डॉ मनसुख मांडविया की 10 हजार से अधिक वॉलेंटियर के साथ छत्तीसगढ़ में पदयात्रा आज

जशपुर
केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ मनसुख मांडविया (Dr Mansukh Mandaviya) छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव (CM Vishnu Deo Sai) के साथ 13 नवंबर 2024 को छत्तीसगढ़ के जशपुर में जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Divas) के अवसर पर एक खास पदयात्रा का नेतृत्व करेंगे. इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मंत्रीगण भी शामिल होंगे. इस पदयात्रा का आयोजन भगवान बिरसा मुंडा की जयंती (Birsa Munda Jayanti) के उपलक्ष्य में किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान का सम्मान करना है.

10 हजार से ज्यादा वॉलेंटियर लेंगे हिस्सा

इस मौके पर 10 हजार से अधिक माई भारत यूथ वालंटियर्स भाग लेंगे, जो आदिवासी विरासत की रक्षा, समावेशिता को बढ़ावा देने और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित होंगे.

इस पदयात्रा के दौरान एक प्रदर्शनी स्थल पर ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलनों, आदिवासी नायकों को श्रद्धांजलि और भारत के आदिवासी समुदायों की अनूठी कलात्मकता और शिल्प कौशल का प्रदर्शन किया जाएगा. इस पदयात्रा के मार्ग के ठहराव स्थलों पर आदिवासी संस्कृति, सुंदर रंगोली कलाकृतियां, पेंटिंग और पारंपरिक आदिवासी कला का उत्सव मनाने वाले नाटकों का प्रदर्शन किया जाएगा. सीधी प्रसारित कार्यशालाएं उपस्थित लोगों को आदिवासी नृत्य, संगीत और साहित्य के साथ एक परस्पर अनुभव प्रदान करेंगी जबकि आदिवासी खाद्य पदार्थों का चयन उनके स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताएगा.

पदयात्रा के मुख्य आकर्षण

    सांस्कृतिक कार्यक्रम – सांस्कृतिक समृद्धि का उत्सव मनाते आदिवासी नृत्य और संगीत. स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी नेताओं के योगदान को दर्शाते हुए आदिवासी नृत्य और सांस्कृतिक प्रदर्शन.

    आदिवासी आंदोलनों पर प्रदर्शनी – ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलनों, आदिवासी नायकों को श्रद्धांजलि और आदिवासी समुदायों की कला व शिल्प कौशल का प्रदर्शन.

    जागरूकता कियोस्क – सरकारी योजनाओं और महिला लाभार्थियों के बारे में जानकारी.

    कला कार्यशालाएं – रंगोली, पेंटिंग, और आदिवासी कला-संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कार्यशालाएं.

    युवाओं के योगदान का उत्सव – माय भारत पोर्टल और एनवायकेएस उपलब्धियां दर्शाना.

    आदिवासी नेताओं को श्रद्धांजलि – प्रतिभागी प्रमुख आदिवासी हस्तियों की वेशभूषा में होंगे.

    आदिवासी उत्कृष्टता का सम्मान – पद्म पुरस्कार विजेताओं का अभिनंदन और पारंपरिक खेलों का प्रोत्साहन.

    आदिवासी भोजन: स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के आदिवासी खाद्य पदार्थ परोसना.

इस आयोजन का उद्देश्य आदिवासी विरासत और संस्कृति की गहन समझ को बढ़ावा देना और सरकारी कल्याणकारी पहलों में आदिवासी समुदाय को सक्रिय रूप से शामिल करना है. युवाओं को भारत की समृद्ध आदिवासी विरासत से जुड़ने, समझने और उसका सम्मान करने का अवसर देने के लिए युवा कार्यक्रम विभाग माई भारत पोर्टल के माध्यम से देशभर के युवाओं को इस पदयात्रा में शामिल होने का आमंत्रण देता है.

India Edge News Desk

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