सेंसर बोर्ड से ‘इमरजेंसी’ को मिली राहत, इन बदलावों के साथ रिलीज हो सकेगी कंगना रनौत की फिल्म

मुंबई

कंगना रनौत की अपकमिंग फिल्म 'इमरजेंसी' को सेंसर बोर्ड से बड़ी राहत मिल गई है. भारी विवाद के बीच सेंसर बोर्ड ने फिल्म को यूए सर्टिफिकेशन दे दिया है. अब 'इमरजेंसी' जल्द सिनेमाघरों में दस्तक दे सकती है लेकिन इसके लिए मेकर्स को पहले फिल्म में सीबीएफसी के सुझाए गए कट्स और बदलाव करने होंगे.

द संडे एक्सप्रेस के मुताबिक 'इमरजेंसी' को लेकर सेंसर बोर्ड तीन कट सुझाए हैं. बताया जा रहा है कि मेकर्स ने 8 जुलाई को ही सर्टिफिकेशन के लिए फिल्म को सेंसर बोर्ड में जमा किया था. इसके एक महीने बाद शिरोमणि अकाली दल और कई सिख संगठनों फिल्म पर बैन लगाने की मांग करने लगे. ऐसे में सीबीएफसी ने लेटर के जरिए फिल्म के प्रोडक्शन हाउस को 10 कट और बदलाव सुझाए थे.

फिल्म से हटाने होंगे ये विजुअल्स
'इमरजेंसी' के प्रोडक्शन हाउस मणिकर्णिका फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड ने सीबीएफसी के सुझाए 10 में से 9 सजेशन्स पर हामी भरी थी. सेंसर बोर्ड ने फिल्म से एक सीन में कुछ विजुअल्स को हटाने या बदलने की सलाह भी दी है. इस सीन में पाकिस्तानी सैनिकों को बांग्लादेशी शरणार्थियों पर हमला करते हुए दिखाया गया है. इसमें दिखाया गया है कि एक सैनिक एक बच्चे का सिर काट रहा है और दूसरा तीन महिलाओं का सिर काट रहा है.

इन चीजों को बदलने की भी दी गई सलाह
सीबीएफसी ने 'इमरजेंसी' के मेकर्स को फिल्म में एक नेता की मौत के जवाब में भीड़ में से किसी के अपशब्द बोलने को बदलने के लिए भी कहा था. बोर्ड ने फिल्म में एक डायलॉग में इस्तेमाल किए गए सरनेम को बदलने का भी निर्देश दिया था. इसके अलावा सीबीएफसी ने फिल्म में दिखाए गए रिसर्च रिफ्रेंस और डेटा के लिए फैक्चुअल सोर्स के बारे में बताने की भी सलाह दी है. इसमें बांग्लादेशी शरणार्थियों की जानकारी, अदालती फैसलों की डिटेल और 'ऑपरेशन ब्लूस्टार' के आर्काइवल फुटेज के इस्तेमाल किए जाने की इजाजत शामिल है.

जल्द सामने आ सकती है 'इमरजेंसी' की नई रिलीज डेट
बता दें कि कंगना रनौत की 'इमरजेंसी' पहले 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी. लेकिन फिल्म को लेकर हुए हंगामे के बाद इसे सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेशन नहीं मिला और रिलीज टल गई. अब सेंसर बोर्ड से क्लियरेंस मिलने के बाद उम्मीद है कि मेकर्स जल्द ही 'इमरजेंसी' की नई रिलीज डेट अनाउंस होगी.

कंगना की ‘इमरजेंसी’ को मिली हरी झंडी

सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने कंगना की फिल्म ‘इमरजेंसी’ के निर्माताओं से विवादित ऐतिहासिक बयानों का सोर्स मांगा है, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन द्वारा भारतीय महिलाओं के बारे में की गई अपमानजनक टिप्पणी और विंस्टन चर्चिल द्वारा भारतीयों को 'खरगोशों की तरह प्रजनन करने वाले' कहने वाली टिप्पणी भी शामिल हैं. निर्माताओं को इन दोनों बयानों का सार्स CBFC को देना होगा. मेकर्स ने जुलाई में फिल्म को सर्टिफिकेशन के लिए जमा किया था और 8 अगस्त को सीबीएफसी ने फिल्म में 3 कट और 10 बदलाव करने को कहा था.

3 कट और 10 बदलाव के बाद रिलीज होगी फिल्म

सीबीएफसी ने मणिकर्णिका फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को खत भेजकर ‘यूए’ सर्टिफिकेट के लिए 10 जरूरी बदलावों की लिस्ट दी थी. बोर्ड ने सुझाव दिया कि फिल्म के उस सीन को हटा या बदल दिया जाए, जिसमें पाकिस्तानी सैनिक बांग्लादेशी शरणार्थियों पर हमला करते हैं. खासकर जहां एक सैनिक एक नवजात बच्चे और तीन महिलाओं के सिर काट देता है. सीबीएफसी के 8 अगस्त के पत्र के बाद, सूत्रों के मुताबिक, फिल्म निर्माताओं ने 14 अगस्त को जवाब दिया और उसी दिन फिल्म का ट्रेलर भी रिलीज किया गया. बताया जा रहा है कि फिल्ममेकर्स ने एक कट को छोड़कर बाकी सभी बदलावों पर सहमति दे दी है.

18 सितंबर तक होगा सर्टिफिकेट पर फैसला

29 अगस्त को फिल्म निर्माताओं को एक ईमेल मिला जिसमें कहा गया कि उनकी फिल्म को ‘UA’ सर्टिफिकेट मिल गया है, लेकिन असल में कोई सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया. सर्टिफिकेट न मिलने के बाद 'इमरजेंसी' फिल्म के मेकर्स ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट में, सीबीएफसी के वकील ने बताया कि फिल्म निर्माताओं की 14 अगस्त की प्रतिक्रिया के रिव्यू के लिए एक नई बैठक अभी तक नहीं बुलाई गई है. इसलिए सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया. बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीएफसी को 18 सितंबर तक सर्टिफिकेट पर फैसला लेने का समय दिया है. 

India Edge News Desk

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