जीतू पटवारी के साथ पहुंचे कांग्रेसियों ने महाकाल मंदिर में तोड़े शीशे, सुरक्षाकर्मियों पर धमकाने का भी आरोप, FIR दर्ज
एमपी कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के साथ महाकाल मंदिर पहुंचे कांग्रेसियों ने सुरक्षाकर्मियों के साथ अभद्रता की और मंदिर के शीशे तोड़ दिए. इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

उज्जैन: मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए अध्यक्ष जीतू पटवारी मंगलवार को पदभार संभालने से पहले उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे. उनके साथ बड़ी संख्या में कांग्रेसी भी महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे. इसी बीच मंदिर में सुरक्षाकर्मियों के साथ बदसलूकी और शीशे तोड़ने की घटना हुई, जिसे लेकर महाकाल थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. अब आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है |
महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि मंगलवार को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी महाकाल दर्शन के लिए आये थे. इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने मंदिर समिति से शिकायत की थी कि अज्ञात लोगों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और मंदिर में लगे शीशे तोड़ दिये. इसके चलते इसकी लिखित शिकायत महाकाल थाने में की गई।
पहचान के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा
महाकाल थाना प्रभारी अजय वर्मा ने बताया कि मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात अज्ञात कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर के सुरक्षा गार्ड को जान से मारने की धमकी देने और अभद्रता करने का मामला दर्ज किया गया है. अभी तक आरोपियों की पहचान नहीं हो पाई है. आरोपियों की पहचान महाकालेश्वर मंदिर समिति के कैमरों की मदद से की जाएगी. इसके बाद उसकी गिरफ्तारी की जायेगी |
पटवारी के पहुंचने से फैली अव्यवस्था
जीतू पटवारी ने महाकालेश्वर मंदिर की चौखट से भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना की, जबकि उनके समर्थक नंदी हॉल और बैरिकेड के पास मौजूद थे। इस दौरान जीतू पटवारी के साथ विधायक महेश परमार, दिनेश जैन, पूर्व विधायक दिलीप गुर्जर, मुरली मोरवाल समेत कई कांग्रेस नेता मौजूद रहे. जब तक जीतू पटवारी मंदिर में नंदी हॉल के आसपास मौजूद रहे, तब तक कांग्रेस नेताओं ने उन्हें घेरे रखा |
कांग्रेसियों ने नहीं कटवाई मंदिर की रसीद
कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने जहां से भी संभव हुआ, महाकालेश्वर मंदिर में प्रवेश किया। महाकालेश्वर मंदिर में शीघ्र दर्शन के लिए 250 रुपए की रसीद कटवानी पड़ती है, लेकिन कई कांग्रेस नेताओं ने रसीद भी नहीं कटवाई और मंदिर में प्रवेश कर गए।