मध्यप्रदेश में न्याय व्यवस्था की प्रक्रिया को और सरल करने के लिए डिजिटलीकरण पर जोर, कैसी है ये अनूठी मुहिम

देवास
मध्यप्रदेश में न्याय व्यवस्था में तेजी लाने के साथ ही पारदर्शी बनाने की पहल की गई है. इस काम में पुलिस विभाग के साथ ही चिकित्सा, न्यायालय, अभियोजन एवं जेल के बीच समन्वय स्थापित किया जाएगा. डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ये सारे विभाग सूचनाओं तथा दस्तावेजों का आदान-प्रदान करेंगे. डीजीपी कैलाश मकवाना ने ये पहल शुरू की है. इसके लिए देवास जिले को पायलट डिस्ट्रिक्ट के रूप में चयनित किया गया है.
संबंधित विभाग मिलकर प्रक्रिया को सरल बनाएंगे
इस अभियान का उद्देश्य एफआईआर से लेकर अंतिम निर्णय तक के मार्ग में आने वाली समस्त प्रक्रियाओं को सभी विभागों के समन्वय से सरल करना है. संबंधित विभागों को एकीकृत डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से जोड़कर न्याय व्यवस्था को तेज किया जाएगा. इसी संबंध में देवास में कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव एस. कालगांवकर, एडीजी एससीआरबी चंचल शेखर के मुख्य आतिथ्य में कार्यशाला में इसी बात पर मंथन किया गया.
संबंधित विभागीय अफसरों को ट्रेनिंग
बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत देवास प्रदेश का पहला ऐसा जिला है, जहां अधिकतम विवेचकों को टेबलेट प्रदान किए जाएंगे, जिससे उनकी कार्यप्रणाली अधिक सुदृढ़, पारदर्शी एवं दक्ष बनेगी. इस डिजिटल एकीकरण के तहत समन एवं वारंट, बेल एप्लीकेशन मोड्यूल में तेजी लाई जाएगी. इसके लिए विभागीय अफसरों को ट्रेनिंग दी जा रही है. योजना के तहत पुलिसकर्मियों, चिकित्सकों, एफएसएल अधिकारियों, अभियोजन अधिवक्ताओं और विवेचकों को इस बारे में ट्रेनिंग देने की योजना तैयार की गई है. देवास में आयोजित इस कार्यशाला में देवास के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार मिश्रा, एडीजी उज्जैन उमेश जोगा, डीआईजी उज्जैन नवनीत भसीन, कलेक्टर देवास ऋतुराज सिंह आदि मौजूद रहे.
समन और वारंट भी ऑनलाइन होंगे तामील
देवास पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने इस परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अब न्याय व्यवस्था के सभी स्तंभ एक साझा डिजिटल मंच पर आपस में जुड़ेंगे, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता, गति और सुगमता आएगी. पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत अपराध पंजीकरण के बाद एमएलसी, एफएसएल रिपोर्ट का आदान प्रदान करना है. साथ ही न्यायालय द्वारा जारी समस्त समन और वारंट भी ऑनलाइन तामील किए जाएंगे.