उल्लास-नवभारत साक्षरता कार्यक्रम – बुनियादी साक्षरता मूल्यांकन 16 फरवरी को

भोपाल
प्रदेश के समस्त जिलों के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम में बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मकता परीक्षा का आयोजन पूरे प्रदेश में 16 फरवरी 2025 को किया जा रहा है। परीक्षा में लगभग 17 लाख से अधिक नवसाक्षर अपनी योग्यता को साबित करेंगे।

केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के असाक्षर व्यक्तियों को बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान प्रदान कर साक्षर करने के लिये उल्लास-नवभारत साक्षरता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश में साक्षरता दर बढ़ाने के लिये 15 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के ऐसे असाक्षर को साक्षर करने के लिये उल्लास-नवभारत साक्षरता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिनमें यूनेस्को की परिभाषा अनुसार, मुद्रित एवं लिखित सामग्री का उपयोग करके पहचानने, समझने, व्याख्या करने, बनाने, संवाद करने और गणना करने की क्षमता नहीं है, देशभर में यह कार्यक्रम वर्ष-2022 से वर्ष-2027 तक संचालित किया जा रहा है। कार्यक्रम में वर्ष में 2 बार "बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मकता मूल्यांकन परीक्षा आयोजित की जाती है।

ये होंगे परीक्षा में शामिल
परीक्षा में सम्मिलित होने वाले नवसाक्षर वह शिक्षार्थी होते हैं, जिन्हें सर्वे के माध्यम से चिन्हांकित किया गया हो और उन्होंने राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा आईपीसीएल पद्धति से तैयार की गई उल्लास-अक्षर पोथी प्रवेशिका" से अध्ययन कार्य किया हो। इसके साथ ही पूर्व के वे नवसाक्षर भी इस परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं, जिन्होंने साक्षरता कार्यक्रम के अन्तर्गत संचालित कक्षाओं में प्रवेशिका पूर्ण कर अंतरिम मूल्यांकन में सफलता अर्जित की हो किंतु उन्हें प्रमाण-पत्र प्राप्त हो। ऐसे व्यक्ति जो पूर्व से शिक्षित है किंतु उनके पास किसी प्रकार का शैक्षणिक प्रमाण-पत्र न हो भी प्रमाणीकरण के लिये मूल्यांकन परीक्षा में शामिल हो सकते है।

साक्षरता कार्यक्रम में डिजिटल तकनीक का उपयोग
उल्लास-नवभारत साक्षरता कार्यक्रम में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश में डिजिटल तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इसके लिये प्रदेश में गठित राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा मोबाइल एप और पोर्टल भी विकसित किया गया है। कार्यक्रम में डोर-टू-डोर सर्वे एवं साक्षरता कक्षाओं की मॉनिटरिंग जियो टैग के माध्यम से की जा रही है। साक्षरता कार्यक्रम में स्वयंसेवी संगठनों, युवाओं, एनसीसी और स्काउट-गाइड के केडिट्स की मदद ली जा रही है। प्रदेश में असाक्षर व्यक्ति को "उल्लास अक्षर पोथी" के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है। रविवार 16 फरवरी को होने वाली परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों के स्पॉट मूल्यांकन के बाद रिजल्ट तथा अन्य विवरणों की ऑनलाइन एंट्री भी मोबाइल एप तथा पोर्टल पर दर्ज की जायेगी। इस कार्यक्रम में अभी तक 4 मूल्यांकन परीक्षाओं का आयोजन किया जा चुका है। उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम में शामिल स्वयं-सेवकों को अक्षर साथी का नाम दिया गया है। साक्षरता से जुड़े पाठ्यक्रमों को वीडियो के जरिये व्हाट्स-अप ग्रुप, यू-ट्यूब और पोर्टल के माध्यम से पहुँचाया जा रहा है।

उत्तीर्ण नवसाक्षरों को मिलेगा प्रमाण-पत्र
नवभारत साक्षरता परीक्षा गॉंव, कस्बों और नगरों में असाक्षरों के घरों के नजदीकी स्कूलों में आयोजित की जा रही है। परीक्षा के लिये राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा परीक्षा से संबंधित समस्त तैयारियाँ की गई हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने समस्त जिलों के कलेक्टर व जिलों के विभागीय अधिकारियों को परीक्षा के आयोजन के संबंध में निर्देश जारी किए है। बुनियादी साक्षरता मूल्यांकन परीक्षा में उत्तीर्ण नवसाक्षरों को राष्‍ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (एन.आई.ओ.एस.) द्वारा साक्षरता परीक्षा का प्रमाण-पत्र भी जारी किया जायेगा। परीक्षा प्रात: 10 बजे से तीन घंटे की होगी। परीक्षा तिथि 16 फरवरी को राज्य स्तर के शीर्ष अधिकारियों सहित जिला कलेक्‍टर्स एवं अन्य मैदानी अधिकारियों द्वारा गहन मॉनिटरिंग की जायेगी। नवसाक्षरों को परीक्षा केन्द्र तक लाने में अक्षर साथी, सामाजिक संस्था, वरिष्ठ नागरिकों, एन.एस.एस., एन.सी.सी., भारत स्काउट गाइड, नेहरू युवा केन्द्र, जन अभियान परिषद और आमजन का सहयोग भी लिया जायेगा।

 

India Edge News Desk

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