कश्मीर आने-जाने वाले रेल यात्रियों को अनिवार्य रूप से कटरा में उतारे जाने संबंधी खबरों की आलोचना की: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी

कश्मीर
कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले रेल लिंक के शुरू होने से पहले ही विवाद खड़ा हो गया है। सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस और विपक्षी दलों की ओर से सवाल उठाया जा रहा है। इनका कहना है कि कश्मीर आने और जाने वाले यात्रियों को कटरा में ट्रेन क्यों बदलनी होगी? इसे लेकर रेलवे अधिकारी कहते हैं कि यह फैसला सुरक्षा कारणों से लिया गया है। इसलिए कश्मीर जाने वाले यात्रियों को कटरा में उतरना होगा और आगे की यात्रा के लिए दूसरी ट्रेन पकड़नी होगी। पहले कहा कि अगर सुरक्षा कारणों से ट्रेन बदवाई जा रही है तो लोगों को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। जब उनके इस बयान की आलोचना हुई तो वह सफाई देने लगे।

सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि घाटी जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा का मुद्दा समझ आता है। मगर, उन्हें कटरा में ट्रेन बदलने के लिए मजबूर करना रेल लिंक परियोजना के मकसद को नाकाम कर देगा। अब्दुल्ला ने एक्स पर पोस्ट करके कहा, 'किसी भी गलतफहमी की संभावना को दूर करना होगा। हम ट्रेन और यात्रियों की सुरक्षा की आवश्यकता को समझते हैं, लेकिन उन्हें ट्रेन बदलने पर मजबूर करना मूल मकसद को नाकाम कर देगा। इससे हजारों करोड़ रुपये का निवेश बर्बाद हो जाएगा।' उन्होंने कहा कि यात्रियों को ट्रेन बदलने के बजाय कटरा या जम्मू में चेक किया जा सकता है। इसलिए हम ट्रेन बदलने का समर्थन नहीं करते हैं। हालांकि, अभी तक कोई ठोस प्रस्ताव नहीं आया है और जब होगा तो हम अपने सुझाव रखेंगे।

'यात्रियों पर पड़ेगा बोझ, ट्रेन बदलना सही नहीं'
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने कश्मीर आने-जाने वाले रेल यात्रियों को अनिवार्य रूप से कटरा में उतारे जाने संबंधी खबरों की आलोचना की। पार्टी ने इस कदम को लोगों के लिए अनावश्यक असुविधा करार दिया। इस फैसले को घाटी के लोगों पर अनावश्यक बोझ बताया और कहा कि इससे उनकी मुश्किलें और बढ़ेंगी। पीडीपी महासचिव मोहम्मद खुर्शीद आलम ने कहा कि यह कश्मीरियों के लिए सुविधा के बहुप्रचारित वादे को कमजोर करता है। उन्होंने कहा, 'वर्षों से हमें बताया जा रहा था कि कश्मीर के लिए ट्रेन सेवा से आम लोगों को लाभ होगा और यात्रा आसान होगी। इस नए निर्देश से पता चलता है कि कश्मीरी अब भी कोई वास्तविक यात्रा सुविधा पाने से दूर हैं। ट्रेन सेवाएं दिखावे से अधिक कुछ नहीं साबित हो रही हैं, जिनका उद्घाटन बड़े धूमधाम से किया गया था।' उन्होंने इस व्यवस्था को यात्रियों, खासकर बुजुर्गों और चिकित्सा उपचार के लिए यात्रा करने वाले लोगों पर अतिरिक्त बोझ बताया।

'जम्मू पर नकारात्मक असर की बात गलत'
उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच सीधी रेल सेवा शुरू होने से जम्मू पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव की आशंकाओं को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि काफी समय से लंबित इस परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र को भरपूर लाभ मिले। उन्होंने कहा कि रेल सेवा को लेकर लोगों में कुछ चिंताएं हैं, खासकर जम्मू में। उन्होंने कहा, 'अक्सर कहा जाता है कि जब रेल सेवा पठानकोट से जम्मू पहुंची तो पठानकोट में स्थिति थोड़ी कठिन हो गई। यहां भी, कुछ स्थानों पर यह धारणा है कि अगर रेलगाड़ियां जम्मू से सीधे कश्मीर पहुंच गईं तो जम्मू को भी पठानकोट जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। मैं अपनी सरकार की ओर से जम्मू के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कश्मीर के लिए रेल सेवा शुरू होने से जम्मू क्षेत्र पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बल्कि हम आश्वस्त करते हैं कि इससे जम्मू को लाभ होगा क्योंकि इससे व्यापार और पर्यटन बढ़ेगा और दोनों क्षेत्रों के बीच यात्रा भी बढ़ेगी।'

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button