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महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद बढ़ेगा महिलाओं का चुनावी कद, पार्टियों का ध्यान आधी आबादी पर

पहली बार विधानसभा चुनाव में महिलाएं राजनीतिक दलों की प्राथमिकता बन गई हैं. संसद में महिला आरक्षण बिल आने के बाद कांग्रेस और बीजेपी का फोकस आधी आबादी पर हो गया है.

रायपुर: पहली बार विधानसभा चुनाव में महिलाएं राजनीतिक दलों की प्राथमिकता बन गई हैं. संसद में महिला आरक्षण बिल आने के बाद कांग्रेस और बीजेपी का फोकस आधी आबादी पर हो गया है. बीजेपी जहां महिला आरक्षण के मुद्दे पर चुनाव मैदान में है, वहीं कांग्रेस भूपेश सरकार में महिलाओं के हित में किए गए कामों की तारीफ कर रही है. अब इसकी गूंज चुनावी सभाओं में सुनाई दे रही है. हालात ऐसे हैं कि टिकट बंटवारे में भी इसकी धमक दिखाई देगी और बड़े राजनीतिक दल पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारेंगे |

राज्य विधानसभा में 18 फीसदी महिला विधायक हैं

जो देश के अन्य राज्यों से बेहतर है. राज्य विधानसभा में फिलहाल 16 महिला विधायक हैं. वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ की पहली विधानसभा में 90 में से छह सीटों पर महिला विधायक थीं. दूसरी विधानसभा में भी छह महिला विधायक जीतीं. 2008 के चुनाव में महिला विधायकों ने 12 सीटें और 2013 के चुनाव में 10 सीटें जीतीं। राज्य में दो विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां महिला उम्मीदवारों ने निर्दलीय उम्मीदवारों को हराया। इसमें रायपुर दक्षिण से आठ और रायपुर पश्चिम से सात महिला प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। हालांकि इसमें से किसी को जीत नहीं मिली।

उपचुनाव से ही महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारना शुरू कर दिया था

कांग्रेस ने राज्य में सत्ता में आने के बाद से ही महिला नेताओं को उपचुनाव में उम्मीदवार बनाना शुरू कर दिया था। दंतेवाड़ा में भीमा मंडावी की नक्सली हत्या के बाद भले ही कांग्रेस ने पारंपरिक देवी कर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया हो, लेकिन खैरागढ़ और भानुप्रतापपुर उपचुनाव में उन महिला नेताओं को मौका दिया गया, जो विधानसभा चुनाव लड़ रही थीं. पहली बार। उतरीं। खैरागढ़ से यशोदा वर्मा और भानुप्रतापपुर से दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को उम्मीदवार बनाया गया था। चुनाव लड़ने से पहले सावित्री शिक्षक थीं और कोई भी चुनाव नहीं लड़ी थीं।

भाजपा को मोदी सरकार की योजनाओं पर भरोसा है

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू कर महिलाओं को सामाजिक समानता का अधिकार दिया है। मुस्लिम बहनों के लिए तीन तलाक कानून, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं में महिलाओं को मजबूत किया गया। उज्ज्वला गैस सिलेंडर देकर धुएं से मुक्ति दिलाई गई। इस योजना से हर घर की महिलाओं को लाभ हुआ।

बीजेपी की पहली सूची में पांच महिला उम्मीदवार

बीजेपी ने 21 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है, जिसमें पांच महिला उम्मीदवार हैं. बीजेपी ने भटगांव से लक्ष्मी राजवाड़े, प्रतापपुर से शकुंतला पोर्ते, सरायपाली से सरला कोसरिया, खल्लारी से अलका चंद्राकर और खुज्जी से गीता साहू को मैदान में उतारा है. बसपा की नौ उम्मीदवारों की पहली सूची में पामगढ़ से वर्तमान विधायक इंदु बंजारे को टिकट दिया गया है। वहीं, आम आदमी पार्टी की घोषित दस सीटों में से एक भी महिला को उम्मीदवार नहीं बनाया गया है |

दो सीट जहां कांग्रेस-भाजपा से महिला प्रत्याशी

सारंगढ़- कांग्रेस- उत्तरी जांगड़े- भाजपा- केराबाई मनहर

तखतपुर-कांग्रेस- रश्मि सिंह- भाजपा-हर्षिता पांडेय

वर्ष- कांग्रेस प्रत्याशी-जीत, भाजपा प्रत्याशी-जीत

2003- 08- 00 – 06- 04

2008-10- 05- 10-06

2013- 12- 04- 10- 06

2018-13-12-14-01

India Edge News Desk

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