इंदौर में चंदन नगर से कालानी नगर तक बनने वाली लिंक रोड की चौड़ाई को लेकर विवाद

 इंदौर
चंदन नगर से कालानी नगर तक बनने वाली लिंक रोड की चौड़ाई को लेकर नया विवाद उत्पन्न हो गया है। नगर निगम इस सड़क की चौड़ाई 60 फीट रखना चाहता है, जबकि रहवासी इसे 40 फीट करने पर अड़े हुए हैं। निगम का तर्क है कि यह सड़क चंदन नगर और एयरपोर्ट रोड के ट्रैफिक को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, इसलिए इसकी चौड़ाई 60 फीट रखना आवश्यक है।

दूसरी ओर, रहवासियों का कहना है कि वर्तमान में यह सड़क कहीं 20 तो कहीं 25 फीट चौड़ी है। यदि इसे 60 फीट करने के बजाय 40 फीट किया जाए, तो कई मकान टूटने से बचाए जा सकते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना की टीम ने शुक्रवार को क्षेत्र का दौरा किया।

टीम तैयार कर रही प्रभावित मकानों की लिस्ट

टीम उन लोगों की सूची तैयार कर रही है, जिनके मकान सड़क की चौड़ाई 60 फीट रखने की स्थिति में प्रभावित हो रहे हैं। निगम ऐसे लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए फ्लैट आवंटित करने के लिए तैयार है, लेकिन रहवासी सड़क की चौड़ाई कम करने की मांग पर अड़े हैं।

उनका कहना है कि उन्हें विस्थापित किया गया, तो उनके सामने जीवन यापन का संकट खड़ा हो जाएगा। रहवासी ईद के बाद कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से मिलकर सड़क की चौड़ाई कम करने की मांग करेंगे।

महापौर परिषद की मिल चुकी है स्वीकृति

निगम चंदन नगर से एयरपोर्ट के लिए सीधी कनेक्टिविटी के लिए 60 फीट चौड़ी लिंक रोड बनाने की योजना बना रहा है। महापौर परिषद सम्मेलन में इस पर स्वीकृति भी मिल चुकी है। यह सड़क चंदन नगर चौराहा से नगीन नगर, नंदन नगर और कालानी नगर होते हुए एयरपोर्ट रोड तक बनाई जाएगी।

कालानी नगर का हिस्सा पहले से बना हुआ है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि नंदन नगर तक कुछ मकान चौड़ीकरण में प्रभावित हो रहे हैं। जिन लोगों के मकान पूरी तरह से जा रहे हैं, उन्हें पीएम योजना में आवास उपलब्ध कराए जाएंगे।

हवासी माने और टीम ने दोबारा पहुंचकर मार्किंग शुरू की। प्रस्तावित सड़क का रूट अब नंदन नगर और मोहता बाग होते हुए कालानी नगर तक तय किया गया है। पहले यह लिंक रोड एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए बनाई जानी थी, लेकिन 1600 से अधिक बाधक सामने आने के कारण रूट में बदलाव किया गया।

नगर निगम के मुताबिक, इस निर्माण कार्य के तहत चंदन नगर क्षेत्र में लगभग 150 से 200 मकान प्रभावित होंगे। महापौर परिषद की हालिया बैठक में इस सड़क के निर्माण को मंजूरी दी गई थी। इसके लिए 25 करोड़ रुपए के टेंडर स्वीकृत किए गए हैं। सोमवार को जहां विरोध के चलते सर्वे और सेंट्रल लाइन का काम रोकना पड़ा था, वहीं निगमायुक्त के हस्तक्षेप और पुनर्वास के आश्वासन के बाद मंगलवार को यह कार्य दोबारा शुरू किया गया।

आसान नहीं होगी शिफ्टिंग

पार्षद पति रफीक खान का कहना है कि यह शिफ्टिंग आसान नहीं होगी। कोई घर के बाहर पंचर की दुकान चला रहा है, तो कोई चाय की। ऐसे में यदि इन्हें शिफ्ट किया गया, तो उनके व्यवसाय का क्या होगा? चौड़ाई 60 के बजाय 40 फीट कर दी जाए, तो अधिकांश मकान टूटने से बच जाएंगे।

निश्शुल्क देने होंगे आवास

नगर निगम को प्रधानमंत्री आवास निश्शुल्क प्रदान करने होंगे। कुछ सप्ताह पहले ही मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने इस संबंध में स्पष्ट दिशा निर्देश दिए थे। कोर्ट ने आरई-2 की जद में आ रहे लीजधारकों को निश्शुल्क आवास उपलब्ध कराने का आदेश दिया था।

आयुक्त ने की सुलझाने की कोशिश
इस घटनाक्रम के बाद नगर निगम के आयुक्त शिवम वर्मा द्वारा इस मामले को सुलझाने की कोशिश की गई। उन्होंने कांग्रेस पार्षद रफीक खान से चर्चा की और फिर उन्हें नगर निगम में बुलवाकर अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर के साथ उनकी मीटिंग कराई गई। इस मीटिंग में फैसला लिया गया कि पहले सर्वे करके यह देख लिया जाए कि कितने मकान का कितना हिस्सा सडक़ के कारण तोडऩा पड़ेगा। जब यह आंकड़े सामने आ जाएंगे, तब व्यवस्थापन के बारे में फैसला लिया जाएगा। इस पर कांग्रेस पार्षद भी सहमत थे। अब आज से नगर निगम की टीम द्वारा चंदन नगर क्षेत्र में सर्वे की कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा।

जिनके मकान पूरे टूटेंगे उन्हें कितने फ्लैट देने होंगे

    सेंट्रल लाइन डालने के बाद मकानों पर निशान भी लगा दिए गए हैं। सड़क की चौड़ाई 60 फीट रखने की स्थिति में जिन लोगों के मकान पूरी तरह टूट रहे हैं, उनके परिवार का सर्वे चल रहा है। पता लगाया जा रहा है कि कितने फ्लैट देने होंगे और कहां दिए जा सकते हैं। रहवासी चौड़ाई कम करने की मांग कर रहे हैं, हालांकि इस संबंध में अब तक कोई निर्देश नहीं मिले हैं। – डीआर लोधी, अधीक्षण यंत्री नगर निगम इंदौर

 

India Edge News Desk

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