सीतामढ़ी में मां जानकी की जन्मभूमि ‘सीता धाम’ का विकास बना चुनावी मुद्दा

सीतामढ़ी में मां जानकी की जन्मभूमि 'सीता धाम' का विकास बना चुनावी मुद्दा

'गुवाहाटी हाईकोर्ट के दो जजों को किया जाए स्थायी', सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश

युवाओं को मंदिर लाने के लिए इसरो प्रमुख ने बताया नायाब तरीका, बोले- इससे समाज बदल जाएगा

सीतामढ़ी
 लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में बिहार की पांच सीटों पर 20 मई को मतदान होना है। इनमें मां जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी सीट पर लोगों की नजर बनी हुई है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद इस चुनाव में सीता धाम का विकास यहां मुख्य चुनावी मुद्दा बन गया है।

बिहार में अधिकांश लोकसभा सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला है। सीतामढ़ी में भी मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनों गठबंधनों के बीच है। एनडीए ने यहां से जदयू के नेता देवेश चन्द्र ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि उनके मुकाबले राजद के अर्जुन राय ताल ठोक रहे हैं।

भाजपा के नेता लगभग सभी चुनावी सभा मे राम मंदिर निर्माण की बात जोर शोर से उठा रहे हैं। ऐसे में जदयू प्रत्याशी ठाकुर भी इस चुनाव में मां सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम को राष्ट्रीय महत्व दिलाने की बात उठा रहे हैं। स्थानीय लोग वर्षों से पुनौरा धाम के विकास को लेकर मांग उठाते रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीतामढ़ी में आयोजित चुनावी सभा में इस मुद्दे को उठाकर और हवा दे दी। शाह ने कहा कि सीतामढ़ी के पुनौरा में ऐसा धाम बनेगा जिसे दुनिया के लोग देखने आएंगे। उन्होंने कहा कि यहां भव्य मंदिर सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी और भाजपा ही बनवा सकती है। चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि सीतामढ़ी को राम सर्किट से जोड़ा भी जाएगा।

ऐसा नहीं कि राजद के प्रत्याशी अर्जुन राय इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। वे भी खुलकर पुनौरा धाम के विकास का वादा कर रहे हैं। राजद के नेता तेजस्वी यादव भी कहते हैं कि पुनौरा धाम का विकास हमारी वजह से हुआ है। उन्होंने कहा कि 17 महीने हम मंत्री थे। पर्यटन मंत्री के रूप में हम ने इसे पास किया था।

पिछले साल दिसंबर महीने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मां जानकी की जन्मभूमि पुनौरा धाम पहुंचे थे और सीता कुंड एवं पुनौरा धाम मंदिर में पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की थी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सीतामढ़ी जिला के पुनौरा धाम मंदिर परिसर में 72.47 करोड़ रुपये की लागत से होने वाले विकास कार्यों का शिलान्यास भी किया था। मुख्यमंत्री ने पुनौरा धाम परिसर एवं सीता कुंड का जायजा लिया था।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों में 39 पर जीत प्राप्त की थी। सीतामढ़ी सीट जदयू के खाते में आई थी और इस सीट से जदयू उम्मीदवार सुनील कुमार पिंटू ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने राजद के उम्मीदवार अर्जुन राय को 2.50 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया। हालांकि इस बार जदयू ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है।

सीतामढ़ी संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र बथनाहा, परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी, सीतामढ़ी, रुन्नीसैदपुर शामिल हैं। इनमें भाजपा के पास तीन, जदयू के पास दो और राजद के पास एक सीट है। माना जाता है कि राममन्दिर के बाद मां जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम के विकास और राष्ट्रीय फलक पर प्रसिद्धि को लेकर हुई घोषणाओं को लेकर लोगों में उत्साह है।

बहरहाल, लोगों में यह उत्साह एनडीए के पक्ष में वोट के रूप में कितना आता है इसका पता तो चार जून को परिणाम के बाद ही चलेगा, लेकिन इतना तय है कि जातीय समीकरणों के इतर इस चुनाव में मां जानकी की जन्मस्थली का विकास चुनावी मुद्दा बन गया है, जिसका चुनाव के परिणाम में अवश्य दखल दिखेगी।

 

'गुवाहाटी हाईकोर्ट के दो जजों को किया जाए स्थायी', सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश

नई दिल्ली
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र से गुवाहाटी हाईकोर्ट के दो न्यायाधीश को स्थायी करने की सिफारिश की है। इसके अलावा, न्यायाधीश राजेश सेखरी को इस साल 29 जुलाई से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश बनाने का सुझाव दिया है। बता दें, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और बीआर गवई वाली पीठ ने यह सुझाव दिया है।

इन लोगों को स्थायी न्यायाधीश बनाने की सिफारिश
न्यायमूर्ति सुष्मिता फुकन खौंड और मिताली ठाकुरिया, जो वर्तमान में गुवाहाटी हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप कार्यरत हैं, उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की गई है। सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक प्रस्ताव के माध्यम से सिफारिश को सार्वजनिक किया गया था। यह प्रक्रिया इस साल एक अप्रैल को हाईकोर्ट कॉलेजियम के प्रस्ताव के साथ शुरू हुई, जिसे बाद में असम, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने समर्थन दिया।

जस्टिस खौंड और ठाकुरिया स्थायी नियुक्तियों के लिए उपयुक्त
प्रक्रिया ज्ञापन के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस खौंड और ठाकुरिया की उपयुक्तता का मूल्यांकन करने के लिए गुवाहाटी हाईकोर्ट के कामकाज से परिचित न्यायाधीशों से परामर्श किया। इसके अतिरिक्त, दो-न्यायाधीशों की एक समिति ने उनके न्यायिक निर्णयों की समीक्षा की और पाया कि वे तर्कसंगत, तथ्यात्मक रूप से सुदृढ़ और प्रासंगिक मामले कानूनों द्वारा समर्थित हैं। रिकॉर्डों की गहन जांच, न्यायाधीशों और समिति की राय के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने निष्कर्ष निकाला कि जस्टिस खौंड और ठाकुरिया स्थायी नियुक्तियों के लिए उपयुक्त हैं।

स्थायी न्यायाधीश की नहीं जगह
एक अलग प्रस्ताव में, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उल्लेख किया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के कॉलेजियम ने 23 अप्रैल को न्यायमूर्ति राजेश सेखरी को नए कार्यकाल के लिए अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की थी। क्योंकि स्थायी न्यायाधीश की वहां कोई जगह नहीं है। इसलिए इस पर विचार किया जा सकता है। कॉलेजियम ने कहा, 'इसके मद्देनजर कॉलेजियम न्यायमूर्ति राजेश सेखरी को जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश करता है।'

 

युवाओं को मंदिर लाने के लिए इसरो प्रमुख ने बताया नायाब तरीका, बोले- इससे समाज बदल जाएगा

तिरुवनंतपुरम
इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने देश के युवाओं को मंदिरों से जोड़ने के लिए एक नायाब तरीका बताया है। उन्होंने दावा किया कि इस तरीके से समाज में बड़ा बदलाव आएगा। दरअसल एस सोमनाथ ने कहा कि मंदिरों में लाइब्रेरी खोलनी चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में युवा मंदिर आएं। एस सोमनाथ को तिरुवनंतपुरम के श्री उदियनुर देवी मंदिर में एक कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। इसी दौरान उन्होंने ये सुझाव दिया।

'मंदिर सिर्फ पूजा के स्थान नहीं होने चाहिए'
इसरो प्रमुख ने कहा कि 'मंदिर सिर्फ पूजा के स्थान नहीं होने चाहिए, जहां बड़े बुजुर्ग भगवान के नाम का जाप करने आएं बल्कि उन्हें ऐसी जगह बनना चाहिए, जो समाज में बदलाव लेकर आएं।' एस सोमनाथ ने मंदिर प्रबंधन समिति से अपील की कि युवाओं को मंदिर लाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। इसरो चीफ ने कहा 'मैं उम्मीद कर रहा था कि इस अवार्ड समारोह में बड़ी संख्या में युवा भी आएंगे, लेकिन किन्हीं कारणों से यह संख्या कम है। मंदिर समिति को ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिनसे युवा भी मंदिर आएं। मंदिरों में लाइब्रेरी बनाना कैसा रहेगा?'

समाज में लाया जा सकता है बड़ा बदलाव
इसरो प्रमुख ने कहा 'ऐसी पहल की जानी चाहिए कि युवा मंदिर आएं, जहां वे पढ़ सकें, विभिन्न मुद्दों पर बहस कर सकें और अपना करियर भी बना सकें। अगर मंदिर समितियां इस दिशा में आगे बढ़ती हैं तो इससे समाज में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।' एस सोमनाथ ने इसरो के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर से यह अवार्ड लिया। कार्यक्रम में पूर्व मुख्य सचिव के जयकुमार और विधायक वीके प्रशांत समेत कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। 

India Edge News Desk

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