इंदौर में उद्योग एवं रोजगार वर्ष के दौरान औद्योगिक निवेश को बढ़ावा और रोजगार के अवसर के लिये होंगे प्रयास

इन्दौर
राज्य शासन के निर्देशानुसार इस वर्ष को उद्योग एवं रोजगार वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। उद्योग एवं रोजगार वर्ष के दौरान इंदौर संभाग में की जाने वाली गतिविधियों, औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने, रोजगार के अवसर में वृद्धि, औद्योगिक ईकाईयों के समस्याओं के निराकरण और अन्य संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिये आज यहां संभागायुक्त श्री दीपक सिंह की अध्यक्षता में रीजनल कांफ्रेंस आयोजित की गई। इस कांफ्रेंस में इंदौर कलेक्टर श्री आशीष सिंह सहित संभाग के अन्य जिलों के कलेक्टर्स, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, संबंधित विभागों के अधिकारी और पीथमपुर औद्योगिक संगठन के श्री गौतम कोठारी मौजूद थे। इस अवसर पर संभागायुक्त श्री दीपक सिंह ने कहा कि संभाग में औद्योगिक निवेश के लिये बेहतर ईको सिस्टम है। यहां औद्योगिक ईकाईयों की स्थापना के लिये अनुकूल वातावरण, संसाधन, सुविधाएं, कुशल मानव संसाधन आदि उपलब्ध है। इसको देखते हुए संभाग में बड़ी संख्या में निवेशक निवेश के लिये आकर्षित हो रहे है। निवेशकों द्वारा 82 हजार करोड़ रूपये से अधिक के निवेश की इच्छा जाहिर की गई है। इससे इंदौर संभाग में औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी।

      संभागायुक्त श्री दीपक सिंह ने सभी कलेक्टरों से कहा कि वे अपने-अपने जिलों में भूमि का चिन्हांकन जल्द से जल्द कर लेवें, जिससे की निवेशकों को भूमि जल्द आवंटित की जा सकें। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर्स अपने-अपने स्तर पर भी निवेशकों को औद्योगिक ईकाईयों की स्थापना के लिये प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि इस वर्ष को उद्योग एवं रोजगार वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसको देखते हुए यह प्रयास करें कि अपने-अपने क्षेत्रों में अधिक से अधिक औद्योगिक ईकाईयां स्थापित हो। अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिले। यह प्रयास भी किये जाये कि औद्योगिक क्षेत्रों में किसी भी तरह की समस्याएं नहीं रहे। स्थानीय स्तर पर समस्याओं के निराकरण के लिये औद्योगिक ईकाईयों और संबंधित अधिकारियों के साथ कम से कम दो माह में एक बैठक जरूर हो। उन्होंने कहा कि बुरहानपुर में हर ग्राम पंचायत स्तर पर एक लूम स्थापना के प्रयास भी किये जाये। इंदौर की तरह यह प्रयास भी करे कि हर ग्राम पंचायत पर एक औद्योगिक ईकाई हो, जिससे की ग्राम स्तर के ‍ही कम से कम दस युवाओं को रोजगार मिले सकें। उल्लेखनीय है कि इंदौर जिले में कलेक्टर श्री आशीष सिंह की पहल पर नवाचार करते हुए हर ग्राम पंचायत स्तर पर एक औद्योगिक ईकाई की स्थापना की जा रही है। यह कार्य लगभग पूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर्स यह प्रयास भी करें कि उनके जिले में निजी क्षेत्र के माध्यम से भी औद्योगिक केन्द्र विकसित हो। इसके लिये राज्य शासन द्वारा डेवलपर्स को पूरी मदद दी जायेगी।

      इस अवसर पर एमपीआईडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राजेश राठौर ने संभाग में औद्योगिक विकास की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंदौर संभाग में औद्योगिक विकास के लिये निरंतर कारगर प्रयास किये जा रहे है। इसको देखते हुए संभाग के इंदौर जिले में अभी तक 50 हजार करोड़ रूपये निवेश की औद्योगिक ईकाईयां स्थापित हुई है। इससे लगभग एक लाख युवाओं को रोजगार मिल रहा है। इसी तरह धार जिले में एक लाख 20 हजार करोड़ रूपये, खरगोन जिले में 1500 करोड़ रूपये, बड़वानी जिले में 162 करोड़ रूपये, झाबुआ जिले में 1500 करोड़ रूपये ‍निवेश की औद्योगिक ईकाईयां स्थापित हो चुकी है। अन्य जिलों में भी औद्योगिक ईकाईयों की स्थापना के प्रयास निरंतर जारी है। बताया गया कि इंदौर में जल्द ही आईटी पार्क-3 और 4, पीथमपुर सेक्टर-7 का काम भी जल्द पूरा होगा। जिले में एकोनॉमी कॉरिडोर, प्लग एण्ड प्ले पार्क बरलई पर भी काम चल रहा है। इसी तरह धार जिले में पीएम मित्र पार्क तिलगारा, लालबाग-बसई और पीथमपुर सेक्टर-7 पर भी काम चल रहा है।

India Edge News Desk

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