अब कार्यालयों में भी परोसी जा सकेगी शराब

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
चंडीगढ़ : होटल, रेस्तरां और बार में बीयर और शराब आम है। लेकिन, दफ्तर में अगर दफ्तर में शराब उपलब्ध हो तो आश्चर्य होना स्वाभाविक है। लेकिन भारत के एक राज्य ने अपनी आबकारी नीति में एक बड़ा बदलाव किया है, जिससे कार्यस्थल की कैंटीन में शराब परोसी जा सकेगी।
हरियाणा सरकार ने एक नई उत्पाद शुल्क नीति को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत अब कॉरपोरेट कार्यालयों में भी बीयर और शराब परोसी जा सकेगी। हरियाणा की नई उत्पाद शुल्क नीति 12 जून से लागू होगी। तो हरियाणा में शराब के शौकीन लोग अब कॉरपोरेट कंपनियों के दफ्तरों में भी शराब का स्वाद चख सकेंगे.
हरियाणा सरकार की नई उत्पाद शुल्क नीति के तहत कॉरपोरेट कंपनियां अपने कर्मचारियों को कम अल्कोहल वाली बीयर और वाइन की पेशकश कर सकेंगी। साथ ही बार ऑफिस में ही शुरू किए जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए कंपनी को कुछ जरूरी शर्तें पूरी करनी होंगी।
नई एक्साइज ड्यूटी पॉलिसी के मुताबिक कम से कम पांच हजार कर्मचारियों वाली कॉरपोरेट कंपनियों को ही ऑफिस बार खोलने की इजाजत होगी। इसके अलावा कार्यालय का क्षेत्रफल 01 लाख वर्ग फुट होना चाहिए और कम से कम दो हजार वर्ग फुट क्षेत्र की कैंटीन भी बनानी होगी।
एल-10एफ लाइसेंस केवल उन कंपनियों को जारी किया जाएगा जो लाइसेंस की सभी शर्तों को पूरा करती हैं, जिसके लिए कंपनी को सालाना 10 लाख रुपये का शुल्क देना होगा। इसके साथ ही लाइसेंस मांगने वाली कंपनी को तीन लाख रुपए सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर देने होंगे।
इस बीच कई कंपनियां इसकी मांग कर रही थीं। सरकार की ओर से तर्क दिया गया है कि सरकार ने उसके बाद यह फैसला लिया है। एक अनुमान के मुताबिक अकेले गुरुग्राम में ऐसी 500 कंपनियां हैं, जो इस लाइसेंस का लाभ उठा सकती हैं। इसके अलावा फरीदाबाद और एनसीआर में कई मल्टीनेशनल कंपनियां हैं, जिन्हें इस पॉलिसी का लाभ मिलेगा।
नई उत्पाद शुल्क नीति में आयोजकों द्वारा मनोरंजन कार्यक्रमों, प्रदर्शनियों, सेलिब्रिटी इवेंट्स, कॉमेडी शो, मैजिक शो, मेगा शो के लिए ली जाने वाली लाइसेंस फीस में वृद्धि की गई है।