करने में मदद मिली है।

क्या होता है थर्मल ड्रोन ? 

थर्मोग्राफिक कैमरा (जिसे एक इन्फ्रारेड कैमरा या थर्मल इमेजिंग कैमरा या इंफ्रारेड थर्मोग्राफी भी कहा जाता है) ऐसा उपकरण है, जो इन्फ्रारेड रेडिएशन का उपयोग कर एक हीट जोन इमेज बनाता है। यह आम कैमरे के समान है, जो दृश्य प्रकाश का उपयोग करके एक छवि बनाता है। दृश्य प्रकाश कैमरे के 400-700 नैनोमीटर रेंज के बजाय इन्फ्रारेड कैमरे 14,000 एनएम (14 माइक्रोन) तक वेवलैंग्थ में काम करते हैं। इसे थर्मोग्राफी भी कहा जाता है।

India Edge News Desk

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