प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ उनके ही देश में असंतोष चरम पर पहुंचा, क्या कह रहे नए सर्वे

जरूसलम
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ उनके ही देश में असंतोष चरम पर पहुंच गया है। इसकी बानगी एक सर्वे में देखने को मिली, जिसमें करीब तीन चौथाई इजरायली नागरिकों का कहना है कि पीएम नेतन्याहू को 7 अक्टूबर, 2023 की घटनाओं की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। इजरायल डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट द्वारा रविवार को जारी किए गए मासिक सर्वे के नतीजों के अनुसार लगभग 75 फीसदी इजरायलियों का मानना है कि नेतन्याहू को अब अपना पद छोड़ देना चाहिए।

टाइम्स ऑफ इजरायल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी महीने के लिए, किए गए एइजरायली वॉयस इंडेक्स (जो जनता की राय का एक मासिक सर्वेक्षण है) के सर्वे में 48 फीसदी लोगों का कहना है कि नेतन्याहू को तुरंत अपना पद छोड़ देना चाहिए, जबकि 24.5 फीसदी लोगों का मानना ​​है कि गाजा में युद्ध की समाप्ति के बाद उन्हें पीएम पद छोड़ देना चाहिए। इसके अलावा 14.5 फीसदी लोगों का कहना है कि उन्हें इस्तीफा दिए बिना और पद पर बरकरार रहते हुए गाजा से निपटने की जिम्मेदारी पूरी करनी चाहिए। हालांकि, 10 फीसदी लोग ऐसे भी हैं, जिनका कहना है कि नेतन्याहू को अब न तो जिम्मेदारी निभाने की जरूरत है और न ही इस्तीफा देने की जरूरत है।
'प्राइम मिनिस्टर नहीं क्राइम मिनिस्टर'

कुल मिलाकर देखें तो इस सर्वे में पाया गया है कि कुल 72.5% लोगों का मानना ​​है कि नेतन्याहू को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और अभी या युद्ध के बाद इस्तीफा दे देना चाहिए, जबकि 87% लोगों का मानना ​​है कि उन्हें 7 अक्टूबर की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, भले ही वे बाद में इस्तीफा दें या नहीं। बता दें कि इजरायल में लंबे समय से लोग 'प्राइम मिनिस्टर नहीं क्राइम मिनिस्टर' नाम का पोस्टर हाथों में थाम नेतन्याहू के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

यहूदियों में भी भारी रोष
जहां तक बात रही यहूदियों की तो 45% यहूदी उत्तरदाताओं का मानना ​​है कि नेतन्याहू को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए, जबकि 59% अरबों का मानना है कि नेतन्याहू को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। यह यहूदियों की तुलना में काफी ज्यादा है। ये सर्वे 25 से 28 फरवरी के बीच कराए गए थे। 73 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इस बात पर अपनी सहमति जताई कि इजरायल को हमास के साथ युद्ध विराम/बंधक वापसी समझौते के दूसरे चरण में आगे बढ़ना चाहिए। इस समझौते में दुश्मनी की पूर्ण समाप्ति, गाजा से वापसी और सभी बंधकों की रिहाई के बदले में फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई शामिल है। गाजा पर समझौते से जुड़े सवाल के उत्तरदाताओं में नेतन्याहू की अपनी लिकुड पार्टी के 61.5% मतदाता शामिल थे। हालांकि समझौते को जारी रखने के लिए समर्थकों की संख्या अन्य गठबंधन दलों के मतदाताओं के बीच विरोधियों से ज्यादा है।

India Edge News Desk

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