दिग्विजय सिंह ने शैक्षिक संस्थानों के पाठ्यक्रम में भगवान राम और भगवान कृष्ण का पाठ पढ़ाए जाने पर सवाल खड़े किए

भोपाल
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शैक्षिक संस्थानों के पाठ्यक्रम में भगवान राम और भगवान कृष्ण का पाठ पढ़ाए जाने पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि राम और कृष्ण ही क्यों, सभी धर्म के गुरुओं के विचारों की शिक्षा दी जानी चाहिए। दिग्विजय सिंह ने कहा, राम और कृष्ण हमारे आदर्श हैं। शैक्षिक संस्थानों में उनके विचारों को पढ़ाना चाहिए, लेकिन क्या गुरु नानक, जीसस और मोहम्मद साहब के बारे में नहीं पढ़ाना चाहिए? इस दौरान कांग्रेस नेता ने भाजपा पर हमला करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कार्यशैली पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि हमें संघ से सीखना चाहिए। संघ कभी सड़कों पर धरना प्रदर्शन नहीं करता है, बल्कि अपने विचारों को घर-घर पहुंचाता है।

इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विश्व योग दिवस के मौके पर राज्य के उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम में भगवान राम और श्रीकृष्ण से जुड़े तथ्यों को शामिल करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि प्रदेश सरकार ने राम और कृष्ण पथ गमन का काम भी अपने हाथ में लिया है और उनके विचारों को पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाएगा। इसी पर अब दिग्विजय सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

इससे पहले नीट यूजी 2024 परीक्षा, मध्य प्रदेश की नर्सिंग परीक्षा और इंदौर विश्वविद्यालय में हुई गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस ने भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर शुक्रवार को धरना दिया। जिसमें दिग्विजय सिंह भी शामिल हुए। कांग्रेस नेताओं ने परीक्षा में हो रही गड़बड़ी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोला। पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल का कहना है कि परीक्षाओं में एक के बाद एक गड़बड़ियां सामने आ रही हैं, यह चिंता का विषय है और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी।

India Edge News Desk

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