इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के तहत बारां जिला प्रथम स्थान पर

विनोद मोलपरिया

इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना गर्भवती महिलाओं को पोषण एवं स्वास्थ्य के साथ आर्थिक संबल प्रदान कर रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित इस योजना के तहत गर्भवती, धात्री माताओं, शिशुुओं के पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार के लिए द्वितीय प्रसव पर इंदिरा गांधी मातृृत्व पोषण योजना का लाभ दिया जा रहा है। सहरिया जनजाति बहुल बारां जिला कुपोषण के दंश से प्रभावित रहा लेकिन राज्य सरकार की इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना गर्भवती माता एवं गर्भावस्थ शिशुओं को पोषण प्रदान करने में सहायक सिद्ध हुई है।

बारां जिला को मिला प्रथम स्थान-

इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना पूर्णतया पेपरलेस है जिसमें चिकित्सा विभाग के पीसीटीएस पोर्टल से सीधे ही पात्र लाभार्थी राजपोषण पोर्टल पर प्रदर्शित होता है जिसका महिला पर्यवेक्षक द्वारा जांच कर वेरिफाई किया जाता है। इसके बाद योजना का लाभ सीधे ही पात्र लाभार्थी के बैंक खाते में हस्तान्तरित होता है। योजना के प्रथम चरण में राजस्थान के 5 जिलों में इसे संचालित किया जा रहा था जिसको मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजट घोषणा 2021-22 में शेष 28 जिलो में भी प्रारंभ करने की घोषणा कर दी गई है। राजस्थान सरकार की फ्लेगषिप योजनाओं में जिलेवार रैंक सूची के तहत बारां जिले को उक्त योजना के तहत प्रथम स्थान मिला है। इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के तहत जिले में अब तक 4 हजार 263 लाभार्थियों को 1 करोड 2 लाख 44 हजार की राशि उनके जनआधार बेस बैंक खाते में हस्तान्तरित की जा चुकी है।

इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है जिसके तहत द्वितीय संतान के लिए गर्भधारण करने वाली महिलाओं को 5 किश्तों में 6 हजार रूपये की सहयोग राशि सीधे उनके बैंक खातों के माध्यम से प्रदान की जाती है। यह योजना नवम्बर 2020 के बाद द्वितीय प्रसव के लिए गर्भवती व धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य व पोषण में सुधार लाने के साथ जन्म के समय कम वजन एवं अत्यधिक दुबलापन कम करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है।

इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के तहत प्र्रथम किश्त की राशि एक हजार रूपए गर्भावस्था जांच व पंजीकरण (अंतिम माहवारी तिथि से 120 दिनों के भीतर पंजीकरण होने पर) प्रदान की जाती है। द्वितीय किश्त के लिए एक हजार रूपए की राशि कम से कम 2 प्रसव पूर्व जांच पूरी होने पर (गर्भावस्था के 6 माह के भीतर) दी जाती है। तृतीय किश्त के लिए एक हजार रूपए की राशि संस्थागत प्रसव शिशु के जन्म पर दी जाती है। चतुर्थ किश्त के तहत 2 हजार रूपए की राशि का भुगतान शिशु के 3 माह का होने पर सभी नियमित टीके लगाने एवं जन्म पंजीकरण करवाने पर दी जाती है। पांचवीं किश्त के तहत एक हजार रूपए की राशि द्वितीय संतान के बाद दम्पत्ति द्वारा 3 माह के भीतर स्थायी परिवार नियोजन साधन अपानाये जाने पर प्रदान की जा रही है।

लाभार्थी महिलाओं को मिला संबल –

लाभार्थी रीना ने बताया कि मुझे द्वितीय संतान पर आंगनबाडी कार्यकर्ता द्वारा इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना की जानकारी दी गई। मुझे इस योजना के अन्तर्गत 5 किश्तों में आर्थिक सहायता मिली है उसे पाकर बहुत मुझे खुशी हुई। मुझे पहली किश्त गर्भावस्था के दौरान मिली जिसका उपयोग बेहतर खान-पान के लिए किया। इस योजना का लाभ लेने वाली मैं प्रथम लाभार्थी थी। मुझे इस योजना के तहत बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा किश्त प्राप्त होने पर घर आकर बधाई दी गई।

‘‘इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है इस योजना से गर्भवती और धात्री महिलाओ को आर्थिक संबल प्रदान हो रहा है और उनके पोषण की स्थिति मे सुधार हो रहा है। प्राप्त जानकारी अनुसार इस योजना के अंतर्गत अब तक बारां जिले मे एक करोड रूपए से अधिक की राशि लाभार्थियों के खातों मे सीधे डाली जा चुकी है इस योजना को आर्थिक सहयोग खान विभाग द्वारा दिया जा रहा है।’’

India Edge News Desk

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