नर्मदा-क्षिप्रा में मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की आस्था की डुबकी, लोग घाट पर कथा, पूजन भी करवा रहे

उज्जैन

माघ मास की मौनी अमावस्या पर बुधवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु जीवनदायिनी मां नर्मदा और मां शिप्रा में स्नान करने पहुंच रहे हैं। सुबह 4 बजे से ही ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का सिलसिला शुरू हुआ।

उज्जैन में शिप्रा नदी के राम घाट में श्रद्धालु बड़ी संख्या में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। इस दौरान कुछ भक्त सोमती कुंड में भी स्नान कर रहे हैं। भीड़ को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

इधर जबलपुर, नर्मदापुरम और सीहोर में श्रद्धालुओं ने नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाई। नर्मदा के घाटों पर हर-हर नर्मदे के जयकारे गूंज रहे हैं। जबलपुर के ग्वारी घाट और जिलहरी घाट में स्नान के लिए श्रद्धालु की भीड़ उमड़ी है।

प्रयागराज में भीड़ के चलते शिप्रा में लगा रहे डुबकी

शिप्रा नदी पर डुबकी लगाने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि, प्रयागराज में भीड़ होने के चलते शिप्रा नदी में डुबकी लगाकर पुण्य कमा रहे है। मौनी अमावस्या पर अन्नदान, वस्त्रदान का भी विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पितरों के निमित्त धूप-दीप जलाना, तर्पण और पिंड दान करना चाहिए। इसके साथ ही वस्त्रदान, अन्नदान और पात्र दान का संकल्प सुख-शांति के साथ आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है।

तीर्थ स्थलों पर में स्नान और दान का विशेष महत्व

ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार, तीर्थ स्थलों पर मौनी अमावस्या पर स्नान, दान, तर्पण आदि का खास महत्व होता है। इस दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर कुंभ, महाकुंभ और सिंहस्थ जैसे विशेष योग बनते हैं। इस बार के योग में प्रयागराज में स्नान का बड़ा महत्व है। हालांकि, यदि वहां जाना संभव न हो, तो अन्य तीर्थ स्थलों पर भी कल्पवास किया जा सकता है।

सीहोर में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

इधर, सीहोर में मौनी अमावस्या के पर्व पर नर्मदा नदी के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। सुबह 4 बजे से ही भक्तों का आना शुरू हो गया था, जो दिन चढ़ने के साथ लगातार बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र के आंवली घाट, नीलकंठ और बुधनी घाट समेत कई स्थानों पर हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

नर्मदापुरम में कई जिलों से पहुंचें लोग

अमावस्या पर नर्मदा स्नान करने नर्मदापुरम के अलावा हरदा, इटारसी, बैतूल, भोपाल, विदिशा, बीना, छिंदवाड़ा सहित अन्य शहरों से बड़ी संख्या में महिला-पुरुष स्नान करने पहुंचे हैं। रेलवे स्टेशन पर स्नान करने आने और लौटने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ रही। जिले के आंवलीघाट, सांडिया, बाबरी घाट, खोकसर, बांद्राभान में भी श्रद्धालुओं द्वारा नर्मदा स्नान किया जा रहा है। श्रद्धालुओं का लगातार नदी के घाटों पर आना जारी है।

जबलपुर में 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना

जबलपुर में नर्मदा तटों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। ब्रह्म मुहूर्त से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने नर्मदा तट गौरी घाट पहुंचकर स्नान किया। नर्मदा के स्नान का सिलसिला लगातार जारी है। पंडित चंद्रभूषण उपाध्याय ने बताया कि मौनी अमावस्या पर मोन रह के पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाने का महत्व बताया गया है। इस दिन ऐसा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही पितरों के मोक्ष के निमित्त मौनी अमावस्या पर तर्पण भी किया जाता है। इससे पितृ दोष दूर होता है।

जबलपुर के गौरीघाट, तिलवारा घाट, और भेड़ाघाट में नर्मदा स्नान के लिए तकरीबन 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के नर्मदा स्नान करने की संभावना है। जिसको देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर भी सुरक्षा की इंतजाम किए गए हैं।

लाइफ सेविंग जैकेट के साथ गोताखोर तैनात

प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए पुख्ता इंतजाम किए हैं। सभी प्रमुख घाटों पर बोट, लाइफ सेविंग जैकेट और गोताखोर तैनात किए गए हैं। प्रशासन ने एक दिन पहले से ही अपनी टीमों को तैनात कर दिया था।

 

India Edge News Desk

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