घर-घर गोकुल, घर-घर गोपाल, जहां-जहां श्रीकृष्ण के चरण पड़े, उन स्थलों को विकसित कर रहे हैं तीर्थ के रूप में : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मंदिरों में आकर्षक श्रृंगार के लिए सरकार की ओर से दिए जाएंगे 15 पुरस्कार
1.50 लाख के तीन, एक लाख रुपए के पांच एवं 51 हजार के सात पुरस्कार दिए जाएंगे
मुख्यमंत्री निवास पर हुआ श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का भव्य समारोह
एक हजार से अधिक बाल-गोपाल राधा-कृष्ण की वेशभूषा में हुए शामिल
मुख्यमंत्री निवास हुआ कृष्णमय

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जहां-जहां भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े हैं, वह हमारे लिए वंदनीय हैं। हमारी सरकार श्रीकृष्ण की चिरस्मृतियों से जुड़े सभी स्थानों एवं लीलास्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित कर रही है। उन्होंने कहा कि राम वनगमन पथ की तरह हम श्रीकृष्ण पाथेय के विकास के लिए काम कर रहे हैं। इसके अंतर्गत उज्जैन के सांदीपनि आश्रम, धार के जानापाव और अमझेरा को तीर्थ बनाया जाएगा। ये सभी स्थान गोकुल जितने ही पवित्र हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध करके तत्कालीन समय में प्रजातंत्र की स्थापना की। माखन से गोपाल कृष्ण और बलराम का विशेष लगाव था। गोकुल से यह माखन मथुरा न पहुंच पाए, इसलिए श्रीकृष्ण ने बाल्यकाल में ही अपने साथियों की टीम बनाई और गोकुल ले जाई जा रही माखन की मटकियों को फोड़ना प्रारंभ कर दिया। यह एक प्रकार से तत्कालीन अतिवादी ताकतों के खिलाफ खुले विद्रोह के समान था। योगीराज श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में विभिन्न लीलाओं के जरिए समाज के समक्ष जीवन का कर्मवादी ध्येय प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को मुख्यमंत्री निवास में आयोजित श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर्व, हलधर महोत्सव और लीलाधर प्रकटोत्सव समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जन्माष्टमी के भव्य समारोह में इस्कॉन मंदिर के पुजारी के मंत्रोच्चार के बीच बालगोपाल कृष्ण स्वरूप का जलाभिषेक, पूजा-अर्चना एवं दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस्कॉन इंटरनेशनल संस्था की ओर से कार्यक्रम में शामिल हुए धर्मप्रेमी बंधुओं को भगवान श्रीकृष्ण (लड्डू गोपाल) की प्रतिमा, कृष्ण साहित्य एवं प्रसादी का वितरण किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने कौरव- पांडवों के बीच हुए भीषण युद्ध महाभारत में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया और सदैव धर्म की रक्षा के लिए पांडवों के साथ खड़े रहे। श्रीकृष्ण ने द्वारकापुरी छोड़ते समय अपने पुत्र को सिंहासन पर नहीं बिठाया। वे अपने सिर पर सदैव मोरमुकुट धारण करते थे। इस प्रकार से योगेश्वर श्रीकृष्ण ने अपनी ग्रामीण सांस्कृतिक विरासत को हमेशा अपने सर माथे से लगाए रखा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार श्रीकृष्ण के ज्ञान, उनके उपदेश और सांस्कृतिक विरासत को प्रोत्साहित कर रही है। सरकार ने गौमाता के संरक्षण और दुग्ध उत्पादन से किसानों की आय बढ़ाने के लिए डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना शुरू की है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने घर-घर को गोकुल बनाने और घर-घर में बच्चों को संस्कारित कर गोपाल कृष्ण बनाने, उन्हें भगवान श्रीराम के मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप के जीवन आदर्श सिखाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रदेश में सांदीपनि विद्यालय स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता का पूरा प्रसंग सामाजिक समरसता का उत्कृष्ट उदाहरण है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व, हलधर महोत्सव एवं लीलाधर प्रकटोत्सव के अंतर्गत संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश के 162 स्थानों पर प्रमुख मंदिरों में हुए भक्तिपरक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश के 3 हजार से अधिक श्रीकृष्ण मंदिरों में आकर्षक साज-सज्जा एवं श्रृंगार भी जन्माष्टमी के अवसर पर किया गया है। इनमें स्थानीय सांसद, मंत्री और विधायक, अन्य जनप्रतिनिधि आमजन के साथ पूरे हर्षोल्लास के साथ जन्माष्टमी पर्व मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंदिरों में आकर्षक साज-सज्जा एवं श्रृंगार के लिए सरकार द्वारा 1.50 लाख रुपए के तीन पुरस्कार, एक लाख रुपए के पांच पुरस्कार एवं 51 हजार रुपए के सात पुरस्कार, कुल 15 पुरस्कार दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम में माताओं, बहनों को बाल स्वरूप गोपाल कृष्ण की प्रतिमा, सिंगार, पंजीरी, माखन मिश्री और प्रसादी वितरित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 'हाथी घोड़ा पालकी-जय कन्हैया लाल की, नंद घर आनंद भयो-जय कन्हैया लाल की' का उद्घोष एवं बालगोपालों का पुष्पवर्षा के बीच मटकी फोड़ी और 'गोविंदा आला रे' गाना भी गाया। इस अवसर पर श्रीकृष्ण एवं राधा की आकर्षक वेशभूषा में सुसज्जित एक हजार से अधिक बाल गोपाल इस भव्य जन्माष्टमी महोत्सव में शामिल हुए। कार्यक्रम में उनके अभिभावक एवं माताएं बहनें बड़ी संख्या में उपस्थित थीं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भगवान श्रीकृष्ण एवं राधारानी की लीलाओं पर आधारित मधुर गीत संगीत की प्रस्तुतियों का आनंद लिया एवं किशन कन्हैया के स्वरूप में कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों को गोद में लेकर आनंदपूर्वक दुलार भी किया। मुख्यमंत्री ने सबके साथ समूहचित्र भी खिंचवाए।

कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, खजुराहो सांसद श्री वीडी शर्मा, भोपाल सांसद श्री आलोक शर्मा, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, विधायक श्री भगवान दास सबनानी, भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय, नगर निगम अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सुरेश पचौरी, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाना, अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय श्री नीरज मंडलोई, सचिव एवं आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े, मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्री श्रीराम तिवारी, पूर्व राज्यसभा सांसद श्री रघुनंदन शर्मा, संगठन के पूर्व पदाधिकारी श्री माखन सिंह, समाजसेवी श्री हितानंद शर्मा, श्री रविन्द्र यति, श्री सुमित पचौरी सहित अनेक धर्मप्रेमी बंधु उपस्थित थे।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button