अगर आज इंदिरा जी का जमाना होता तो 12 लाख रुपये तक की आय पर आपके 10 लाख रुपये टैक्स में चले जाते: पीएम मोदी

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट के बाद रविवार को कांग्रेस पर टैक्स को लेकर हमला बोला। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी का हवाला देते हुए दावा किया कि उनकी सरकारों ने लोगों की कमाई पर भारी टैक्स लगाया, जबकि मोदी सरकार ने टैक्स का बोझ कम किया और मध्यम वर्ग को अधिक राहत प्रदान की। दिल्ली चुनाव के लिए आरके पुरम में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''अगर नेहरू जी के जमाने में आप 12 लाख रुपये कमाते तो 12 लाख रुपये की आय पर आपकी एक चौथाई सैलरी सरकार वापस ले लेती। अगर आज इंदिरा जी का जमाना होता तो 12 लाख रुपये तक की आय पर आपके 10 लाख रुपये टैक्स में चले जाते। 10-12 साल पहले तक, कांग्रेस की सरकार में अगर आप 12 लाख रुपये कमाते तो आपको 2 लाख 60 हजार रुपया टैक्स देना होता। भाजपा सरकार के कल के बजट के बाद, साल में 12 लाख कमाने वाले को एक रुपया भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा।''

पीएम मोदी ने कहा कि देश के विकास में हमारे मिडिल क्लास का बहुत बड़ा योगदान है। यह बीजेपी ही है, जो मिडिल क्लास को सम्मान देती है, ईमानदार टैक्सपेयर्स को पुरस्कार देती है। बजट का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए चार स्तंभों को मजबूत करने की गारंटी देश को दी थी। ये स्तंभ हैं- गरीब, किसान, नौजवान और नारीशक्ति। कल जो बजट आया है, वो मोदी की ऐसी ही गारंटियों को पूरा करने की गारंटी है।

केंद्रीय बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को घोषणा की कि सालाना 12 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को आयकर नहीं देना होगा। उन्होंने कहा कि यह मध्यम वर्ग की मदद के लिए उठाया गया कदम है। 75,000 रुपये की मानक कटौती के साथ, कर-मुक्त आय सीमा प्रभावी रूप से 12.75 लाख रुपये होगी। उन्होंने कहा, "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि नई व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा।''

वहीं, बजट के बाद पीटीआई को दिए गए एक इंटरव्यू में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टैक्स में कटौती के विचार के पूरी तरह से समर्थन में थे, लेकिन नौकरशाहों को समझाने में समय लगा। निर्मला सीतारमण ने कहा, ''…पीएम बहुत स्पष्ट थे कि वह कुछ करना चाहते हैं। मंत्रालय को सहजता से काम करना है और फिर प्रस्ताव पर आगे बढ़ना है। इसलिए, जितना अधिक काम करने की आवश्यकता थी, बोर्ड को यह समझाने की आवश्यकता थी कि संग्रह में दक्षता और ईमानदार करदाताओं की आवाज… यह सब मंत्रालय का काम था, पीएम का नहीं।'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरह उनकी सरकार ने भी हमेशा विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की आवाज सुनी है।

India Edge News Desk

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